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पेट के लिए मजबूरी में शराब बेच रही थी बच्ची, थाना प्रभारी ने दिए एक हजार रुपए और कही ये बात

गरीबी की वजह से इंसान अपनी इच्छा अनुसार कुछ भी करने में सक्षम नहीं हो पाता है। इस दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो गरीबी के चलते अपना जीवन जैसे-तैसे व्यतीत कर रहे हैं। गरीबी संसार की सबसे विकट समस्याओं में से एक मानी जाती है। भले ही आजकल के समय में गरीबी को दूर करने के लिए विश्व भर में कई प्रयास किए जा रहे हैं परंतु इसके बावजूद भी यह गरीबी की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। गरीबी की यह समस्या हमारे जीवन को आर्थिक तथा सामाजिक दोनों ही रूप से प्रभावित करती है।

आज हम आपको एक ऐसी बच्ची के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो पेट भरने के लिए शराब बेचने पर मजबूर हो गई। हम आपको जिस बच्ची के बारे में जानकारी दे रहे हैं उसका नाम शिवरानी तानी है जिसकी उम्र 10 साल की है। शिवरानी तानी कामडारा कुलकी गांव के निवासी हैं। जिस मां की कोख से उन्होंने जन्म लिया जब उसी मां को भूखी हालत में ना देख सकीय तो वह शराब बेचने के लिए निकल पड़ी ताकि मां और पिता के साथ खुद का भी पेट भर सके।

आपको बता दें कि रविवार को साप्ताहिक पोकला बाजार में ये बच्ची शराब बेच रही थी ताकि शराब बेचकर जो उससे पैसे मिले, उनका वह राशन खरीद कर अपने घर ले जा सके लेकिन शायद उसकी किस्मत में कुछ और ही मंजूर था। उसी समय मौके पर ही कामडारा पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी थी। मौके पर ही चारों तरफ भगदड़ मच गई थी। यह सब देख मासूम बच्ची चुपचाप वहीं पर खड़ी पुलिस को देखती रही।

उस मासूम बच्ची को देखकर थाना प्रभारी देव प्रताप प्रधान वहां पर पहुंचे और उन्होंने उस बच्ची से पूछा कि वह शराब क्यों बेच रही है? उस समय के दौरान यह मासूम बच्ची काफी डरी और घबराई थी। डरते सहमते हुए उसने कहा कि “सर, मेरे घर में खाना नहीं है। मां भूखी है। पिता बेरोजगार हैं। ऐसे में उसे भी भूख लगी थी तो वह क्या करती।” उस मासूम बच्ची ने बताया कि गांव के ही एक चाची से शराब का जार उधार लिया और उसे बेचने के लिए निकल पड़ी।

जब थाना प्रभारी ने उस मासूम बच्ची की बात सुनी तो उनकी आंखें नम हो गई और उन्होंने कहा कि तुम आखिर शराब ही क्यों बेच रही हो? इसके अलावा सब्जी बेचकर भी तो रुपए कमा सकती हो। तब उस मासूम बच्ची ने कहा कि सर, सब्जी खरीदने के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं तो वह सब्जी खरीद कर कैसे बेचेगी। इतनी बात सुनते ही थाना प्रभारी ने अपनी जेब से ₹1000 निकाले और उस बच्ची को दे दिए। इसके साथ ही थाना प्रभारी ने कहा कि अब दोबारा शराब नहीं बेचना। इन पैसों से तुम सब्जी खरीद कर बेचना और अपने माता-पिता को भी दुकान पर बैठने के लिए कहना।

थाना प्रभारी ने उस मासूम बच्ची को पढ़ाई के लिए भी जागरूक किया। उन्होंने कहा कि तुम पढ़ाई करो। अगर पढ़ाई में किसी भी प्रकार की परेशानी होती है तो वह उन्हें बताएं। थाना प्रभारी ने कहा कि उसकी पढ़ाई की व्यवस्था भी वह करेंगे। इतनी बात सुनते ही उस मासूम बच्ची ने थाना प्रभारी के सामने ही बिना कुछ कहे कान पकड़ कर उठक बैठक लगाने लगी। यह सब देख कर थाना प्रभारी हंसने लगे और बच्ची को दुलारते हुए कहा कि अब तुम घर जाओ।

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