स्वास्थ्य

टीनएज में ही यूट्रस ट्यूमर की शिकार हो रही हैं लड़कियां, जानें कारण और लक्षण

महिलाओं की सेहत को लेकर आए दिन कोई न कोई नई जानकारी सामने आते रहती है। इन जानकारियों के बारे में कुछ महिलाओं को पता होता है, तो वहीं कई महिलाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें इन बातों की बिल्कुल भी भनक नहीं रहती है। इन्हीं में से एक गर्भाशय का ट्यूमर है, जिसके मामले अब देश दुनिया में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।

गर्भाशय के कैंसर आजकल आम हो गए हैं और अक्सर इसके केस देखने सुनने को मिल रहे हैं। ऐसे में आज हम इस आर्टिकल में आपको इस बीमारी के लक्षण, समस्या और कारण के बारे में बताने वाले हैं।

जानिए क्या हैं इसके शुरूआती लक्षण

  • पीरियड्स का असामान्य होना। साथ ही कम या ज्यादा ब्लीडिंग होना।
  • नाभि के निचले हिस्से, पीठ के निचले हिस्से और कूल्हे के आस पास दर्द होना भी इसके शुरूआती लक्षण हैं।
  • जिन महिलाओं को बार बार यूरिन आता है और उस पर कंट्रोल नहीं होता तो ये यूट्रेस कैंसर का लक्षण है।
  • अगर आपको इंटरकोर्स के समय अस्हय दर्द होता है, तो इसे हल्के में ना लें।
  • पेट फूला हुआ लगे या उसमें सूजन महसूस हो तो ये सामान्य बात नहीं है। ये गर्भाशय कैंसर का लक्षण हो सकता है।
  • अगर बार बार कब्ज की समस्या रहती है, तो अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
  • बिना परिश्रम के थकान होना और चिढ़चिढ़ापन होना भी यूट्रेस कैंसर का कारण है।
  • मिसकैरेज होता है तो ये भी गर्भाशय कैंसर के शुरूआती लक्षणों में शामिल है।

टेस्टोस्टेरोन हार्मोंस की कमी भी कारण

अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक सर्वे स्टडी ऑफ विमेंस हेल्थ अराउंड द नेशन के मुताबिक, जिन महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोंस अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, उनमें गर्भाशय ट्यूमर की आशंका सबसे अधिक रहती है।

लक्षणों की अनदेखी पड़ सकती है भारी

यूट्रेस ट्यूमर यानि की फॉयब्राइड्स जिसे आम भाषा में रसौली भी कहा जाता है। इसके लक्षणों को नजरअंदाज न किया जाए और समय रहते इसका इलाज कराया जाए तो इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। वहीं अगर इसके लक्षमों की अनदेखी करेंगे, तो यह बीमारी भयावह रूप ले लेती है और कई बार तो ट्यूमर इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि डॉक्टर तुरंत ऑपरेशन की सलाह भी देते हैं।

इसके प्राथमिक लक्षणों को अगर अनदेखा करेंगे तो आगे चलकर यह कैंसर का रूप ले लेती है, जो कई मामलों में जानलेवा साबित होती है।

टीनएज लड़कियां भी हो रही शिकार

वैसे तो इस बीमारी की चपेट में 35 से 45 वर्ष के उम्र की महिलाएं ज्यादा आती हैं, मगर आजकल टीनएज लड़कियां भी इस बीमारी का शिकार हो रही हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो भारत में कुल कैंसर के मरीजों में एक तिहाई मरीज गर्भाशय कैंसर के ही हैं। बता दें कि 30 से 45 साल की उम्र की महिलाओं को इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा रहता है।

बता दें कि हर साल तकरीबन सवा लाख औरतों को गर्भाशय का कैंसर होता है, जिसमें 62 हजार की मौत हो जाती है। इस बीमारी के विशेषज्ञ डॉक्टर्स की मानें तो एचपीवी यानी ह्यूमन पौपीलोमा वायरस इस बीमारी की वजह बनती है। ऐसे में महिलाओं को 30 की उम्र के बाद एचपीवी की नियमित जांच करवानी चाहिए।

जानिए क्यों बढ़ रही यह समस्या?

  1. विशेषज्ञ डॉक्टर्स की मानें तो इस बीमारी का एकदम सटीक कारण बता पाना तो बेहद मुश्किल है, मगर इसका सबसे बड़ा  कारण पीरियड्स के दिनों में साफ सफाई ना रखना है।

2. पीरियड्स के दिनों में कई महिलाएं सैनेटरी पैड्स को लंबे समय तक यूज करती हैं, जबकि 6 घंटे या 6 घंटे से पहले पैड बदलना जरूरी होता है।

3. जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक इस्तेमाल करती हैं, उन्हें भी गर्भाशय कैंसर का खतरा रहता है।

4. कई लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने से भी ये समस्या हो सकती है।

5. कम उम्र में शादी करना और बार बार गर्भाशय धारण करना भी एक बड़ा कारण है।

कैंसर से बचाव के लिए इन बातों पर रखें ध्यान

  • लक्षणों की अनदेखी ना करें और समय रहते डॉक्टर्स से इलाज कराएं।
  • आजकल इसे बचने के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध है, डॉक्टरी सलाह से वैक्सीन भी लगवा सकते हैं।
  • शरीर में बदलाव दिखते ही तुरंत इसकी जांच कराएं।
  • अपना लाइफस्टाइल सुधारें और अनहैल्दी खाने पीने से दूर रहें।
  • हर रोज योगा और एक्सरसाइज जरूर करें।

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