इस रहस्यमयी झील के पास भूलकर भी नहीं जाता कोई, जो भी जाता है बन जाता है पत्थर का, जानें क्यों?
यह दुनिया बहुत बड़ी है, यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है। इस दुनिया में कई ऐसी चीज़ें हैं, जिन्हें देखकर हमें आपनी आँखों पर यक़ीन नहीं होता है। आए दिन दुनिया की विचित्र चीज़ों के बारे में पता चलता है। इन चीज़ों के बारे में कई बार लोग सिर्फ़ कल्पना ही करते हैं, इनमें से कुछ चीज़ें सच में हमारे बीच में मौजूद हैं। जी हाँ अक्सर कई लोग कल्पना करते हैं कि क्या कभी कोई इंसान या जीव पत्थर का बन सकता है? आपकी जानकारी के लिए बता दें ऐसा हो सकता है।
झील के बारे में तो आप जानते ही होंगे। आपमें से कई लोग झील की ख़ूबसूरती देख भी चुके होंगे। भारत में कई ऐसे झील हैं, जो पूरी दुनिया में अपनी ख़ूबसूरती के लिए जाने जाते हैं। पूरी दुनिया में ऐसी हज़ारों झीलें हैं। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें दुनिया की सभी झीलें अपनी ख़ूबसूरती के लिए नहीं जानी जाती हैं। इनमें से कुछ झीलें ख़तरनाक होने की वजह से भी जानी जाती हैं। जी हाँ आज हम आपको एक ऐसी ही झील के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके पानी को छूते ही कोई भी पत्थर का बन जाता है।
आपको बता दें आज हम आपको जिस ख़तरनाक झील के बारे में बताने जा रहे हैं, वह उत्तरी तंजानिया की नेट्रान लेक है। जब आप इस ख़तरनाक झील के पास जाएँगे तो आपको बहुत ही अजीब नज़ारा देखने को मिलेगा। दरअसल आपको झील के किनारे-किनारे जगह-जगह पशु-पक्षियों के स्टैच्यू नज़र आएँगे। आपको बता दें कि वो स्टैच्यू बनाए हुए नहीं है बल्कि वो असली पशु-पक्षियों के स्टैच्यू हैं जो ख़ुद-ब-ख़ुद बन गए हैं। इस झील के पानी में जाने वाला कोई भी जानवर या पक्षी कुछ ही देर में कैल्सिफ़ाइड होकर पत्थर का बन जाता है।
इस अजीबो-ग़रीब लेक के बारे में जानकार यक़ीन आपके माँ में भी यही ख़याल आ रहा होगा कि चाहे कुछ भी हो जाए इस लेक के आस-पास भी नहीं फटकना है। जी हाँ अगर आप पत्थर के नहीं बनना चाहते हैं तो आपको इस झील से दूर ही रहना चाहिए। निक ब्रांडट नाम के एक फ़ोटोग्राफ़र ने इस झील के आस-पास के स्टैच्यू को अपने कैमरे में क़ैद किया है।
इसके ऊपर उन्होंने अपनी एक बुक भी निकाली है जिसका नाम Across the Ravaged Land है। इस बुक में उन्होंने लिखा है कि इस पानी में जो भी जाता है, वह पत्थर का बन जाता है।
ऐसा होने के पीछे उन्होंने कारण भी बताया है। उन्होंने कहा कि इस झील के पानी में नमक और सोडा की मात्रा बहुत ही ज़्यादा है। उन्होंने कहा कि इसकी मात्रा इतनी ज़्यादा है कि इसने मेरी कोडैक फ़िल्म बॉक्स की स्याही को कुछ ही सेकेंड में जमा दिया। किताब के अनुसार पानी में अल्कलाइन का स्तर PH9 से PH10.5 है, यानी अमोनिया जितना अल्कलाइन। इस झील का तापमान भी 60 डिग्री तक पहुँच जाता है। इस झील के पानी में वह तत्व भी पाया गया जो ज्वालामुखी की राख में होता है। किताब में बताया गया है कि सभी जीव कैल्सिफ़िकेशन की वजह से जमकर चट्टान की तरह मज़बूत हो जाते हैं।