इकोफ्रेंडली दिवाली: गौशाला में गोबर से बनाए जा रहे दीपक और भगवान की मूर्तियां, होंगे ये फायदे

दिवाली का त्योहार आ गया है। इसे दीपों का पर्व भी कहा जाता है। दिवाली पर हर घर दीपक से रोशन होता है। इस दिन भगवान की प्रतिमाओं पर फूल माला भी अर्पित की जाती है। आपको जान हैरानी होगी कि पहले दिवाली का बहुत सा सामान चीन से आता था लेकिन अब लोकल फॉर वोकल को प्रमोट किया जा रहा है। इसी कड़ी में अलीगढ़ में एक नई पहल की गई है।
दरअसल अलीगढ़ श्रीगुरू गौशाला में गाय के गोबर से दीपक और भगवान की मूर्तियां बनाई जा रही है। यहां के मैनेजर ने बताया कि इस काम से को प्रवासी मजदूरों को रोजगार भी मिल रहा है। इसके साथ ही वे चाइना के सामान के विरोध में अपने इन देसी प्रोडक्टस को प्रमोट भी कर रहे हैं।
Aligarh: Shree Guru Gaushala in the city is making lamps & idols out of cow-dung, ahead of #Diwali. Its manager says, “We aim to make the Gaushala self reliant & provide employment to migrant labourers who returned here. We also aim to promoting such products over Chinese goods.” pic.twitter.com/L1dr6NLPYX
— ANI UP (@ANINewsUP) November 11, 2020
गोबर से बने दीपक और देवी देवताओं की यह प्रतिमाएं दिखने में बेहद सुंदर हैं। गोबर आसानी से मिल जाने वाली चीज होती है। उसे इस तरह के सामान बनाने के लिए इस्तेमाल करना एक अच्छी पहल है। इससे लाभ भी अधिक होगा।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि ये वातावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। ऐसे में आप इन्हें खरीद इकोफ्रेंडली दिवाली मना सकते हैं।
हम लोगों को भी अपनी तरफ से इस दिवाली कुछ इकोफ्रेंडली चीजें करनी चाहिए। बाजार से सिर्फ वही सामान खरीदे जो देसी हो। चाइना के प्रोडक्टस का बहिष्कार करें। साथ ही पटाखों का इस्तेमाल न करें। दुनिया को यह संदेश दें कि भारतवासी समझदार हैं और वातावरण का अच्छे से ख्याल रखते हैं। आप सभी को दिवाली की ढेर सारी शुभमनाएं।