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खुशखबरी: 70 फीसदी प्रभावी है कोवीशील्ड वैक्सीन, भारत में जल्द मिल सकती है इसके प्रयोग की मंजूरी

भारत सरकार जल्द ही एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड कोविड-19 वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दे सकती है। एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड द्वारा बनाई जा रही कोविड-19 वैक्सीन परीक्षण के अंतिम चरण में है और कहा जा रहा है कि ये वैक्सीन मरीजों पर औसतन 70 फीसदी प्रभावी रही है। जिसके बाद भारत में इस वैक्सीन को जल्द ही मंजूरी मिल सकती है। उम्मीद है कि एक महीने के अंदर ही मंजूरी देने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगा और मंजूरी मिलते ही इस दवाई का उत्पाद पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया शुरू कर देगा।

रिपोर्ट के अनुसार ये वैक्सीन 70 फीसदी प्रभावकारी साबित हुई है और भारत की दवा नियामक संस्था डीसीजीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार उसी वैक्सीन को मंजूरी दी जाएगी। जो 50 फीसदी से अधिक प्रभावी होगी। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने जानकारी देते हुए बताया कि हम बहुत जल्द ही आपातकालीन लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले हैं। उम्मीद हैं कि ये हमें एक महीने के भीतर मिल जाएगा। अंतिम मंजूरी डीसीजीआई पर निर्भर करती है।

500 रुपए होगी कीमत

पूनावाला ने बताया कि कोवीशील्ड नामक इस वैक्सीन की कीमत 500-600 रुपए प्रति खुराक होगी और सरकार को इसे 220-300 रुपए प्रति खुराक में दिया जाएगा। कंपनी ने कोवीशील्ड का अभी तक चार करोड़ खुराक का स्टॉक रखा हुआ है और जनवरी तक ये 10 करोड़ हो जाएगा। मरीजों को वैक्सीन की दो खुराक देनी होगी। कोवीशील्ड फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन के मुकाबले सस्ती होगी। मॉडर्ना के वैक्सीन की कीमत 2,775 प्रति खुराक होगी। जबकि फाइजर के वैक्सीन की कीमत 1,500 रुपए प्रति खुराक होगी।

दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि ब्रिटेन और ब्राजील में उसकी कोविड-19 वैक्सीन की क्लीनिकल परीक्षण का अंतरिम विश्लेषण ये दर्शाता है कि ये औसतन 70 फीसद प्रभावी है। इस वैक्सीन से संबंधित कोई सुरक्षा चिंता सामने नहीं आई है।

गौरतलब है कि एस्ट्राजेनेका कंपनी द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन का उत्पादन करने की जिम्मेदारी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को दी गई है। इस दवा को मंजूरी मिलने के दो महीने के अंदर ही ये दवा बाजार में आ जाएगी। इस दवा को हर नागारिक को लगाया जाएगा और इसकी सप्लाई अन्य देशों में भी की जाएगी।

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