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DSP साहब ने हजारों छात्रों को बनाया अधिकारी, गरीब और जरूरतमंद बच्चों को दे रहे हैं मुफ्त शिक्षा

देशभर में कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है, जिसकी वजह से लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जब देश में कोरोना महामारी ने दस्तक दी थी तो सरकार ने लॉक डाउन कर दिया था। इस दौरान पूरे देश पर तालाबंदी हो गई थी। स्कूल, कॉलेज, दुकाने, कारखाने, होटल सब बंद कर दिए गए थे। लॉक डाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ा। वहीं शिक्षा प्रणाली पर भी तालाबंदी का काफी असर हुआ।

भले ही लॉक डाउन खत्म हो गया है परंतु अभी अभी कोरोना का संकट देश पर मंडरा रहा है। कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉक डाउन के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। ऐसे में कई गरीब परिवार हैं जो अपना गुजारा बहुत मुश्किल से चला रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में भी वह सक्षम नहीं हो पा रहे हैं। इसी बीच गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए DSP विकास चंद्र श्रीवास्तव मसीहा बनकर सामने आए हैं। यह सिर्फ पुलिस विभाग ही नहीं युवाओं के बीच भी “गुरुजी” के नाम से जाने जाते हैं।

आपको बता दें कि विकास श्रीवास्तव जी अभी रांची के इन्वेस्टिगेशन ट्रेनिंग स्कूल में तैनात हैं। इससे पहले वह देवघर में डीएसपी के पद पर थे। उस समय झारखंड में बाबा नगरी के नाम से प्रसिद्ध देवघर जिले के सब डिविजनल पुलिस अधिकारी विकास चंद्र श्रीवास्तव अपनी व्यस्त दिनचर्या के बीच रोजाना समय निकालकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को मुफ्त शिक्षा दे रहे थे। तब देवघर के अंबेडकर पुस्तकालय में 4000 से ज्यादा छात्र उनसे पढ़ने के लिए रजिस्टर्ड थे।

आपको बता दें कि डीएसपी साहब ने गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए इस पहल की शुरुआत की है। खासकर जो सिविल सर्विसेज की पढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन उनके पास कोचिंग के लिए पैसे नहीं है। गरीब और जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई के लिए उनके इस प्रयास की लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं। अब उनका ट्रांसफर रांची हो गया है। इसके बाद कोरोना की वजह से लगे लॉक डाउन में उन्होंने ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी। अभी 2500 बच्चे ऑनलाइन उनसे इंटरेक्ट करते हैं। वहीं 1600 स्क्राइबर उनके यूट्यूब वीडियोस देखकर पढ़ रहे हैं।

“DSP की पाठशाला” उन छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद है जो दूर-दराज रहते हैं और जो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं। जो छात्र शहरों में नहीं रह सकते और कोचिंग के लिए फीस नहीं दे सकते, ऐसे विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन क्लास बहुत मददगार साबित हो रही है। लॉक डाउन में विकास श्रीवास्तव जी ने Zoom App से पढ़ाई करने की शुरुआत की परंतु जब छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई तो वह यूट्यूब पर लाइव क्लास लेने लगे और इसी के साथ ही “DSP की पाठशाला” का जन्म हो गया।

डीएसपी साहब का ऐसा कहना है कि DSP की पाठशाला का उद्घाटन 11 जुलाई को हुआ था। वह हफ्ते में 4 दिन 1 – 1 घंटे का क्लास लेते हैं। इसमें यूपीएससी और झारखंड सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी करवाते हैं। उन्होंने 8 व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाए हुए हैं, जिसके माध्यम से वह जरूरी सूचनाएं छात्रों तक पहुंचाते हैं। अगर किसी छात्र को कोई दिक्कत होती है तो वह ग्रुप में मैसेज कर देता है।

आपको बता दें कि देवघर के अंबेडकर लाइब्रेरी के मैनेजमेंट से जुड़े लोगों ने उन्हें एक स्मार्ट बोर्ड गिफ्ट किया था और वह इसी के जरिए पढ़ाते हैं। विकास जी के पढ़ाए छात्र लगातार अधिकारी बन रहे हैं। जेपीएससी-6 में उनके पढ़ाए 11 छात्रों ने बाजी मारी। सुमन गुप्ता ने प्रशासनिक सेवा में टॉप किया था। राज्य पुलिस में टॉप करने वाले प्रदीप प्रणव भी उनके छात्र हैं। ऐसा बताया जाता है कि उनके द्वारा पढ़ाए गए छात्रों में से अब तक 100 से अधिक दरोगा, डीएसपी और प्रशासनिक अधिकारी बन चुके हैं। डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव जी कोरोना संकट के समय में भी अपनी पुलिस की जिम्मेदारी पूरी निष्ठा के साथ पूरा करते हुए रोजाना ऑनलाइन क्लास के माध्यम से सैकड़ों जरूरतमंद छात्रों की मदद कर रहे हैं और मुफ्त शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

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