अर्नब की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान SC ने लगाई उद्धव सरकार को फटकार, पूछे कई तीखे सवाल

रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के जज धनन्जय वाई चंद्रचूड़ और जज इन्दिरा बनर्जी की पीठ अर्नब गोस्वामी की याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं। दरअसल बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को अर्नब गोस्वामी को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद अर्नब गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और कोर्ट में बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी। जिसपर आज कोर्ट मेें सुनवाई हो रही है।
याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर हम एक संवैधानिक न्यायालय के रूप में स्वतंत्रता की रक्षा नहीं करेंगे, तो कौन करेगा? अगर कोई राज्य किसी व्यक्ति को टारगेट करता है। तो हमें एक मजबूत संदेश देने की आवश्यकता है। हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है।
जज ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को इन सब को अनदेखा करना चाहिए। अगर किसी की निजी स्वतंत्रता का हनन हुआ तो वो न्याय पर आघात होगा। न्यायालय ने महाराष्ट्र पुलिस से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या अर्नब गोस्वामी के मामले में हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत है? हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मुद्दे से निपट रहे हैं।
गौरतलब है कि आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये केस दो साल पुराना है और बंद हो चुका था। लेकिन महाराष्ट्र की पुलिस ने इस केस को फिर से खोला है और चार नवंबर को अर्नब की गिरफ्तारी की है। इस समय अर्नब न्यायिक हिरासत में है।
अर्नब की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र सरकार और महाराष्ट्र पुलिस पर काफी गंभीर आरोप लग रहे हैं और अर्नब की गिरफ्तारी को बदले की भावना बताया जा रहा है। दरअसल अभिनेता सुशांत सिंह केस में अर्नब ने महाराष्ट्र सरकार और महाराष्ट्र पुलिस के खिलाफ काफी कुछ बोला था। जिसके बाद महाराष्ट्र पुलिस ने दो साल पहले बंद हो चुके एक केस को खोलकर अर्नब की गिरफ्तारी की है। ये केस साल 2019 में बंद हो चुका था और उस समय पुलिस ने इस केस में अर्नब को दोषी नहीं पाया था।