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शुक्र का तुला में गोचर से कुंभ समेत इन लोगों की बदलेगी किस्मत, 2 राशियों को करना होगा इंतजार

भौतिक सुख सुविधाओं और सौंदर्य का प्रतीक ग्रह यानी शुक्र का अपनी ही राशि तुला में 17 नवंबर की रात्रि 1 बजकर 1 मिनट में गोचर होने जा रहा है। गोचर की अवधि 17 नवंबर से लेकर 11 दिसंबर तक रहने वाला है। बता दें कि शुक्र प्रेम, आकर्षण और वैवाहिक जीवन का कारक ग्रह है, ऐसे में तुला राशि के जातकों के लिए ये गोचर काफी शुभ रहने वाला है। हालांकि इस गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, तो आइये जानते हैं, आखिर कैसा रहेगा इस गोचर का प्रभाव…

मेष राशि 

मेष राशि से सातवें स्थान पर शुक्र गोचर करने वाले हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक 7वां स्थान प्रेम और वैवाहिक जीवन का कारक होता है। ऐसे में इस राशि से सातवें स्थान पर गोचर होने से आपको प्रेम और विवाह के मामलों में अनुकूल फलों की प्राप्ति होगी। इस गोचर से आपके करियर और बैंक बैलेंस की स्थिति पर भी सकारात्मक असर देखने को मिलेगा। साथ ही पुराने और अधूरे पड़े कार्य भी इस गोचर के दौरान पूर्ण हो सकते हैं।

वृषभ राशि 

इस राशि से छठवें भाव में वृषभ राशि गोचर करने वाले हैं। बता दें कि शुक्र वृषभ राशि के जातकों के कुंडली में प्रथम और छठवें भाव के स्वामी है। कुंडली का छठवां भाव  खेल कूद, प्रतियोगिता, नौकरी और कानूनी विवाद से ताल्लुक रखता है। ऐसे में शुक्र ग्रह का ये गोचर आपको मिश्रित परिणाम देगा।

कार्यक्षेत्र के आपके शत्रु आपके लिए कोई नया जाल बिछा सकते हैं, मगर वे अपनी ही जाल में फंस जाएंगे। इसके अलावा अपने साथ काम करने वाले महिला कर्मियों से सावधान रहें, वे आपके लिए कोई नई समस्या खड़ी कर सकते हैं।

मिथुन राशि 

शुक्र ग्रह इस राशि से पांचवें भाव में प्रवेश करने वाले हैं। शुक्र, मिथुन राशि के पांचवे भाव और 12वें भाव के स्वामी हैं। पांचवे भाव को संतान का भाव माना जाता है, इस भाव से संतान और आपकी रचनात्कमता तय होती है। लिहाजा गोचर की इस अवधि में आपके राशि के जातकों को काफी सकारात्मक परिणाम मिलने वाले हैं।

इस राशि के जातकों के रचनात्मक कौशल में विकास होने वाला है। साथ ही संतान की ओर से भी कुछ अच्छे संदेश सुनने को मिल सकते हैं। इसके अलावा निःसंतान दंपत्तियों को भी इस दौरान कुछ अच्छी खबर हाथ लग सकती है।

कर्क राशि 

कर्क राशि से चतुर्थ भाव में शुक्र गोचर करेंगे। शुक्र इस राशि के चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। खैर, चौथा भाव माता पिता के स्वास्थ्य, भौतिक सुख सुविधाओं, चल-अचल संपत्ति और सामाजिक मान सम्मान का प्रतीक है। ऐसे में शुक्र का गोचर आपके लिए इन सभी क्षेत्रों में शुभ फलदायी होने वाला है।

इस राशि के जातक गोचर काल में अपने परिवार के साथ भरपूर समय व्यतीत करेंगे। आपके माता-पिता के स्वास्थ्य में सुधार होगा। साथ ही भौतिक सुख सुविधाओं पर पैसे खर्च कर सकते हैं। हालांकि इसका आपकी आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।

सिंह राशि 

शुक्र, इस राशि से तीसरे भाव में संचार करेंगे। शुक्र, सिंह राशि के तीसरे और दसवें भाव के स्वामी ग्रह माने जाते हैं। तीसरे भाव से आपके साहस, इच्छाशक्ति, जिज्ञासा, जुनून, उर्जा, जोश और उत्साह साबित होता है। ऐसे में शुक्र का गोचर सिंह राशि के जातकों के इन सभी भावों के लिए शुभ साबित होगा।

गोचर काल के दौरान आप अपने इच्छाशक्ति की मदद से अधूरे पड़े कार्यों को पूरा करने में सफल होंगे। साथ ही साहस और उर्जा के साथ आप अपने विचारों को दूसरों के सामने बेझिझक प्रकट कर पाएंगे।

कन्या राशि 

इस राशि से दूसरे भाव में शुक्र गोचर करेंगे। शुक्र, आपकी राशि के दूसरे और 9वें भाव के स्वामी हैं। ज्योतिष के अनुसार दूसरे भाव से व्यक्ति के परिवार, उसकी वाणी, प्रारंभिक शिक्षा और धन आदि साबित होते हैं। ऐसे में कन्या राशि के जातकों को इन सभी क्षेत्रों में शुभ परिणाम मिलेंगे।

