ट्विटर अपने अधूरे ज्ञान के चलते भारत में हो सकता है बैन, भारत के नक़्शे से फिर किया खिलवाड़

ट्विटर ने एक माह के भीतर दूसरी बार भारत के मानचित्र के साथ खिलवाड़ किया है और वह लगातार भारत के साथ खिलवाड़ कर रहा है. जबकि भारत ने भी ट्विटर को दूसरी बार चेतावनी दे दी है. ट्विटर ने भारत के साथ जो ताज़ा खिलवाड़ किया है उसमें उसने लेह को जम्मू और कश्मीर का हिस्सा बताया है, ऐसे में भारत सरकार द्वारा ट्विटर से उसकी इस बड़ी गलती पर जवाब मांगा गया है. बता दें कि इससे पहले ट्विटर ने चीन के हिस्से में
लेह को दिखाया था.
Ministry of Electronics & IT issued notice to Twitter on Nov 9 for showing Leh as part of J&K instead of Union Territory of Ladakh
Notice directed Twitter to explain in 5 days as to why legal action shouldn’t be taken against them for disrespecting India’s territorial integrity
— ANI (@ANI) November 12, 2020
बता दें कि बीते वर्ष भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम के बाद से लेह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा बन गया है. जबकि जम्मू और कश्मीर भारत का अलग केंद्र शासित प्रदेश है. ऐसे में एक बार फिर ट्विटर ने अपने अधूरे ज्ञान का सबूत दिया है. बता दें कि इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 9 नवंबर को ट्विटर को एक नोटिस थमाकर उससे इस मामले में 5 दिनों के भीतर जवाब मांगा था. भारत ने कहा था कि, ”भारत की क्षेत्रीय अखंडता का अपमान करने के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों ना की जाए.”
बता दें कि इससे पहले ट्विटर ने एक और बड़ी गलती की थी और उसने भारत के लेह को चीन का हिस्सा बता दिया था. भारत सरकार ने उस समय भी ट्विटर से नाराजगी व्यक्त की थी. आपत्ति जताते हुए ट्विटर के सीईओ को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव द्वारा एक पत्र लिखा था. जवाब में ट्विटर ने अपनी गलती मनाई थी और अपनी गलती को सुधारने का आश्वासन दिया था. हालांकि दूसरी ओर ट्विटर ने अपनी हालिया गलती को अभी तक नहीं सुधारा है.
ट्विटर ने दिया था जवाब…
भारत ने ट्विटर के पहले कड़े शब्दों में चेतावनी और सलाह देते हुए कहा था कि, ट्विटर को ऐसा नहीं करना चाहिए. भारत ने ट्विटर के कारनामे को गैरकानूनी बताया था. भारत ने ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी को लिखे पत्र में कहा था कि, ”इस तरह के प्रयासों से न केवल ट्विटर की बदनामी होती है, बल्कि एक मध्यस्थ के रूप में इसकी निष्पक्षता पर भी सवाल उठता है.
” भारत की इस आपत्ति पर ट्विटर ने जवाब में कहा था कि, ”सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के प्रवक्ता ने पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा-“ट्विटर भारत सरकार के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. हम इसमें शामिल संवेदनाओं का सम्मान करते हैं और विधिवत रूप से पत्र को स्वीकार करते हैं.”