धार्मिक

2021 में इन राशियों पर होगी शनि की साढ़ेसाती-ढैय्या, होगा मानसिक संताप और शारीरिक कष्‍ट

शनिदेव की साढ़ेसाती और ढैय्या से हर कोई घबराता है। दरअसल जब शनि ग्रह किसी शख्स की जन्‍म‍राशि से द्वादश अथवा प्रथम या द्वितीय स्‍थान में हों तो उस सिचूऐशन को शनि की साढ़ेसाती कहते हैं। इस स्थिति में जातक के ऊपर मानसिक संताप, शारीरिक कष्‍ट, कलह-क्‍लेश, अधिक खर्च जैसी समस्याएं हमला कर देती है। वहीं शनि जब गोचर के दौरान राशि से चतुर्थ व अष्टम भाव में होता है तो उसे शनि की ढैय्या कहते हैं।

गौरतलब है कि शनि 2020 जनवरी से ही मकर राशि में हैं। इस साल वे अपनी स्थिति नहीं बदल रहे हैं। ऐसे में 2021 में कुछ विशेष राशियों को शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि साढ़ेसाती करीब साढ़ेसात साल जबकि ढैय्या ढाई साल चलती है। वहीं शनि की महादशा 19 साल की होती है। प्रत्येक शख्स के जीवन में हर 30 साल में साढ़ेसात और ढाई जरूर आती है।

फिलहाल शनि अपनी खुद की राशि मकर में विद्यमान है। ऐसे में 2021 में धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती बनी रहेगी।  धनु राशि के लिए यह साढ़ेसाती पांव की तरफ मतलब उतरती हुई रहेगी। इसकी वजह ये है कि शनि इस राशि से अगली राशि मकर में संचार कर रहे हैं।

उधर मकर राशि वालों की साढ़ेसाती दिल पर मतलब चढ़ती हुई और मध्‍य अवस्‍था में रहेगी। कुम्भ राशि की बात करे तो इनकी शनि की साढ़ेसती सिर पर चढ़ती हुई मतलब प्रारंभिक अवस्‍था में होगी। इसके अतिरिक्त मिथुन और तुला राशि पर भी शनि की ढैय्या मानी जा रही है। बता दें कि साढ़ेसाती और ढैय्या का फल सभी पर एक जैसा होता है।

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को कम करने के लिए आप कुछ उपाय आजम सकते हैं। जैसे हर शनिवार शनि मंत्र  ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्‍चराय नम:’ का जाप करे। इसकी आपको कम से कम तीन बार माला अवश्य जपना है। इसके अतिरिक्त ‘नम: कृष्‍णाय नीलाय शितिकण्‍ठनिभाय च। नम: कालाग्निरुपाय कृतान्‍ताय च चै नम:।।’ शनि स्‍त्रोत का पाठ भी करें।

शस्त्रों के अनुसार शनिश्‍चरी अमावस्‍या की शाम को सूर्यास्‍त के बाद शनि पूजन और जप करना लाभकारी होता है। वहीं पश्चिम दिशा की ओर मुख कर काले कंबल पर बैठ शनिदेव की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

इसके अलावा शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करने से भी शनि के बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं। शनि की दशा से जल्द राहत पाने के लिए शनिवार की शाम स्‍टील की कटोरी में सरसों के तेल का दीपक जलाने से भी लाभ मिलता है।

Related Articles

Back to top button