दिवाली पर बुझ गया खुशियों का दीपक, एक ग़लती की वजह से जुड़वा बच्चियां खेल-खेल में दुनिया छोड़ गयी

बच्चे बड़े नटखट और जिज्ञासु होते हैं। उनका फूल की तरह अच्छे से ध्यान रखना पड़ता है। जरा सी गलती या लापरवाही उनकी जान ले सकती है। अब ऐसा ही कुछ बीते गुरुवार गुजरात के राजकोट के डोलासा गांव में हुआ। यहाँ खेल खेल में दो जुड़वा बच्चियों ने मौत को गले लगा लिया।
दरअसल विपुलभाई और उनकी पत्नी किरणबेन की 3 बेटियां हैं। ये सभी लॉकडाउन की वजह से पिछले काफी समय से अपने पैतृक गांव डोलासा में रह रहे थे। गुरवार के दिन बच्चियों की मां दिवाली के लिए घर की साफ सफाई में व्यस्त थी। उधर उनकी 3 साल की जुड़वां बेटियां निष्ठा और निहारिका अपनी धून में खेल रही थी।
खेल खेल में इन बच्चियों ने पानी की टंकी में झाँका और उसमें गिर गई। जब बच्चियों के रोने चीखने की आवाज मां के कानों तक पहुंची तो वो दौड़ कर आई। बच्चियों को पानी की टंकी में डूबता देख उसका कलेजा बाहर आ गया। उसने आनन फानन में मदद के लिए पड़ोसियों को बुलाया।
पड़ोसी जैसे ही आए तो उन्होंने दोनों बच्चियों को पानी की टंकी से निकाला और अस्पताल ले गए। हॉस्पिटल में इलाज के दौरान ही दोनों जुड़वा बच्चियों ने अपने प्राण त्याग दिए। उन्होंने एक साथ धरती पर जन्म लिया था और अब एक साथ ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
दिवाली के त्योहार पर घर कि दो बेटियों की मौत ने सबको हिल के रख दिया। सिर्फ पीड़ित परिवार का घर ही नहीं बल्कि पूरे मोहल्ले में मातम छा गया। परिवार ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनकी प्यारी जुड़वा बेटियां खेल खेल में मौत को गले लगा लेंगी।
यहाँ परिवार की गलती भी यह थी कि वे पानी की टंकी का ढक्कन लगाना भूल गए। ऐसे में उनकी जुड़वा बेटियां इस गलती की बलि चढ़ गई। यह पूरी घटना अपने आप में काफी दुखद है। जिसने भी इसके बारे में सुना उसका दिल भर आया।
ये घटना हम सभी के लिए एक सबक भी है। हमे अपने बच्चों की देखरेख में कोई भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। हमेशा घर में एक बंदा ऐसा होना चाहिए जो बच्चों पर नजर रखे। उम्मीद करते हैं कि आप भी इस घटना से सबक लेंगे और अपने बच्चों का अच्छे से ख्याल रखेंगे।