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दर्जी के बेटे ने पलटा परिवार का भाग्य, DM बनकर दूर की घर की गरीबी, बताया अपना सक्सेस मंत्र

‘कौन कहता है आसमान में छेद नहीं हो सकता? एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों’ यह लाइन सोशल मीडिया पर काफी फेमस है। लोगों को मोटिवेट करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसका अर्थ है कि दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। बस आपको मन लगाकर कड़ी मेहनत करनी है। अब मध्य प्रदेश के रहने वाले निरीश राजपूत (NIRISH RAJPUT) को ही देख लीजिए।

निरीश के पिता एक दर्जी हुआ करते थे। इनके घर की हालत भी कोई खास अच्छी नहीं थी। यहां तक कि निरीश के पास नोट्स बनाने तक के पैसे नहीं थे। लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और एक बड़े अधिकारी (DM साहब) बन गए। तो आखिर एक दर्जी का बेटा डीएम कैसे बना? चलिए इस सक्सेस स्टोरी को विस्तार से जानते हैं।

ऐसे दर्जी का बेटा बना डीएम

निरीश राजपूत आईएएस बनने से पहले एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता दर्जी का काम करते थे। घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि कई बार उन्हें दूसरों से पैसे उधार लेकर खर्चा चलाना पड़ता था। इन हालातों को देखते हुए निरीश ने यूपीएससी की तैयारी करने की ठान ली। सरकारी स्कूल से शिक्षा हासिल करने के बाद निरीश ग्वालियर में नौकरी करने लगे।

जॉब के साथ साथ उन्होंने बीएससी और एमएमससी की पढ़ाई की। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे निरीश के पास नोट्स बनाने तक के पैसे नहीं थे। ऐसे में उन्होंने अखबार बेचना शुरू कर दिया। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान उनके एक दोस्त ने उन्हें कोचिंग सेंटर में टीचर की नौकरी दी। हालांकि दो साल बाद दोस्त ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया।

बिना कोचिंग क्रैक की UPSC

इस घटना के बाद निरीश अपना भाग्य आजमाने दिल्ली आ गए। यहां उन्होंने दोस्त के नोट्स उधर लेकर पढ़ाई की। कोचिंग के पैसे नहीं थे तो सेल्फ स्टडी की। वह यूपीएससी परीक्षा में तीन बार फेल भी हुए। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। फिर चौथे प्रयास में उनकी मेहनत रंग लाई। उन्हें 370वां रैंक आई।

इस तरह एक दर्जी के बेटे ने डीएम बनकर अपनी परिवार की खराब आर्थिक स्थिति को सुधार दिया। निरीश अपनी सफलता का मंत्र बताते हुए कहते हैं कि हर समस्या का एक समाधान या कहे जुगाड़ होता है। इसलिए अपने हालातों का बहाना बनाकर सपनों को नहीं मारना चाहिए। आप बस मेहनत करते रहिए और फल की चिंता मत करिए। एक ना एक दिन आप अपनी अफलताओं से सीखकर सफल जरूर होंगे।

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