बॉलीवुड

माला सिन्हा का बचपन का नाम था ‘आल्डा’ लोग बुलाते थे ‘डालडा’, 84 की उम्र में भी दिखती है गज़ब

एक समय बॉलीवुड में राज करने वाली ख़ूबसूरत और बेहतरीन एक्ट्रेस माला सिन्हा आज अपना 84वां जन्मदिन मना रही है. आज ही के दिन साल 1936 में कोलकाता में जन्मीं माला सिन्हा ने हिंदी सिनेमा पर 50, 60 और 70 के दशक में खूब सुर्खियां बटोरी थी. वे अपनी अभिनय कला के साथ ही अपनी ख़ूबसूरती के लिए भी जानी जाती है. आज 84 वर्ष की उम्र में भी वे अपनी ख़ूबसूरती से लाखों दिलों को अपना कायल कर लेती है. आइए आज माला सिन्हा के 84वें जन्मदिन के ख़ास अवसर पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में…

आज दुनिया माला सिन्हा को माला सिन्हा के नाम से जानती है, लेकिन यह उनका असली नाम नहीं है. बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि माला सिन्हा का असली नाम आल्डा सिन्हा है.

हालांकि बाद में उन्होंने अपना नाम बदल लिया. बता दें कि माला ने न केवल बॉलीवुड बल्कि बंगाली और नेपाली फिल्मों में भी अभिनय किया है. करीब 40 सालों तक वे हिंदी सिनेमा में सक्रिय रही है.

 

दोस्त बुलाते थे डालडा…

स्कूल के दिनों में माला का नाम आल्डा था और ऐसे में उन्हें चिढ़ाने के लिए उनके दोस्त उन्हें डालडा कहकर बुलाते थे. जबकि उनके माता-पिता उन्हें प्यार से बेबी कहा करते थे. बता दें कि माला के पिता का नाम अल्बर्ट सिन्हा था और वे बंगाल से संबंध रखते थे, वहीं उनकी माँ नेपाल की थी और इस वजह से एक्ट्रेस को नेपाली-भारतीय बाला के नाम से भी जाना जाता था.

केदार शर्मा ने की मदद…

माला सिन्हा आंखों में एक्ट्रेस बनने का सपना लिए ‘मायानगरी’ मुंबई आ गई थी और यहां वे मशहूर एक्ट्रेस गीता बली से मिली. इस दौरान उनकी मुलाकात केदार शर्मा से भी हुई. बता दें कि गीता ने ही माला और केदार की मुलाक़ात कराई थी. जहां केदार शर्मा ने अपनी फ़िल्म रंगीन रातें के लिए माला सिन्हा को एक्ट्रेस के रूप में चुन लिया. बता दें कि आगे जाकर केदार शर्मा ने माला के फ़िल्मी करियर में उनकी काफी मदद की थी.

बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा रही मधुबाला के लिए 1957 में आई गुरुदत्त की फिल्म प्यासा की स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी. हालांकि किसी कारणवश मधुबाला इस फ़िल्म में काम नहीं कर पाई. ऐसे में फ़िल्म माला के खाते में चली गई. इस फ़िल्म के बाद उन्होंने एक के बाद एक धूल का फूल, फिर सुबह होगी, हरियाली और रास्ता, अनपढ़, दिल तेरा दीवाना, गुमराह बहूरानी, जहांआरा, हिमालय की गोद में, आंखें, दो कलियां और मर्यादा सहित दर्जनों फिल्मों में काम कर अपनी अदाकारी और ख़ूबसूरती से लाखों दिल धड़काए.

जीनत अमान और परवीन बॉबी को कहा था मॉडल…

बताया जाता है कि एक बार माला ने बॉलीवुड की की दो सीनियर एक्ट्रेस जीनत अमान और परवीन बॉबी को अपने एक कमेंट से काफी नाराज कर दिया था. माला सिन्हा ने एक बार परवीन बॉबी और जीनत अमान को लेकर कहा था कि, ”वे दोनों अभिनेत्रियां कम और मॉडल ज्यादा हैं. मॉडल के पास दिखाने के लिए सिर्फ शरीर होता है.” जब परवीन और जीनत तक माला सिन्हा की यह बात पहुँची तो वे इससे काफी नाराज हो गई थी.

इस सुपरस्टार ने कहा था पटाखा…

एक्ट्रेस माला सिन्हा शुरू से ही काफी ख़ूबसूरत लगती थी और उनकी यहीं ख़ूबसूरती आज 84 वर्ष की उम्र में भी बरकरार है. ऐसे में एक बार उन्हें हिंदी सिनेमा के एक सुपरस्टार ने पटाखा तक कह दिया था. इस सुपरस्टार का नामा है राजेश खन्ना. बता दें कि राजेश खन्ना हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार कहे जाते हैं. दरअसल, बात यह है कि मर्यादा फिल्म के गाने ‘चुपके से दिल देदे नइते शोर मच जाएगा’ गाने को जब फिल्माया जाना था तो इसके लिए माला को चोली पहनने के लिए कहा गया था.

जब माला चोली पहनकर सेट पर आई तो राजेश खन्ना उन्हें देखर अक्वा हो गए थे. माला को देखते ही राजेश खन्ना ने सीटी बजाते हुए कहा कि, ”तुम तो बिलकुल पटाखा लग रही हो.” आज भी यह किस्सा फ़िल्मी दुनिया में काफी मशहूर है. बता दें कि माला सिन्हा ने नेपाली फिल्मों के अभिनेता चिदंबर प्रसाद लोहानी से शादी की थी. हालांकि नेपाल की बहू बनने के बाद भी वे भारत में ही रही. आज वे मुंबई में बांद्रा में अपनी बेटी के साथ रहती हैं.

बेटी रही है फ्लॉप…

माला सिन्हा की एक बेटी है जिनका नाम प्रतिभा सिन्हा है. प्रतिभा सिन्हा 90 के दशक में आए एक गाने ‘परदेसी-परदेसी जाना नहीं’ से काफी फेमस हुई थी. इनमें उनके डांस को दर्शकों ने ख़ूब पसंद किया था. बता दें कि यह फ़िल्म राजा हिन्दुस्तानी का गाना है. फ़िल्म में आमिर खान और एक्ट्रेस करिश्मा कपूर अहम रोल में नज़र आए थे. इस फ़िल्म से जहां अभिनेता आमिर खान और एक्ट्रेस करिश्मा कपूर को एक नई पहचान मिली तो वहीं प्रतिभा सिन्हा के लिए फ़िल्म का गाना ‘परदेसी-परदेसी’ बेशुमार प्यार लेकर आया. हिंदी सिनेमा में उनकी एंट्री काफी सफ़ल रही. लेकिन वे इसे बरकरार नहीं रख सकी. बहुत जल्द ही उनका बॉलीवुड करियर सिमट गया. उन्होंने आज से 26 साल पहले ही इंडस्ट्री से दूरी बना ली थी. साल 1994 में आई जिद फ़िल्म उनकी आख़िरी फ़िल्म साबित हुई.

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