पुलिसकर्मी ने मिसाल की पेश, ड्यूटी से टाइम निकाल कर गरीब बच्चों को दे रहा है मुफ्त शिक्षा
कोरोना महामारी के बीच लोगों को बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ा। कोरोना काल में लोगों के कामकाज प्रभावित हुए हैं इतना ही नहीं बल्कि बच्चों की शिक्षा पर भी प्रभाव पड़ा है। कोविड-19 महामारी के बीच स्कूल बंद हो गए हैं और सभी बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज हो रही हैं, लेकिन ऐसे बहुत से बच्चे हैं जो ऑनलाइन क्लासेज लेने में सक्षम नहीं है। गरीबी की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई करना इनके लिए काफी मुश्किल हो रहा है परंतु ऐसा नहीं है कि मुश्किल घड़ी में ऐसे बच्चों की सहायता के लिए कोई भी सामने नहीं आया। आज हम आपको एक ऐसे पुलिस वाले के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो झुग्गी में रहने वाले करीब 40 बच्चों को मुफ्त में शिक्षित कर रहा है।
अक्सर देखा गया है कि पुलिस का नाम सुनते ही सभी लोगों के मन में नकारात्मक छवि उभर कर आ जाती है परंतु ऐसे बहुत से पुलिसकर्मी है जो अपनी ड्यूटी से आगे बढ़कर लोगों की भलाई से जुड़े कामों में अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं। इंदौर में एक पुलिस कॉन्स्टेबल संजय सांवरे भी कुछ ऐसा ही अच्छा काम कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के बीच स्कूल और ऑनलाइन क्लासेज ना ले पाने वाले बच्चों को संजय मुफ्त में पढ़ाते हैं।
झुग्गी के बच्चों को शिक्षित कर रहा है ये पुलिसकर्मी
Madhya Pradesh: Police personnel organise & take classes for slum children in Indore
“The inspiration for this class comes from our own social backgrounds. We’ve been taking this class from 2016. Today there are 40 students who come here to study,” says one of the policemen pic.twitter.com/JY7f6hqx8P
— ANI (@ANI) December 27, 2020
इंदौर में यह पुलिसकर्मी एक ऐसा स्कूल चला रहा है जहां पर गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए यह खाकी वर्दी में पहुंचता है। आपको बता दें कि वर्तमान में CSP अन्नपूर्णा में तैनात संजय सांवरे पिछले 4 वर्षों से यह नेक कार्य करने में जुटे हुए हैं। अब संजय इंदौर में लालबाग महल के पास कम से कम 40 बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। रविवार के दिन गरीब दलित बच्चों के लिए यह मुफ्त क्लासेज लगाते हैं। संजय सांवरे अपनी ड्यूटी के बाद समय निकालकर बस्तियों के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
2016 में क्लासेस की गई थी शुरू
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि बातचीत के दौरान संजय ने कहा था कि वह “ऑपरेशन मुस्कान” नामक एक पहल के तहत क्लासेज की व्यवस्था कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने परिवार की वित्तीय स्थिति से प्रेरित हैं। संजय ने कहा कि साल 2016 में क्लासेज की शुरुआत की गई थी। उन्होंने कहा कि वह अपने परिवार की वित्तीय स्थिति से प्रेरित हैं। उनकी क्लास में आने वाले सभी बच्चे निम्न वर्ग से हैं। इनकी यही कोशिश है कि जिन परिस्थितियों का हमने बचपन सामना किया, वह इन बच्चों को बचपन में सामना ना करना पड़े।
उन्होंने कहा कि यह छोटी सी पहल है जिसका नाम ऑपरेशन स्माइल है। जिसके तहत हम उन सभी बच्चों को शिक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं जो स्कूल नहीं जा सकते थे।
40-50 बच्चे क्लासेज में लेते हैं भाग
संजय का ऐसा बताना है कि शुरुआत में इनकी क्लास में सिर्फ तीन से चार बच्चे ही आते थे लेकिन अब कक्षा 1 से 10 तक के 40-50 बच्चे क्लासेज में भाग लेते हैं। पहले के मुकाबले अब अधिक बच्चे क्लासेज में आना शुरू हो गए हैं और उनके माता-पिता भी जागरूक हो गए। वह भी अपने बच्चों को हमारी क्लासेज में भेजते हैं।
आपको बता दें कि संजय साथी पुलिस अधिकारियों के सहयोग से छात्रों को स्कूल बैग, किताबें, पेंसिल और अन्य स्टेशनरी आइटम भी मुहैया करवाते हैं।