हिन्दू-मुस्लिम-सिख, क्यों हर धर्म के लोग कंगना से करने लगे नफ़रत ? एक्ट्रेस ने खुद बताई वजह

बॉलीवुड की बेबाक और बिंदास अदाकारा कंगना रनौत सोशल मीडिया पर लगातार सुर्ख़ियों में बनी हुई है. हर विषय पर खुलकर अपनी बात रखने वाली एक्ट्रेस कंगना दिल्ली की सीमाओं पर जारी हरियाणा और पंजाब के किसानों के आंदोलन की शुरुआत से ही इस मामले पर भी अपनी बात रख रखी है.
किसान आंदोलन के बीच कंगना रनौत को अपने ट्वीट के चलते विवादों का भी सामना करना पड़ा है. कंगना को उनके ट्वीट के चलते दिलजीत दोसांझ, स्वरा भास्कर और मीका सिंह जैसे कलाकारों से जमकर आलोचना भी झेलनी पड़ी थी. इसके साथ ही आम लोग भी कंगना को भला-बुरा कह चुके हैं. सोशल मीडिया पर कंगना लगातार किसान आंदोलन के मुद्दे को लेकर चर्चा में है.
बीते दिनों एक्ट्रेस की सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ संग सोशल मीडिया पर काफी तगड़ी बहस हो चुकी थी. दोनों कलाकारों ने बहस में बड़े-छोटे का भी लिहाज नहीं रखा और दोनों तू-तड़ाके पर उतर आए थे. कंगना को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों के बीच लगातार गुस्सा और नफ़रत देखी जा रही है. कंगना ने हालिया ट्वीट में बताया है कि आखिर क्यों लोग उनसे नफ़रत कर रहे हैं.
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रणौत ने अपने आधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ‘मैं फिल्म उद्योग को लेकर ईमानदार रही हूं, इसलिए उनमें से ज्यादातर लोग मेरे खिलाफ हैं, मैंने आरक्षण का विरोध किया तो सबसे ज्यादा हिंदू मुझसे नफरत करते हैं, मणिकर्णिका की रिलीज के दौरान मैंने करणी सेना के साथ लड़ाई की, इसलिए राजपूतों ने मुझे धमकी दी, मैं इस्लामवादी कंटरपंथियों के खिलाफ खड़ी हुई तो मुस्लिम नफरत करने लगे. मैं खालिस्तानियों से लड़ी तो अब ज्यादातर सिख मेरे खिलाफ हो गए हैं.’
I have been honest about the film industry so most of them are against me, I opposed reservations most Hindus hate me, during Manikarnika’s release I fought with Karni Sena so Rajputs threatened me as well, I oppose Islamists many Muslims hate me, I fought with Khalistanis… 1/2 pic.twitter.com/2Eu4RENQWm
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) December 17, 2020
कंगना यहीं नहीं रुकी. उन्होंने आगे ट्वीट में लिखा कि, ‘मेरे शुभचिंतक बताते हैं कि कोई भी राजनीतिक दल मेरे जैसे वोट देने वाले को पसंद नहीं करता है, इसलिए स्पष्ट रूप से कोई भी राजनीतिक दल मेरी सराहना नहीं करता है. आप में से ज्यादातर लोग सोचते हैं कि मैं जो करती हूं, वह क्यों करती हूं. वैसे इस दुनिया से परे एक ऐसी दुनिया में मेरी अवधारणा की सराहना की जाती है.’
So now most Sikhs are against me, my well wishers tell me no political party likes a vote repellent like me, so clearly no political party appreciates me, most of you wonder why I do what I do. Well in a world beyond this world in the world of my CONSCIENCE I am appreciated ❤️
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) December 17, 2020
एक ट्वीट बना था विवाद की जड़…
बता दें कि किसान आंदोलन की शुरुआत के साथ ही कंगना केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के समर्थन में ट्वीट कर रही है और वे किसान आंदोलन को गलत ठहरा रही है. कुछ दिनों पहले उन्होंने किसान आंदोलन में हिस्सा लेने आई एक बुजुर्ग महिला को शाहीन बाग प्रदर्शन में शामिल हुईं बिलकिस दादी बताया था. कंगना को ऐसे में जमकर ट्रोल किया गया था. बाद में एक्ट्रेस ने अपना यह ट्वीट हटा लिया था.
कंगना के इस ट्वीट पर पंजाबी एक्टर और सिंगर दिलजीत दोसांझ ने भी उन पर निशाना साधा था. उन्होंने कंगना को भला-बुरा कह दिया था. कंगना भी ऐसे में चुप नहीं बैठी और उन्होंने भी दिलजीत पर जोरदार हमला बोला. धीरे-धीरे दोनों के बीच बहस बढ़ती गई. किसान आंदोलन को छोड़ दोनों कलाकार एक-दूसरे पर निजी हमले करने लगे.
सोशल मीडिया पर दोनों की बहस की जोर-शोर से चर्चा होने लगी. कंगना को ट्वीट करना और फिर उसे डिलीट करना भारी पड़ गया. आम लोगों के साथ ही कई सेलेब्स भी दिलजीत के समर्थन में आ गए और कंगना ऐसे में अकेली पड़ गई. हालांकि अब बभी कंगना दिलजीत को लेकर लगातार ट्वीट कर रही है.
कंगना रनौत के निशाने पर दिलजीत के साथ ही प्रियंका चोपड़ा भी है. प्रियंका ने भी किसान आंदोलन पर किसानों के समर्थन में एक ट्वीट किया था. कंगना ने गुरुवार को दोनों कलाकारों को लेकर एक बहार फिर ट्वीट किया. दोनों पर भड़कते हुए कंगना ने आरोप लगाया था कि दोनों किसानों को भड़काकर गायब हो गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा किसानों का मामला…
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ पंजाब और हरियाणा के किसान हजारों की तादाद में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. 26 नवंबर से यह किसान आंदोलन चल रहा है. किसानों की मांग है कि सरकार नए कृषि कानून रद्द करें. जबकि सरकार ने साफ़ कह दिया है कि, कृषि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे.
बता दें कि सरकार और किसानों के बीच किसानों की समस्याओं को लेकर अब तक कई दौर की वार्ताएं हो चुकी है. हालांकि सभी बैठकें बेनतीजा रही है. किसान आंदोलन का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. हाल ही में किसान आंदोलन से जुड़ी तीन याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई की है.
याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा है कि, प्रदर्शन करना किसानों का हक़ है, लेकिन वे किसी शहर की सीमाओं को ब्लॉक नहीं कर सकते हैं. उन्हें विरोध का तरीका बदलना होगा. साथ ही इस मामले में कोर्ट ने एक समिति गठित करने का आदेश दिया है. कमेटी के माध्यम से किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा.