तोता मिर्ची बड़े चाव से क्यों खाता है? मीठे फल की बजाए उसे मिर्ची क्यों पसंद आता है, जानिए
‘मिट्ठू मिट्ठू तोता, डाली ऊपर सोता, लाल मिर्ची खाता, राम राम जपता।’ ये कविता आप सभी ने कई बार सुनी होगी। यदि आप ने गौर किया हो तो मिट्ठू को मिर्ची खान बहुत पसंद होता है। वह इसे हमेशा बड़े चाव से खाता है। ऐसे में क्या आप ने काभी सोचा है कि मिर्ची में ऐसा क्या है जो तोते को ये इतनी प्रिय होती है? आई जानते हैं।
तोते के मिर्ची को पसंद करने की वजह को जानने से पहले आईए इसके बारे में भी थोड़ा जान लेते हैं। तोते का वैज्ञानिक नाम सिटाक्यूला क्रेमरी है। इसकी गिनती पक्षियों के सिटैसी गण के सिटैसिडी कुल में होती है। इनकी याद्दाश्त बहुत अच्छी होती है। ये इंसान की नकल करने में भी माहिर होते हैं।
पूरी दुनिया में कई प्रजाति के तोते पाए जाते हैं। ये रंग और आकार में भी भिन्न भिन्न होते हैं। भारत में हरे रंग के तोते ज्यादा देखने को मिलते हैं। तोता पूरी तरह से शाकाहारी होता है। इसे फल सब्जी खाना अच्छा लगता है। मिर्ची तोते की प्रिय होती है लेकिन यह अमरुद, आम जैसे फल भी खा लेता है।
अब सवाल ये उठता है कि मिर्ची जैसी तीखी चीज तोते को इतनी पसंद क्यों होती है? दरअसल पक्षियों को हर चीज अपने पंजे में दबाकर खाने की आदत होती है। तोता रूढ़िवादी पक्षी होता है। उसे सिर्फ वही चीजें खाना ज्यादा पसंद होता है जिसे वह अपने पंजे में आसानी से दबा सकता है। मिर्ची आकार में तोते के पंजे के हिसाब से परफेक्ट होती है।
इसके अलावा तोते की स्वाद वाली इंद्रियां बेहद कमजोर होती है। उसे स्वाद महसूस नहीं होता है। यहां तक कि वह मीठे और तीखे में फर्क भी नहीं कर सकता है। इसलिए मिर्च खाने पर उसे इंसानों की तरह जुबान में burning sensation महसूस नहीं होता है।
वहीं तोते की नाक भी देखने में बेहद सुंदर होती है। हालांकि उसे सुगंध या दुर्गंध का एहसास नहीं होता है। तो एक वजह ये भी है कि उसे मिर्ची खाने में कोई दिक्कत नहीं होती है। हालांकि सबसे बड़ी वजह यही है कि मिर्ची तोते के पंजे में पूरी सबूत आ जाती है। ये खाने के लिहाज से उसके लिए एक आसान आहार होता है। इसलिए वह मिर्ची को बड़े चाव से खाता है।
अब आप जान गए हैं कि तोता मिर्ची क्यों शौक से खाता है। अगली बार कोई आप से ये सवाल पूछे तो आप फटाक से उत्तर दे सकते हैं।