विशेष

गायों के तबेले में गोबर उठाने वाली मेहनत और लगन से बनी जज, पूरे शहर का नाम किया रोशन

इंसान का जीवन इतना सरल नहीं है। मनुष्य अपने पूरे जीवन काल में बेहद संघर्ष भरा जीवन व्यतीत करता है। जीवन के हर मार्ग पर कोई ना कोई चुनौती जरूर उत्पन्न होती है। जो इंसान सभी चुनौतियों को पार करते हुए आगे बढ़ता है, वह अपने जीवन में कामयाबी जरूर प्राप्त करता है। ऐसा कहा जाता है कि कड़ी मेहनत और लगन से सफलता हासिल की जा सकती है। आज हम आपको एक ऐसी युवती के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिसने तमाम अभावों और चुनौतियों के बीच अपनी सच्ची लगन और मेहनत से सफलता हासिल की है।

जी हां, इस युवती ने RJS परीक्षा में सफलता प्राप्त की और परिवार का ही नहीं बल्कि पूरे शहर का नाम रोशन कर दिया है। इन्होंने उन लोगों के लिए मिसाल पेश की है जो अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों के आगे हार मान जाते हैं।

गायों के तबेले में उठाया करती थी गोबर

हम आपको जिस युवती के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, उसका नाम सोनल शर्मा है। यह उदयपुर के प्रताप नगर इलाके में रहती हैं। सोनल शर्मा की उम्र 26 साल की है। सोनल शर्मा की सफलता की कहानी किसी हिंदी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं है। सोनल का ऐसा बताना है कि उनकी इस सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ उनके पिताजी का ही है, जिन्हें देखकर उनके मन में कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा मिली थी।

आपको बता दें कि सोनल शर्मा अपने पिता का हाथ बटाने के लिए गायों के तबेले में गाय का गोबर उठाने का काम करती थीं। जैसे-जैसे बड़ी हुईं पढ़ाई के साथ तबेले में अपने पिता के साथ काम में सहयोग भी करने लगीं। गाय का गोबर उठाना, दूध निकालना और तबेले की साफ-सफाई करना, इनके जीवन का हिस्सा बन चुका था परंतु यह अपने सपनों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से मजबूत थीं। यह चाहती थीं कि अपने माता-पिता का नाम रोशन करें। इनके जीवन में बहुत सी मुश्किलें उत्पन्न हुई परंतु हर मुश्किल का इन्होंने हिम्मत के साथ सामना किया और अपनी पढ़ाई जारी रखी। यह पढ़ाई में बहुत अच्छी थीं।

जजो को देखकर जज बनने की ठान ली

सोनल शर्मा ने जब बीए एलएलबी में प्रवेश लिया तो वहां पर आने वाले जजो को देखकर उन्होंने यह ठान लिया कि वह भी जज बनेंगी परंतु घर के हालात बहुत खराब थे। पिता की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वह अपनी बेटी को किसी अच्छे कोचिंग में पढ़ाई करवा पाएं लेकिन सोनल ने अपने सपने को पूरा करने के लिए जमकर मेहनत की और आखिर में इनको अपनी मेहनत से अपना लक्ष्य प्राप्त हुआ।

पहली बार हुईं असफल, दूसरे प्रयास में मिली सफलता

जब सोनल अपने सपने को साकार करने की कोशिश में लगी हुई थीं तो इन्होंने असफलता का भी सामना किया था। आपको बता दें कि पहली बार में यह 3 अंकों से असफल हो गई थीं परंतु इस परिस्थिति में भी इन्होंने अपनी हिम्मत नहीं छोड़ी और ना ही निराश हुईं। उसके बाद इन्होंने अपनी तैयारी की। वर्ष 2018 में हुई RJS परीक्षा में वह एक नंबर से अपनी मंजिल तक पहुंचने से दूर रह गईं परंतु किस्मत और भगवान ने सोनल का पूरा साथ दिया। हाल ही में जारी हुई वेटिंग लिस्ट में उनका चयन हो गया। सोनल की सफलता से उनके माता-पिता बहुत ही खुश हैं। सोनल के पिता ख्यालिलाल शर्मा का ऐसा कहना है कि यह सब गायों की सेवा करने का फल मिला है। अपनी बेटी की सफलता पर इनको काफी गर्व महसूस हो रहा है।

सोनल शर्मा ने अपनी कड़ी मेहनत से मुकाम हासिल किया है। हम उम्मीद करते हैं कि पूरी ईमानदारी के साथ यह लोगों के साथ न्याय करेंगीं। सोनल शर्मा की सफलता की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो मुश्किल परिस्थितियों में हार मान जाते हैं। निरंतर प्रयास से ही कामयाबी पाई जा सकती है। अगर आप बीच मार्ग में अपने लक्ष्य से पीछे हट जाएंगे तो कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे। अगर आप असफल भी हो जाते हैं तो आप निरंतर कोशिश करें। कठिनाइयों को पार करके आप अपनी मंजिल जरूर हासिल करेंगे।

Related Articles

Back to top button