धार्मिक

शास्त्रों में बताई गई इन बातों को रखें ध्यान, लक्ष्मी कृपा से धन-संपत्ति से परिपूर्ण रहेगा जीवन

मनुष्य यही चाहता है कि वह अपना जीवन सुखी पूर्वक व्यतीत करें। व्यक्ति अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए दिन-रात कोशिश में लगा रहता है परंतु ना चाहते हुए भी जीवन में किसी ना किसी प्रकार की परेशानी लगी रहती है। आपको बता दें कि हमारे धर्म शास्त्रों में ऐसी बहुत सी बातें बताई गई हैं जिनको अगर मनुष्य अपने जीवन में उतार लेता है तो इससे एक संतुष्ट और सुखी जीवन व्यतीत किया जा सकता है। इस संसार में हर व्यक्ति यही चाहता है कि वह अपना जीवन सुखी और समृद्धि से परिपूर्ण व्यतीत करें। हर मनुष्य की यही अभिलाषा रहती है कि उसका जीवन हमेशा खुशियों से भरपूर रहे।

अगर आप भी सुखी और समृद्धि भरा जीवन व्यतीत करने का प्रयास कर रहे हैं तो आज हम आपको शास्त्रों में बताई गई कुछ विशेष बातों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिनको अगर आप ध्यान रखते हैं तो आपके ऊपर सदैव मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि बनी रहेगी। तो चलिए जानते हैं शास्त्रों में इस विषय में कौन सी बातें बताई गई हैं।

मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस बात का रखें ध्यान

शास्त्रों के अनुसार महिलाओं को अन्नपूर्णा और मां लक्ष्मी जी का स्वरूप माना जाता है। अगर कोई व्यक्ति पराई स्त्री पर बुरी नजर रखता है या फिर किसी भी महिला का अपमान करता है तो उससे माता लक्ष्मी जी नाराज हो जाती हैं। अगर आप माता लक्ष्मी जी की कृपा पाना चाहते हैं तो कभी भी पराई स्त्री पर बुरी नजर ना रखें और ना ही घर की महिलाओं का अपमान करें। पुराणों में इस बात का जिक्र किया गया है कि जो पुरुष स्त्री पर बुरी नजर रखता है या फिर महिला का अपमान करता है, उसका जीवन कष्टकारी व्यतीत होता है और घर में दरिद्रता आती है।

पूजा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

हिंदू धर्म में भगवान की पूजा की जाती है। लोग अपने घरों में ईश्वर की प्रतीक प्रतिमाओं को लगाकर उसकी पूजा करते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है लेकिन पूजा-पाठ करने से संबंधित कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है। पूजा करने के दौरान आप इस बात का ध्यान रखिए कि पूजा-पाठ की कोई भी सामग्री या शंख, शालिग्राम आदि अशुद्ध स्थान या जमीन पर ना रखें। आप लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर या फिर चावल का आसन देकर इन चीजों को रखें।

निस्वार्थ भाव से दान-पुण्य करते रहें

इंसान को अपने जीवन में हमेशा दान-पुण्य करते रहना चाहिए। धर्म शास्त्रों के अनुसार दान-पुण्य का बहुत महत्व बताया गया है लेकिन दान करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप अपने द्वारा किए गए दान का बखान मत कीजिए क्योंकि इस तरह किए गए दान का फल नहीं मिलता है। आप हमेशा गुप्त दान करें। ऐसा करने से आपके जीवन के बड़े से बड़े संकट टल जाएंगे।

बड़े बुजुर्गों का करें सम्मान

शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि हमेशा व्यक्ति को अपने बड़ों का आदर-सम्मान करना चाहिए। जितना महत्व उपवास, दान, जप-तप और ईश्वर की पूजा करने का होता है उतना ही महत्व घर के बुजुर्गों और बड़ों का सम्मान करने का भी होता है। इसलिए आप बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें और अपने छोटो के साथ प्रेम का भाव रखें।

सूर्यास्त के पश्चात भूलकर भी ना करें ये काम

शास्त्रों के अनुसार कभी भी सूर्य और चंद्रमा के अस्त होते हुए दर्शन नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसकी वजह से जीवन में नकारात्मकता का भाव उत्पन्न होने लगता है। ऐसे लोगों के जीवन में हमेशा निराशा छाई रहती है। आपको बता दें कि उगते हुए सूर्य के दर्शन और पूर्णिमा के चांद को निहारना बहुत ही अच्छा माना गया है।

इन तिथियों को अपना आचरण रखें सात्विक

शास्त्रों के मुताबिक हर मनुष्य को हर महीने की अष्टमी, एकादशी, अमावस्या, पूर्णिमा और चतुर्दशी तिथि पर धार्मिक नियमों का पालन करना बहुत ही जरूरी है और इन तिथियों पर अपना आचरण सात्विक रखें। आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि इन तिथियों पर आप मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी मत कीजिए। इन तिथियों पर शरीर पर तेल की मालिश ना करें। इन तिथियों पर ब्रह्मचार्य का पालन करना अति आवश्यक है।

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