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कड़कड़ाती ठंड में नवजात बेटी को ठेलागाड़ी पर लावारिस छोड़ गई मां, फिर ऐसे बची जान

इन दिनों देशभर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। साधारण कपड़ों में बाहर घूमना बेहद मुश्किल है। ऐसे में हर कोई दो चार जाड़े कपड़े पहन ही बाहर निकलता है। इस बीच राजस्थान के जोधपुर में कड़कड़ाती ठंड में एक निर्दयी मां ने अपनी नवजात बेटी को एक पतले से कपड़े में मरने के लिए ठेलागाड़ी पर लावारिस छोड़ दिया।

इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली यह घटना देख लोगों की आँखें नम हो गई। हर किसी के दिमाग में यही चल रहा था कि आखिर कोई मां इतनी बेरहम कैसे हो सकती है जो अपनी फूल सी मासूम बच्ची को इस तरह कड़ाके की ठंड में मरने के लिए छोड़ दे। जानकारी के मुताबिक यह वाक्या जोधपुर शहर के बरकतुल्ला खां स्टेडियम के पास बने अस्पताल का है।

 

यहां 15 दिन की एक मासूम बच्ची ठेला गाड़ी पर रोते हुए मिली। इतनी भीषण ठंड में भी मासूम के ऊपर बस एक पतला सा कपड़ा था। जब वह रोने लगी तो राहगीरों ने उसे संभाल लिया। पुलिस को तुरंत इसकी सूचना दी गई। पुलिस भी जल्दी से आ गई और बच्ची को हॉस्पिटल में एडमिट कर दिया।

फिलहाल बच्ची की तबीयत खतरे से बाहर बताई जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार नवजात बच्ची 15 से 25 दिन की लग रही है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। वे आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल आरोपी मां को खोजने की कोशिश कर रही है।

यह पूरी घटना अपने आप में बेहद दुखद है। आज हमारा देश 21वीं सदी में प्रवेश कर चुका है। भारत दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। हम डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन इन सबके बावजूद लोग आज भी बेटी को पालना नहीं चाहते हैं। उन्हें बेटे की चाह है। जबकि वर्तमान में हर फील्ड में लड़कियां लड़कों की बराबरी कर रही है।

समाज को अपनी सोच बदलने की जरूरत है। इसके पहले भी कई इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं जहां निर्दयी मां या उसके परिवार वाले बेटी होने पर उसे कचरे के ढेर पर या खेत में मरने के लिए छोड़ जाते हैं। यदि आप अपने आसपास इस तरह की घटना होते देखे तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को करें। साथ ही ऐसे छोटी सोच के लोगों को समझाए कि बेटियां भी आजकल बेटों से कम नहीं होती है।

वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है हमे कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। हमे आपके जवाबों का बेसब्री से इंतजार रहेगा। साथ ही इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करें।

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