बॉलीवुड

जब ताज होटल ने गोविंदा को नहीं दी नौकरी, मुंबई की लोकल ट्रेन ने दिखाया जिंदगी का सबसे बुरा दिन

डांस के सरताज, एक्टिंग के जादूगर, दमदार डायलॉग डिलीवरी के धनी और अपनी कॉमेडी से दर्शकों को लोट-पोट करने वाले सुपरस्टार गोविंदा आज 57 साल के हो गए हैं. गोविंदा की गिनती अपने समय के बड़े स्टार में होती है. 90 के दशक में गोविंदा का जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोलता था. आज ही के दिन साल 1963 में गोविंदा का जन्म ‘मायानगरी’ मुंबई में हुआ था.

80 और 90 के दशक में गोविंदा ने अभिनय से जुड़ी हर चीक के दम पर ख़ूब सुर्खियां बटोरी. वे इस दौर में रंग-बिरंगे चटखदार कपड़ों में हर हीरो से अलग नज़र आते थे. आज बेशक गोविंदा बेशुमार दौलत और शोहरत के मालिक हैं. लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उन्होंने ताज होटल में नौकरी मांगी, लेकिन होटल ने उन्हें नौकरी देने से इंकार कर दिया था.

अभिनेता गोविंदा ने गरीबी को करीब से देखा है. वे मुंबई में विरार में भी रहे हैं. फिल्मों की तरह उनकी जिंदगी की कहानी का भी हाल रहा है. आइए आज गोविंदा के 57 वे जन्मदिन के ख़ास मौके पर हम आपको उनसे जुड़ीं कुछ खास बातों के बारे में बताते हैं…

गोविंदा के पिता अरुण आहूजा अपने समय के एक ख्यात कलाकार कलाकार रह चुके हैं. बताया जाता है कि, गोविंदा के पिता ने करीब 40 फिल्मों में अपने समय में काम किया था. गोविंदा की माँ निर्मला देवी की बात की जाए तो वे शास्त्रीय गायिका थीं, वे फिल्मों में गायन का काम करती थी. गोविंदा के पिता जब फिल्मों में एक्टिव थे, तो एक फिल्म के कारण उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ा और हालात ऐसे बन गए कि गोविंदा के परिवार को बंगले को त्याग कर विरार में अपने दिन गुजारने पड़े.

गोविंदा इस समय तक फिल्मों में नहीं आए थे. वे फ़िल्मी दुनिया से दूर थे. गोविंदा का फॉक्स पढ़ाई पर था और वे कॉमर्स से स्नातक की डिग्री हासिल कर चुके थे. अब उन्हें नौकरी की तलाश थी और वे चले गए मुंबई के मशहूर ताज होटल में नौकरी मांगने. लेकिन उन्हें यहां से बहुत बड़ा झटका लगा. गोविंदा को होटल ताज ने नौकरी देने से इंकार कर दिया था.

एक चैट शो के दौरान गोविंदा ने अपनी निजी जिंदगी को लेकर खुलकर बात की थी. उन्होंने बताया था कि, उनकी मां निर्मला देवी को एक बार कहीं जाना था. अपनी मां के साथ गोविंदा मुंबई के खार स्टेशन पर लोकल ट्रेन के इंतजार में थे. ट्रेनें खचाखच भरी थी और वे लगातार ट्रेनें मिस कर रहे थे. गोविंदा इससे काफ़ी निराश हो गए और वे अपने एक रिश्तेदार से कुछ पैसे उधार मांगकर लाए. गोविंदा ने फिर अपनी मां को फर्स्ट क्लास का पास बनवाकर दिया

गोविंदा इस घटना से काफ़ी आहत हो गए थे और इन्हें इसका काफी गहरा झटका भी लगा. गोविंदा ने आगे जाकर इन बातों को भूला दिया और वे फिर काम करने लगे. फिल्मों में आने से पहले गोविंदा एलविन नामक कंपनी के एक विज्ञापन में काम कर चुके थे. फिर आगे जाकर उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपना करियर बनाने का फ़ैसला किया.

गोविंदा ने साल 1986 में हिंदी सिनेमा में अपने कदम रखे. उनकी पहली फिल्म इस साल ‘इल्जाम’ रिलीज हुई. गोविंदा पहली ही फिल्म से दर्शकों के दिलों पर अपना जादू चलाने में कामयाब रहे. फिर वे आगे लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ते गए. 80 और 90 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने अपना एक अलग और एक ख़ास मुकाम बनाया.

गोविंदा ने लगभग 165 फिल्मों में काम किया और इस दौरान उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फ़िल्में बॉलीवुड को दी. सुपरस्टार गोविंदा को 11 बार फिल्म फेयर अवार्ड का नॉमिनेशन भी मिला है. वे चार बार जी सिने अवॉर्ड भी अपने नाम कर चुके हैं. साथ ही उन्होंने बेस्ट कॉमेडियन के फिल्म फेयर खीराब पर भी कब्जा जमाया है.

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