अजब ग़जब

विश्व प्रसिद्ध है यूपी का ये अनोखा मंदिर, यहां मिट्टी की मदद से होता है गंभीर रोगों का इलाज

आयुर्वेद में मिट्टी को काफी गुणकारी माना गया है और मिट्टी की मदद से कई रोगों को दूर किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में एक ऐसा मंदिर है, जहां पर कई गंभीर बीमारियों का इलाज धूप, मिट्टी, हवा और पानी जैसी प्राकृतिक चीजों से किया जाता है। आम बाजार में स्थित प्राकृतिक चिकित्सालय आरोग्य मंदिर में हर साल हजारों की संख्या में लोग आते हैं और प्राकृतिक चीजों की मदद से इलाज करवाते हैं। ये चिकित्सालय विश्व प्रसिद्ध है और पूरी दुनिया से लोग यहां आकर अपना इलाज करवाते हैं।

आरोग्य मंदिर के निदेशक डॉ. विमल मोदी व डॉ. राहुल मोदी ने बताया कि आरोग्य मंदिर में मिट्टी, हवा और पानी से इलाज किया जाता है। यहां पर देश और विदेश से लोग आते हैं। मिट्टी लेपन से रोग को दूर किया जाता है। मिट्टी लेपन से निवारक वैक्टीरिया बढ़ते हैं और रोग कारक वैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं।

प्राकृतिक चिकित्सालय आरोग्य मंदिर में काम करने वाले लोगों के अनुसार अभी तक इन्होंने एक लाख से ज्यादा मरीज का इलाज किया है और ये मरीज यहां से स्वस्थ्य हो कर गए हैं। इस चिकित्सालय को साल 1940 में बनाया गया था। कहा जाता है कि आरोग्य मंदिर के संस्थापक विट्ठल दास मोदी गंभीर रुप से बीमार हो गए थे। तीन साल तक उन्होंने एलोपैथ की दवा का सेवन किया। लेकिन उनकी बीमारी दूर नहीं हुई। जिसके बाद उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा का सहारा लिया और एकदम ठीक हो गए।

ठीक होने के बाद इन्होंने साल 1940 में सबसे पहले किराए के मकान में आरोग्य मंदिर की स्थापना की। 1962 में आरोग्य मंदिर का अपना भवन बना। आज  प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र आम बाजार, मेडिकल कॉलेज रोड स्थित अपने भवन में संचालित हो रहा है। ये छह एकड़ में फैला आरोग्य मंदिर है।

इन बीमारियों का किया जाता है इलाज

आरोग्य मंदिर में कई सारी बीमारियों का इलाज किया जाता है। यहां पर प्राकृतिक चीजों की मदद से दमा, कब्ज, मधुमेह, कोलाइटिस, अल्सर, अम्ल पित्त, ब्लडप्रेशर, अर्थराइटिस, एक्जिमा, मोटापा व एलर्जी आदि बीमारियों को सही किया जाता है। यहां पर काम करने वाले लोगों के अनुसार आरोग्य मंदिर में वर्ष 2019 में 508 लोगों ने एक साथ मिट्टी लेपन कर एशियन रिकॉर्ड बनाया था। इसके पहले ये रिकॉर्ड दिल्ली के नाम था।

तनाव, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, घबराहट बेचैनी, जोड़ों के दर्द व चर्म रोगों के लिए मिट्टी लेपन कारगर साबित होता है। इससे नाड़ी तंत्र मजबूत होता है। रोगियों पर मिट्टी लेपन विशेषज्ञों की निगरानी में किया जाता है। जो लोग मिट्टी लेपन करवाना चाहते हैं, उन्हें अपने साथ नहाने के बाद पहनने के लिए एक कपड़ा और तौलिया लाना होता है।

अभी तक इस केंद्र से प्राकृतिक चिकित्सा से संबंधित 26 पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। वर्तमान में हर माह इस पत्रिका की 10 हजार कॉपी प्रकाशित होती हैं। जिसमें मिट्टी लेपन व अन्य तरह की चीजों की जानकारी दी जाती है।

Related Articles

Back to top button