बिकिनी में दिखने वालीं पहली भारतीय अभिनेत्री थीं शर्मिला टैगोर, इस तस्वीर ने मचाया था तहलका

शर्मिला टैगोर बॉलीवुड की सबसे मशहूर अभिनेत्रियों में से एक रही हैं। शर्मिला टैगोर ने न केवल अपने शानदार अभिनय, बल्कि अपनी खूबसूरती, अपनी अदा और अपने हुस्न की वजह से भी लाखों प्रशंसकों के दिलों पर राज किया है। शर्मिला टैगोर ने आराधना, वक्त, आमने-सामने और कश्मीर की कली जैसी फिल्मों के जरिए फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक ऐसी पहचान बना ली, जिसकी वजह से वे कभी भुलाई नहीं जा सकतीं। आज शर्मिला टैगोर अपना जन्मदिन मना रही हैं।
आज के ही दिन 8 दिसंबर को 1944 में शर्मिला टैगोर इस दुनिया में आई थीं। शर्मिला टैगोर ने बड़े पर्दे पर इतनी अच्छी तरह से काम किया कि उनके चाहने वालों की लिस्ट लंबी होती चली गई। भले ही शर्मीला अब फिल्मों से दूर हैं और नजर नहीं आती हैं, लेकिन शर्मिला टैगोर को उनके प्रशंसक आज तक भूले नहीं हैं। उन्हें अब भी कश्मीर की कली के नाम से ही उनके प्रशंसक पुकारते हैं।
फिल्म कश्मीर की कली में काम करने के बाद शर्मिला टैगोर की छवि ऐसी ही लड़की की बन गई थी। लोग उन्हें कश्मीर की कली के रूप में ही देखने लगे थे। हालांकि, शर्मिला टैगोर ने कश्मीर की कली के अवतार को एक बार त्याग दिया और इसके बाद उन्हें एक फिल्म में स्विमसूट पहने हुए देखा गया। इसकी वजह से शर्मिला टैगोर ने बड़ी सुर्खियां बटोरी थी। हर ओर तब उनकी ही चर्चा हो रही थी।
इस फिल्म में पहना था स्विमसूट
एन ईवनिंग इन पेरिस के नाम से एक फिल्म 1967 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में शर्मिला टैगोर का बिल्कुल अलग ही रूप देखने के लिए मिला था। जहां शर्मिला टैगोर इससे पहले सिर्फ कश्मीर की कली की तरह ही दिख रही थीं और इसी के लिए वे जानी भी जाती थीं, वहीं इस फिल्म में उन्हें स्विमसूट पहने हुए देखा गया था। ऐसा करने वालीं शर्मिला टैगोर पहली भारतीय अभिनेत्री बन गई थीं।
इस फिल्म में तो शर्मिला टैगोर को बाद में बोल्ड अवतार में देखा गया, लेकिन इससे पहले भी वे बोल्ड अंदाज में दिख चुकी थीं। जी हां, फिल्मफेयर मैगजीन का जो अगस्त, 1966 का अंक प्रकाशित हुआ था, उसके लिए शर्मिला टैगोर ने टू पीस बिकिनी में एक बहुत ही बोल्ड तस्वीर खिंचवाई थी, जो कि मैगजीन के कवर पेज पर छपी थी।
उस दौर में ऐसा करने की वजह से शर्मीला बड़ी सुर्खियों में आ गई थीं। वे भारत की पहली ऐसी अभिनेत्री बन गई थीं, जिन्होंने बिकिनी पहनकर फोटो खिंचवाई थी। शर्मिला टैगोर के इस कदम के बाद हर ओर केवल उनकी ही चर्चा हो रही थी।
इसके बाद से तो शर्मिला टैगोर ने फिर स्विमसूट पहनना शुरू ही कर दिया। साल 1967 में ही उनकी एक और फिल्म आमने-सामने देखने के लिए मिली थी, जिसमें भी शर्मिला टैगोर को स्विमसूट पहने हुए देखा गया था। तब तक तो शर्मिला टैगोर के स्विमसूट पहनने की चर्चा जोर पकड़ चुकी थी।
जब आई थीं मंसूर की मां
फिल्म एन ईवनिंग इन पेरिस के रिलीज होने के बाद मुंबई में हर ओर शर्मिला टैगोर के स्विमसूट वाले पोस्टर लगा दिए गए थे। उस वक्त शर्मिला टैगोर मंसूर अली खान पटौदी के साथ रिश्ते में थीं। उन्हें पता चला कि मंसूर की मां उनसे मिलने के लिए मुंबई आ रही हैं। तब वे इतना घबरा गई थीं कि उन्होंने फिल्म के प्रोड्यूसर को फोन करके उनसे मुंबई में हर जगह लगे अपने पोस्टर हटवा दिए थे।
सत्यजीत रे की फिल्म अपुर संसार से शर्मिला टैगोर ने 1959 में अपना फिल्मी करियर शुरू किया था। कश्मीर की कली उनकी पहली हिंदी फिल्म थी। हिंदी सिनेमा में शर्मिला टैगोर का योगदान अतुलनीय रहा है।
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