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लव जिहाद: पूरी तहकीकात के बाद ही अब काजी होंगे राजी, गड़बड़ी पाए जाने पर नहीं पढ़ेंगे निकाहनामा

इन दिनों लव जिहाद के कई सारे मामले सामने आ रहे हैं। लव जिहाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए ही उत्तर प्रदेश सरकार ने लव जिहाद कानून बनाया है। जबकि कई अन्य राज्यों की सरकारें इस कानून को बनाने में लगी हुई हैं। लव जिहाद को लेकर अब काजियों की ओर से भी बयान आया है और काजियों ने लव जिहाद के तहत होने वाले निकाह ना करवाने का फैसला किया है।

काजियों ने बयान देते हुए कहा है कि जोर जबरदस्ती का निकाह कबूल नहीं किया जाएगा। अन्य धर्म में अगर कोई निकाह किया जाता है। तो सबसे पहले लड़का-लड़की, दोनों के परिवार वालों की रजामंदी ली जाएगी। इस तरह के निकाह को गवाहों व रिश्तेदारों की मौजूदगी में करवाया जाएगा।

अगर कोई मुस्लिम लड़का किसी अन्य धर्म की लड़की से निकाह करना चाहता है। तो उसे सबसे पहले आधार कार्ड या अन्य जरूरी दस्तावेज देने होंगे। निकाह से पहले लड़का-लड़की के परिवार वालों व गवाहों को भी आधार कार्ड या अन्य जरूरी दस्तावेज दिखाने होंगे। इन्हें देखने के बाद ही काजी निकाह पढ़ाएंगा।

जामा मस्जिद सुब्हानिया तकिया कवलदह के इमाम मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी की ओर से ये सुझाव दिया गया है। इन्होंने देश के हर काजी से कहा कि वो निकाह से पहले लड़के-लड़की के बारे में जांच पड़ताल कर लें। अगर लड़का और लड़की मुस्लिम हों तभी निकाह पढ़ें। निकाह पढ़ने से पहले दोनों के परिवार वालों की जांच अच्छे से करें और उनका आधार कार्ड देखें।

काजी इस बात का ध्यान रखें की निकाह जबरन ना हो। अगर उनको लगता है कि जबरन निकाह किया जा रहा है तो ऐसे निकाह को पढ़ने से मना कर दें। साथ में ही अगर लड़का या लड़की अन्य धर्म के हैं और निकाह के लिए जबरन धर्म परिवर्तन किया गया है। तो भी ऐसे निकाह को पढ़ने से मना कर दें।  इमाम मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी के अनुसार दीन-ए-इस्लाम में जोर जबरदस्ती जायज नहीं और न ही ऐसा करने से निकाह सही होगा।

इसी तरह से कई सारे सुझाव दिए गए हैं। नायब काजी मुफ्ती मो. अजहर शम्सी ने भी देश के काजियों से कहा कि निकाह से पहले आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, पासपोर्ट देखें जाएं और दस्तावेज की प्रमाणित व हस्ताक्षरित फोटो कापी ली जाएगा। निकाह तंहाई में न किया जाए। निकाह के समय दो गवाहों के अलावा कम से कम 15 से 20 लोगों की मौजूद रखा जाए। निकाहनामा पर गवाह और दूसरे लोगों के हस्ताक्षर भी जरूर लिए जाएं। निकाह नामा संस्था के नाम पर हो, मोहर और पंजीकरण संख्या के साथ।

गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर के इमाम मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने कहा कि सही निकाह के कुछ तरीके हैं, काजी हो जो निकाह कायम करे। लड़का-लड़की की रजामंदी ले। निकाह नामे में अभिभावकों की रजजामंदी का कॉलम भी बढ़ाया जाए। हस्ताक्षर फोटो के साथ हो। निकाह नामे में कम से कम दोनों पक्षों के दो-दो रिश्तेदारों हूं।

इसी तरह से काजी-ए-शहर मुफ्ती खुर्शीद अहमद मिस्बाही और मुफ्ती-ए-गोरखपुर मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी ने भी कई सुझाव दिए हैं। मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी  के अनुसार धोखा देकर या जबरन धर्म परिवर्तन करके निकाह करना सही नहीं है। ऐसा निकाह जायज नहीं है। निकाह के लिए हर किसी राजामंदी होनी चाहिए।

लव जिहाद के बढ़े मामलों के बीच काजियों के लिए ये आदेश जारी किया गया है। ताकि लव जिहाद के मामलों को रोका जा सके और किसी को भी धर्म बदलने पर मजबूर नहीं किया जा सके।

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