इसे कहते है किस्मत का पलटना, रातों-रात ड्राइवर बना करोड़पति, लगी 40 करोड़ रुपए की लॉटरी
‘वक्त से पहले किस्मत से ज्यादा कभी किसी को कुछ नही मिलता’ ये कहावत तो हम सभी ने सुनी है. लेकिन जब समय आता है और किस्मत भी मेहरबान होती है तो वारे-न्यारे हो जाते है. देने वाला जब भी देता, देता छप्पर फाड़ कर ये कहावत भी सच हो जाती है. अगर रातों-रात आपकी किस्मत बदल जाये तो क्या आप मानेंगे. एक ही रात में आप करोड़ो के मालिक बन जाए क्या ऐसा हो सकता है. ऐसा ही कुछ हुआ है केरल (Kerala) के कोल्लम (Kollam) जिले के रंजीत सोमराजन के साथ.
केरल के रहने वाले रंजीत सोमराजन (Renjith Somarajan) दरअसल, साल 2008 में केरल में अपना घर छोड़कर आमदनी की तलाश में दुबई चले गए थे यहाँ रहकर वह टैक्सी ड्राइवर (Taxi Driver) की नौकरी करने लगे. आम इंसान की तरह सामान्य वेतन पर गुजर-बसर करते-करते उनकी भी मन करता था कि जिंदगी थोड़ी और बेहतर हो जाए. वह भी अपने शोक पूरे कर पाए. इसी लिए उन्होंने लॉटरी टिकिट खरीदना शुरू कर दिया. उन्हें यह टिकिट खरीदते हुए 3 साल हो चुके थे.
हर बार दूसरा या तूसरा पुरस्कार जीतने की ख्वाहिश रखते थे लेकिन उन्हें कुछ भी हासिल नहीं होता था. एक लम्बे समय के बाद जब वह मस्जिद में थे तो उन्हें पता चला कि उनकी 20 मिलियन दिरहम यानी 40 करोड़ की लॉटरी लग गई है. शायद ही उन्होंने सोचा होगा कि एक दिन उनकी लॉटरी खरीदने की यह आदत उन्हें करोड़पति बना देगी.
गौरतलब है कि उनके लॉटरी के लिए खरीदे टिकट नंबर 349886 को अबू धाबी के बिग टिकट ड्रॉ (Abu Dhabi Big Ticket Draw) में पहला पुरस्कार मिला है. इस टिकट ड्रा में पहला पुरस्कार 20 मिलियन दिरहम (20 Million Dirham) यानि लगभग 40 करोड़ रुपए का था. इस पुरुस्कार को जीतने के बाद रंजीत ने बताया कि एक दिन वह अपनी पत्नी संजीवनी परेरा (Sanjivani Perera) और अपने बेटे निरंजन (Niranjan) के साथ हट्टा (Hatta) से वापस आ रहे थे. इस दौरान जब वह एक ट्रैफिक सिग्नल (Traffic Signal) पर रुके तो दूसरा और तीसरा पुरस्तार जीतने वाले की घोषणा हुई. इसके बाद वह आगे बढे और सब्जी मंडी की तरफ जाने लगे तो तीसरा पुरस्कार जीतने वाले की घोषणा हुई.
रंजीत ने आगे बताया कि वह उसके बाद आगे बढ़े और सब्जी मंडी की तरफ मुड़े, जिसके रास्ते में एक मस्जिद भी पड़ती है. उन्होंने मस्जिद की और देखकर खुदा से कहा कि मैं फिर एक बार फिर लॉटरी जीतने से चूक गया. रंजीत को दूसरे या तीसरे पुरस्कार को जीतने की उम्मीद थी इसलिए वह निराश हो गए थे. जब वह मंडी की तरफ जा रहे थे तो उनके दिमाग में कुछ और चल रहा था इसलिए वह वापस आकर मस्जिद आ गए. मस्जिद आकर उन्हें पता चला कि उनके टिकट पर पहला पुरस्कार मिला है.
इस पूरे वाकये के दौरान उनका बेटा लाइव स्ट्रीमिंग (Live streaming) पर पूरा इवेंट (Event) देख रहा था, जिसमें अपने पिता के लॉटरी जीतने की घोषणा सुनते की वो खुशी से चीख पड़ा. सूत्रों की माने तो सोमराजन अपनी पुरस्कार राशि को उन नौ अन्य लोगों के साथ शेयर करेंगे, जिन्होंने टिकट खरीदने के लिए उनकी आर्थिक मदद की थी.