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146 साल पुराना होने के बाद भी सोने जैसा चमकता है सिंधिया का महल, देखें अंदर की तस्वीरें

दुनिया के तमाम होटल फीके है ज्या‍ेतिरादित्य सिंध‍िया के महल के आगे, 146 साल पुराना है ये महल

ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले महाराज ज्या‍ेतिरादित्य सिंध‍िया कांग्रेस छोड़ भाजपा के पाले में आने के कारण सुर्ख़ियों में है. ज्योतिरादित्य की गिनती न सिर्फ बड़े नेता में होती है बल्कि वह राजघराने के वारिश भी है. क्या आपको पता है ज्या‍ेतिरादित्य सिंध‍िया किस तरह के घर में रहते है. या महल में रहते है. सिंधिया का महल 12 लाख वर्गफीट से भी ज्यादा बड़ा है. वो इस महल के इकलौते मालिक हैं. आइए जानें- क्या है उस महल की खासियत जहां रहता है ज्योतिरादित्य का परिवार.

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जिस महल में आज सिंधिया रहते है उसे महाराजाधिराज जयजीराव सिंधिया अलीजाह बहादुर ने 1874 में बनवाया था. उस समय इस महल की लागत 1 करोड़ रुपये थी. आज के भाव से देखें तो सुंदर शाही महल की कीमत बढ़कर 4000 करोड़ पहुंच चुकी है.

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इस महल को आर्किटेक्ट सर माइकल फिलोस द्वारा डिजाइन किया गया था जिन्होंने वास्तुकला के इतालवी, टस्कन और कोरिंथियन शैली से प्रेरणा लेकर इसका निर्माण किया था. ज्ञात होकि जयविलास महल, ग्वालियर में सिंध‍िया राजपरिवार का वर्तमान निवास स्थल ही नहीं बल्कि एक भव्य संग्रहालय भी है.

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उनके इस महल में 400 से अधिक कमरे बने हुए हैं, जिसका एक हिस्सा इतिहास को संजोने के लिए एक संग्रहालय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. कुल 1,240,771 वर्ग फीट में फैले इस महल के एक प्रमुख हिस्से को वैसे ही संरक्षित किया गया है जिस तरह से इसका निर्माण किया गया था.

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आपको बता दें कि इस राजसी महल का निर्माण वेल्स के राजकुमार, किंग एडवर्ड VI के स्वागत के लिए किया गया था, साथ ही यह सिंधिया राजवंश का निवास भी हुआ करता था. वर्ष 1964 में इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया था. भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया इस भव्य महल के कानूनी रूप से मालिक है.

इस महल की आज की कीमत के बारे में बात करें तो ये 2 बिलियन अमरीकी डाॅलर के करीब आंकी जाती है. इस महल की भव्यता को देखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग आते हैं.

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इस महल का प्रसिद्ध दरबार हॉल इस महल के भव्य अतीत का गवाह बना हुआ है. इसमें लगे हुए दो फानूसों का भार दो-दो टन का है, कहते हैं इन्हें जब टांगा गया उस समय दस हाथियों को छत पर चढ़ाकर छत की मजबूती परखी गई थी.

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इस तस्वीर में दिख रहा सिंधिया परिवार का ड्राइंग रूम फ़र्नीचर है, जिसे अब एंटीक माना जाता है. उनके इस महल के करीब 35 कमरों को संग्रहालय के तौर पर तैयार किया गया है जिसे देखने दूर-दूर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं.

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इस शानदार महल में बने 400 कमरों में से ये खास कमरा ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया का कक्ष है. उनके स्वर्गवास के बाद भी आज ये कक्ष उनके नाम से संरक्षि‍त किया गया है. इस कमरे में ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव ने अपनी पसंद का आर्किटेक्ट और एंटीक रखा था.

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इस संग्रहालय की सबसे आकर्षित चीज है चांदी की रेल जिसकी पटरियां डाइनिंग टेबल पर लगी हैं. अति विशिष्ट दावतों में यह रेल खाने की वस्तुएं परोसते हुए चलती है. इस हॉल में इटली, फ्रांस, चीन और अन्य कई देशों की दुर्लभ कलाकृतियां भी मौजूद हैं.

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