आर्थिक तंगी दूर होगी और आय के नए स्त्रोत भी खुल सकते हैं। अगर व्यापार के क्षेत्र में सक्रिय हैं तो आपको मुनाफा मिलेगा। साथी ही परिवार का माहौल भी इस दौरान सकारात्मक बना रहेगा।

तुला राशि 

तुला राशि के स्वामी ग्रह स्वयं शुक्र हैं और वे आपके राशि में ही गोचर होने वाले हैं। ऐसे में ये गोचर तुला राशि के जातकों के लिए विशेष शुभ फलदायी होने वाला है। गोचर का यह समय आपके लिए प्रभावशाली रहेगा, साथ ही आपके स्वभाव में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है, जिससे परिवार का माहौल अच्छा बना रहेगा।

गोचर के इस अवधि में आपको कई ऐसे मौके मिलेंगे, जिससे आप अपने कार्यक्षेत्र या व्यापार के क्षेत्र में मुनाफा कमा सकते हैं। अगर आप निवेश करने की सोच रहे हैं तो गोचर काल से शुभ समय आपके लिए दूसरा कुछ भी नहीं होगा। ऐसे में आप बेझिझक निवेश कर सकते हैं।

वृश्चिक राशि 

शुक्र इस राशि के सातवें और बारहवें भाव के स्वामी ग्रह हैं। इस राशि के बारहवें भाव में गोचर होने वाला है। इस भाव से खर्च, हानि, मोक्ष और विदेश यात्रा को देखा जाता है। ऐसे में शुक्र ग्रह का ये गोचर वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सामान्य से बेहतर परिणाम लेकर आ रहा है।

अगर आप विदेश यात्रा के सपने संजोए बैठे हैं, तो इस गोचर अवधि में आपका ये सपना पूरा हो सकता है। साथ ही नौकरी पेशा वाले लोगों के लिए नौकरी बदलने का अच्छा समय है, आपको किसी मल्टी नेशनल कंपनी से कोई बड़ा ऑफर भी मिल सकता है.

धनु राशि 

शुक्र इस राशि के छठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी है। गोचर के समय शुक्र धनु राशि से 11वें भाव में संचार करेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एकादश भाव आमदनी और आर्थिक स्थिति को दिखाता है। इसके अलावा, जीवन की उपलब्धियां, मित्र और बड़े भाई बहन की स्थिति भी इसी भाव से प्रदर्शित होती है। इन सभी क्षेत्रों में आपको शुभ परिणाम देखने को मिलेगा।

कार्यक्षेत्र में वरिष्ठ अधिकारी आपकी तारीफ कर सकते हैं, साथ ही बॉस भी आपके कार्यों से खुश रहेंगे। कठिन समय में आपके मित्र, सहयोगी और करीबी रिश्तेदार आपका सहयोग करेंगे।

मकर राशि 

मकर राशि से 10वें भाव में शुक्र का गोचर होने वाला है। शुक्र इस राशि के 5वें और 10वें भाव के स्वामी हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक 10वां भाव प्रोफेशन, पिता की स्थिति, रूतबा, राजनीति और जीवन लक्ष्यों को दर्शाता है। कुंडली के 10वें भाव को कर्म भाव भी कहा जाता है।

शुक्र के गोचर से आपको मिश्रित फलों की प्राप्ति होने वाली है। ऐसे में कार्यक्षेत्र में आपको किसी प्रकार की परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है। साथ ही आपके मानसिक तनाव में वृद्धि होगी और किसी अधिकारी या सहकर्मी से विवाद या झगड़ा भी हो सकता है।

कुंभ राशि 

शुक्र इस राशि से 9वें भाव में गोचर करने वाले हैं। कुंभ राशि के चौथे और नौवें भाव के स्वामी शुक्र हैं। कुंडली का नवां भाव भाग्य, गुरू, धर्म, यात्रा के भाव को दिखाता है। ऐसे में इन सभी क्षेत्रों में शुक्र ग्रह अच्छा फल देने वाले हैं।

इस गोचर के दौरान अगर कड़ी मेहनत करेंगे तो उसका फल आपको जरूर मिलेगा। अगर आप नौकरी बदलने की सोच रहे हैं,तो यह सबसे उत्तम समय है। इस गोचर अवधि में आप जो भी फैसले लेंगे, उसका परिणाम आपको अच्छा मिलेगा।

मीन राशि 

इस राशि से आठवें भाव में शुक्र ग्रह गोचर करने वाले हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तीसरे और आठवें भाव के स्वामी ग्रह शुक्र हैं और अष्टम भाव को आयुर्भाव कहा जाता है। बहरहाल, मीन राशि के जातकों को इस गोचर अवधि में मिश्रित फलों की प्राप्ति होने वाली है।

गोचर अवधि में आपको परिवार और नौकरी में सामंजस्य बिठा पाना थोड़ा मुश्किल होगा। ऐसे में पारिवारिक तनाव बढ़ सकता है। साथ ही आपको अपने करियर में भी बाधा महसूस होगी। हालांकि जो व्यापार के क्षेत्र में हैं, उन्हें उनके मेहनत का फल अवश्य मिलेगा।

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