धार्मिक

20 नवंबर को होगा गुरू और शनि का अद्भूत संयोग, इन राशि वालों को रहना पड़ेगा बेहद सावधान

नवंबर का महीना जहां एक तरफ त्योहारों से भरा पड़ा है, वहीं दूसरी तरफ ये महीना ग्रहों की स्थिति में भी भारी फेरबदल वाला है। इसी कड़ी में अब गुरू एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने वाले हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 20 नवंबर को गुरू, मकर राशि में गोचर करेंगे। मकर राशि के स्वामी ग्रह शनि हैं और इस समय शनि, मकर राशि में ही हैं। लिहाजा 20 नवंबर को गुरू और शनि मकर राशि में मिलेंगे और ये एक अद्भुत संयोग होगा।

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो गुरू और शनि का कोई बैर नहीं है। दोनों का आपस में मित्रवत भाव है। ऐसे में ये मिलन कुछ राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ होने वाला है। वहीं कुछ राशि के जातकों को गुरू और शनि के मिलन से सावधान रहना होगा। आइये जानते हैं, आखिर कौन सी हैं ये राशियां…

मेष राशि 

मेष राशि से 10वें भाव में गुरू का गोचर होने वाला है। ज्योतिष के अनुसार ये भाव प्रोफेशन, नेम-फेम, पैसा और समाज में आपकी पोजीशन को दर्शाता है। लिहाजा गुरू के गोचर से आपको इन क्षेत्रों में नुकसान उठाना पड़ सकता है, इतना ही नहीं नौकरी पेशा वाले लोगों के प्रमोशन में भी बाधा आ सकती है।

गोचर काल में आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि कार्यक्षेत्र में किसी वरिष्ठ अधिकारियों संग बेवजह नहीं उलझना है, वरना ये विवाद बड़ा रूप ले सकता है। अगर आपसे राय न मांगी जाए तो बेवजह अपनी राय पेश न करें, लोग आपको गलत समझ सकते हैं।

कर्क राशि 

इस राशि से 7वें भाव में गुरू का गोचर होगा। ये भाव गृहस्थ जीवन, पार्टनर और बिजनेस आदि का माना जाता है। ऐसे में गोचर के समय कर्क राशि के जातकों को इन सभी क्षेत्रों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। आपके गृहस्थ जीवन में कड़वाहट आएगी, साथ ही बिजनेस में भी आपको घाटा होगा। ऐसे में गोचर अवधि में बिजनेस से संबंधित कोई भी बड़ा डील करने से बचें।

इस राशि के जो जातक अविवाहित हैं और विवाह के बारे में सोच रहे हैं, उन्हें अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। वहीं जो जातक पार्टनरशिप में बिजनेस करते हैं, उन्हें अपने पार्टनर से धोखा मिलेगा।

वृश्चिक राशि 

गुरू का गोचर वृश्चिक राशि से तीसरे भाव में होगा। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यह भाव, भाई बंधुओं, परिवार के सदस्यों से संबंधों को दर्शाता है। ऐसे में आपको गोचर अवधि में इन सभी क्षेत्रों में कुछ नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। मसलन, आपके अपने परिवार के सदस्यों के साथ रिश्ते बिगड़ सकते हैं। ऐसे में बेवजह गुस्सा न करें और घर के सदस्यों के साथ न उलझें। अपने सहनशक्ति में इजाफा करें।

गोचर अवधि में भागदौड़ बढ़ेगा और आपको यात्रा भी करना पड़ सकता है। इस दौरान साहस से काम करें। कानूनी मामलों में थोड़ा सावधान रहें और साथ ही कागजी कार्रवाई में भी सावधानी बरतने की जरूरत होगी। लिहाजा किसी भी कागज पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे अच्छे से पढ़ लें। कठिन परिस्थितियों से घबराएं नहीं बल्कि डटकर उसका सामना करें।

धनु राशि

धनु राशि से दूसरे भाव में गुरू का गोचर होगा। कुंडली का द्वितीय भाव बातचीत, परिवार और बैंक बैलेंस को दर्शाता है। ऐसे में आपको गोचर अवधि में इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि किसी से भी बातचीत करते वक्त कड़े शब्द का प्रयोग ना करें। खासकर अपने कार्यक्षेत्र में अपने सीनियर्स और बॉस से बातचीत करते वक्त मीठी भाषा बोलें, अन्यथा आपके नौकरी पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा।

धनु राशि के जातक गोचर काल में विवादों से दूर रहें। साथ ही अगर निवेश करने का सोच रहे हैं तो सोच समझकर निवेश करें और किसी के झांसे में आकर पैसा न लगाएं।

मीन राशि 

मीन राशि से 11वें भाव में गुरू गोचर करने वाले हैं। ग्यारहवां भाव बड़े भाई बहन, दोस्तों और रिश्तेदारों को दर्शाता है। मीन राशि के जातकों को इन सभी क्षेत्रों में हानि हो सकती है। लिहाजा आपके रिश्ते गोचर अवधि में दोस्तों और रिश्तेदारों से बिगड़ सकते हैं।

व्यापार के क्षेत्र में सक्रिय जातकों को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है, ऐसे में कोई बड़ा लेनेदेन करने से बचें । खासकर पैसों के मामले में ज्यादा सतर्क रहें। किसी भी डील को फाइनल करने से पहले सौ बार सोच लें।

Related Articles

Back to top button