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कोरोना वायरस के कारण टल सकता है कुंभ मेला, 14 जनवरी को होना है पहला शाही स्नान

आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन हरिद्वार में किसी को भी गंगा स्नान करने की अनुमति नहीं दी गई है। कोरोना वायरस के कारण ये फैसला लिया गया है। अगले साल मकर संक्रांति पर कुंभ मेले का पहला शाही स्नान होने वाला है। ऐसे में यहीं सवाल उठ रहा है कि क्या कुंभ का पहला शाही स्नान लोगों को करने दिया जाएगा की नहीं। आपको बता दें कि इस बार कुंभ मेला हरिद्वार में आयोजित होगा और पहला शाही स्नान 14 जनवरी को होगा।

कुंभ के पहले स्नान को लेकर जब पुलिस अधिकारियों से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि यदि स्थिति यही रही तो ये स्नान भी रद्द किया जा सकता है। कुंभ को लेकर पहले से ही हरिद्वार में तैयारी शुरू की जा चुकी है। लेकिन कोरोना वायरस के कारण कुंभ मेले को लेकर दुविधा बनीं हुई है।

कुंभ को लेकर कई सारी बैठक भी राज्य सरकार द्वारा की जा चुकी है। कहा जा रहा है कि आगामी कुंभ का स्वरूप क्या होगा यह कोविड की स्थिति पर ही निर्भर होगा। अगर कोरोना इसी तरह से बेकाबू रहता है तो शायद इस स्नान को भी स्थगित किया जा सकता है। वहीं कोविड की स्थिति काबू में रहती है तो कुंभ का स्वरूप भी बड़ा हो सकता है।

कुंभ की तैयारी सभी गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए की जा रहा है और स्नान घाटों को सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है। इसके अलावा मास्क, सैनिटागइजेशन आदि की व्यवस्था भी की जा रही है।

पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय ने शुरूआती तौर पर फोर्स की तैनाती भी हरिद्वार जनपद में कर दी थी। ये फोर्स शुरू से लेकर अंत तक वहां पर मौजूद रहेगी। अधिकारियों के अनुसार यदि कोविड की स्थिति बेकाबू होती है तो आगामी स्नान रद्द भी किया जा सकता है। ये सब शासन के अधिकारियों के साथ मिलकर ही तय किया जाना है।

अशोक कुमार, डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कोविड की स्थिति इसी तरह से रही तो आगामी स्नान को लेकर भी कम ही संभावनाएं हैं। हालांकि, अभी इस पर विचार किया जा रहा है। कोविड की स्थिति ही कुंभ के स्वरूप को तय करेगी।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण काफी सारे पर्वों को इस बार सादगी के साथ ही मनाया जा रहा है। ऐसे में कुंभ को भी सादगी के साथ ही मनाया जा सकता है और सीमित लोगों को ही यहां पर आने की अनुमति दी जा सकती है। इस समय देश में कोरोना के हालात बेकाबू हैं और हालातों के मद्दनेजर ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन हरिद्वार में किसी को स्नान नहीं करने दिया। वहीं अगले साल जनवरी में कुंभ का पहला शाही स्नान है।

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