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कानून के आगे हार गई ममता, ना चाहते हुए भी ‘यशोदा मां’ को पुलिस को सौंपना पड़ा अपना बच्चा

उत्तर प्रदेश में एक महिला को सड़क के किनारे एक नवजात शिशु मिला। जिसे ये महिला अपने घर ले आई। महिला की बहु ने शिशु को मां की तरह प्यार दिया और हर वक्त उसे अपने पास ही रखा। हालांकि जब पुलिस को सड़क पर नवजात शिशु मिलने की बात पता चली, तो पुलिस ने बच्चे को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया। शिशु को अपने से दूर जाता देख सास-बहु का बुरा हाल हो गया और इन्होंने रोना शुरू कर दिया।

इस वजह से पुलिस को देना पड़ा बच्चा

ट्रांस यमुना कॉलोनी के फेज दो में एक स्कूल के पास सोमवार शाम तकरीबन आठ बजे नुनिहाई निवासी मीना को नवजात शिशु एक थैले में मिला था। इस शिशु के साथ कोई भी नहीं था। मीना ने काफी समय तक इंतजार किया और किसी के ना आने पर वो शिशु को अपने साथ अस्पताल लेकर चले गई। जहां पर उसका इलाज किया गया। डॉक्टरों ने शिशु की नाल को काटा और शिशु को थोड़ी देर बाद मीना के साथ घर भेज दिया। मीना ने घर जाकर शिशु को अपनी बहु शबनम को सौंप दिया और शबनम ने उसे मां की तरह प्यार किया।

मीना ने पुलिस में भी इस बात की जानकारी दी कि उसे सड़क किनारे एक बच्चा मिला है। जिसके बाद मंगलवार को पुलिस ने शबनम और मीना को नवजात को लेकर थाने बुलाया।

पुलिस ने चाइल्ड लाइन की टीम को भी थाने बुला रखा था। जिसके बाद चाइल्ड लाइन के प्रतिनिधियों और पुलिस ने शबनम से बच्चे को ले लिया। हालांकि इस दौरान शबनम काफी रोने लगी और बच्चा ना देने की जिद पर अड़ गई। सास मीना भी काफी रोई और पुलिस से बच्चा ना लेने की बात कहने लगी। जिसके बाद पुलिस ने इन दोनों को समझाया।

चाइल्ड लाइन के प्रतिनिधियों ने इन्हें बताया कि किसी भी बच्चे को गोद लेने के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता। कानून प्रक्रिया का पालन किए बिना बच्चा नहीं दिया जा सकता है। काफी समझाने पर ये तैयार हुईं और बच्चा इन्हें सौप दिया गया। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि नवजात को आश्रय गृह में रखवाया गया है। उसे इस तरह से कौन छोड़कर गया? इसके बारे में पता किया जा रहा है।

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