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…तो क्या अपने स्वर्गीय पिता का फ़र्ज़ निभा गए चिराग, बिहार में हारकर भी बन गए ‘भाजपा के हीरो’

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और एग्जिट पोल में सरकार बनाते हुए नज़र आने वाले महागठबंधन को नतीजे जारी होने के बाद तगड़ा झटका लगा है. बिहार में महागठबंधन महज 110 सीटों पर सिमट कर रह गया है. वहीं NDA ने बहुमत के आंकड़े 122 को छू लिया है. इस चुनाव में NDA को कुल 125 सीटें मिली है जो कि बहुमत से तीन सीट अधिक है. बता दें कि NDA के अंतर्गत भारतीय जनता पार्टी को सबसे अधिक 74 सीटें मिली है, वहीं सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को 43 सीटें मिली है.

बिहार चुनाव में महागठबंधन की हार के साथ ही चिराग पासवान की पार्टी लोजपा की शर्मनाक हार की भी बहुत चर्चा हो रही है. 2015 के विधानसभा चुनाव में 2 सीटें जीतने वाली लोक जनशक्ति पार्टी इस चुनाव में महज 1 सीट जीत सकी है.

लेकिन इसके बावजूद लोजपा की काफी चर्चा की जा रही है और चिराग पासवान को भाजपा के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है. आइए जानते हैं आखिर कैसे चिराग पासवान भारतीय जनता पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो गए हैं ?

महागठबंधन का खेल बिगाड़ने में कामयाब हुए चिराग…

चुनावी पंडितों को अनुमान था कि, बिहार में नीतीश कुमार पिछले 15 साल से राज कर रहे हैं और ऐसा माना जा रहा था कि नीतीश कुमार को जनता ने अब कुर्सी से उतारने का मन बना लिया है. वहीं एग्जिट पोल ने भी यह साफ़ कर दिया था कि बिहार में नीतीश कुमार की कुर्सी पर ख़तरा मंडरा रहा है. नीतीश से नाराजगी को देखते हुए ऐसा लग रहा था कि मतदाता महागठबंधन को वोट दे सकते हैं, लेकिन चिराग पासवान ने ऐसा होने नहीं दिया.

चिराग के कारण महागठबंधन को जाने वाले वोट का फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिला है और इसी का नतीजा रहा कि बिहार में आधी सीटों पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा 74 सीटें जीत लाई और वह इस विधानसभा चुनाव में राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. भाजपा को फायदा पहुंचाने के साथ ही चिराग की पार्टी लोजपा ने सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को भी झटका दिया है.

बताया जा रहा है कि बिहार में लगभग दो दर्जन सीटों पर जदयू को लोजपा के कारण नुकसान झेलना पड़ा है. लेकिन जदयू के पिछड़ने के बावजूद NDA को पूर्ण बहुमत मिला है. एक बार फिर नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.

पिता की तरह केंद्रीय मंत्री बनना चाहते हैं चिराग…

बता दें कि चिराग पासवान के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का अक्टूबर माह की शुरुआत में बीमारी के कारण निधन हो गया था. चिराग के पिता रामविलास पासवान मोदी सरकार में मंत्री थे. चिराग चाहते हैं कि वे भी अपने पिता की तरह पीएम मोदी की कैबिनेट का हिस्सा बने और उन्होंने पीएम मोदी के साथ काम करने की इच्छा जाहिर की है. बिहार विधानसभा चुनाव में महज एक सीट जीतने वाली लोकजनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान आने वाले समय में खुद को केंद्रीय मंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. वहीं वे अपनी माँ को भी राजनीति में लाना चाहते हैं. उनका कहना है कि वे अपने पिता के स्थान पर अपनी माँ को राज्य सभा (Rajya Sabha) में देखना चाहते हैं. उम्मीद है कि चिराग पासवान भविष्य में अपनी माँ को अपनी पार्टी के टिकट से राज्यसभा चुनाव लड़ा सकते हैं.

पीएम मोदी की जीत : चिराग पासवान


चिराग पासवान ने बिहार चुनाव के नतीजे आने के बाद भारतीय जनता पार्टी को जीत की बधाई दी है और इसका श्रेय उन्होंने पीएम मोदी को दिया है. चिराग ने NDA की जीत का श्रेय भी पीएम को हे दिया है. लोजपा अध्यक्ष ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ”बिहार की जनता ने आदरणीय नरेंद्र मोदी जी पर भरोसा जताया है. जो परिणाम आए हैं उससे यह साफ़ है कि भाजपा के प्रति लोगो में उत्साह है. यह प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी की जीत है.”

देखिए बिहार चुनाव में किस पार्टी को मिली कितनी सीट…

बिहार विधानसभा की कुल सीट : 243

बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा : 122

भाजपा : 74 सीट जीती

जद (यू) : 43 सीट जीती

राजद : 75 सीट जीती

कांग्रेस : 19 सीट जीती

वीआईपी : 4 सीट जीती

AIMIM : 5 सीट जीती

हम (सेक्यूलर) : 4 सीट जीती

लोजपा : 1 सीट जीती

अन्य : 18 सीट जीती

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