धार्मिक

51 शक्तिपीठों में से एक है देवी मां का ये दरबार, दर्शन मात्र से मनोकामना हो जाती है पूरी

भारत देश में देवी मां से जुड़े हुए बहुत से रहस्यमयी मंदिर मौजूद हैं, जहां पर दूर-दराज से श्रद्धालु देवी मां के दरबार में दर्शन करने के लिए जाते हैं। ऐसे बहुत से देवी के मंदिर हैं जो अपनी विशेषता और रहस्य के लिए दुनिया में भर में जाने जाते हैं। अक्सर इन मंदिरों में ऐसे ऐसे चमत्कार देखने को मिलते हैं, जिस पर किसी के लिए भी यकीन कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है।

बता दें हिमाचल प्रदेश की भूमि पर भी कई ऐसे धार्मिक स्थल व मंदिर हैं, जिस वजह से यहां की भूमि को बेहद खास और पावन माना जाता है। इन्हीं में से एक हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में स्थित नैना देवी मंदिर है।

ऐसा बताया जाता है कि माता सती के शरीर के अंग जहां जहां पर गिरे थे, वह स्थान शक्तिपीठ से विख्यात हुआ। उन्हीं शक्तिपीठों में से एक नैना देवी है। आज हम आपको इस शक्तिपीठ के बारे में बताने जा रहे हैं…

51 शक्तिपीठों में से एक है नैना देवी

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित नैना देवी मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। धार्मिक और प्रचलित कथाओं व मान्यताओं के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में स्थित नैना देवी मंदिर उन्ही 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहां पर देवी सती के अंग गिरे थे। ऐसा बताया जाता है कि नैना देवी मंदिर में माता सती के नैन गिरे थे।

इस पवित्र मंदिर में साल भर भक्तों का मेला लगा रहता है। दूर-दूर से लाखों की संख्या में भक्त यहां पर माता रानी के दर्शन करने के लिए आते हैं। शिवलिंग पर्वत श्रेणियों में स्थित नैना देवी शक्तिपीठ की महिमा बहुत अद्भुत है।

नवरात्रों में यहां खूब लगी रहती है रौनक

नैना देवी मंदिर से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। श्रद्धालु काफी उम्मीदों के साथ माता रानी के दर्शन करने के लिए यहां पर पहुंचते हैं ताकि उनकी मनोकामनाएं पूरी हो सके। ऐसा बताया जाता है कि नैना देवी शक्तिपीठ के दर्शन मात्र से ही लोगों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।

वैसे तो इस मंदिर में तीर्थयात्रियों और भक्तों की भीड़ हमेशा ही लगी रहती है लेकिन खासकर नवरात्रों में यहां खूब रौनक देखने को मिलती है। चैत्र नवरात्रि, आश्विन नवरात्रि और सावन अष्टमी के अवसर पर भक्तों का तांता लगा रहता है। यहां पर भक्त “जय माता दी’ जयकारा लगाते हुए माता के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।

मंदिर के गर्भ गृह में हैं तीन मूर्तियां

नैना देवी मंदिर भक्तों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। अगर इस मंदिर में प्रवेश किया जाए तो मुख्य प्रवेश द्वार पर ही दाएं तरफ भगवान गणेश जी और हनुमान जी की मूर्ति है, जो यहां आने वाले हर श्रद्धालु का मन मोह लेती हैं। मंदिर के गर्भ गृह में तीन मूर्तियां हैं, जिसमें दाएं तरफ मां काली, बीच में नैना देवी और बाएं तरफ भगवान गणेश जी विराजमान हैं।

इस मंदिर के परिसर में एक पीपल का पेड़ भी लगा हुआ है, जिसके बारे में ऐसा बताया जाता है कि यह कई शताब्दी पुराना है। भक्त इस पीपल के पेड़ को भी भक्ति भाव से पूजते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि जो लोग एक बार दर्शन करने के लिए माता रानी के दरबार में आते हैं वह बार-बार यहां पर दर्शन कर माता का आशीर्वाद प्राप्त करने के इच्छुक रहते हैं। इसके अलावा नैना देवी मंदिर परिसर के अंदर बहुत से अन्य खूबसूरत और पवित्र स्थान हैं, जिसे देखकर मन को शांति और सुकून मिलता है।

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