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आखिर क्यों किया जाता है बच्चे का मुंडन संस्कार? जानिए इसके धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

अगर हम हिंदू धर्म के अनुसार देखे तो मनुष्य के पूरे जीवन काल में 16 संस्कार बताए गए हैं। उन्हीं संस्कारों में से मुंडन संस्कार भी एक महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है। बच्चे के जन्म के पश्चात उसके सिर पर पाए जाने वाले बाल अशुद्ध माने जाते हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि 84 लाख योनियों में घूमने के पश्चात मनुष्य योनि में जन्म मिलता है। पौराणिक तथ्यों के आधार पर ऐसा माना जाता है कि पिछले जन्म के कुकृत्य के कार्य और ऋणों से मुक्ति के लिए मुंडन संस्कार द्वारा शिशु के जन्म कालीन बाल काट दिए जाते हैं।

आप सभी लोगों के मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर मुंडन संस्कार क्यों किया जाता है और इसके पीछे का क्या कारण है? अगर आपके मन में भी इस प्रकार के सवाल उत्पन्न होते हैं तो आज हम आपको इस लेख के माध्यम से मुंडन संस्कार क्यों किया जाता है? इसके पीछे वैज्ञानिक और धार्मिक कारण क्या है? इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं…..

जानिए हिंदू धर्म में क्यों किया जाता है मुंडन संस्कार?

हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि शिशु का बल, आरोग्य, तेज बढ़ाने और गर्भावस्था की अशुद्धियों को दूर करने के लिए मुंडन संस्कार एक बहुत ही महत्वपूर्ण संस्कार होता है। अगर हम पौराणिक मान्यता के अनुसार देखे तो मुंडन संस्कार से बच्चे की बुद्धि पुष्टि होती है, जिससे बौद्धिक विकास ठीक प्रकार से होता है। जैसा कि हम सब लोग जानते हैं लगभग हर शिशु के सिर पर जन्म से ही कुछ बाल होते हैं। इन बालों को अशुद्ध माना जाता है। हिंदू धर्म में प्रचलित मान्यता के अनुसार 84 लाख योनियों के पश्चात मनुष्य योनि में जन्म मिलता है। ऐसे में पिछले सभी जन्मों के पाप उतारने के लिए शिशु का मुंडन संस्कार किया जाता है।

मुंडन संस्कार करवाने का वैज्ञानिक कारण

अगर हम वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो नवजात शिशु का मुंडन करवाने के पीछे यह बताया जाता है कि जब बच्चे का जन्म होता है तब उसके बालों में बहुत से कीटाणु और बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। इतना ही नहीं बल्कि उस नवजात बच्चे के सिर की त्वचा भी बहुत गंदी होती है यानी त्वचा में गंदगी जमी होती है, जिसको ठीक प्रकार से साफ करने के लिए उन बालों को हटा दिया जाता है ताकि सिर की की त्वचा साफ हो जाए और बालों में मौजूद कीटाणु और बैक्टीरिया भी दूर हो जाएँ।

जानिए बच्चे के जन्म के कितने समय पश्चात करवाया जाता है मुंडन

अक्सर लोगों के मन में यह सवाल जरूर आता है कि आखिर बच्चे के जन्म लेने के पश्चात कितने समय बाद मुंडन करवाते हैं? आपको बता दें कि जब शिशु का जन्म होता है तब उसके जन्म के 1 वर्ष से 3 वर्ष बाद मुंडन किया जाता है। अगर हम कुल परंपरा के अनुसार देखें तो पांचवें अथवा सातवें वर्ष में मुंडन संस्कार कराए जाने की प्रथा है। बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो बच्चे के सवा माह पूरे हो जाने के पश्चात किसी भी धार्मिक स्थल पर अपने बच्चे को ले जाकर उसका मुंडन संस्कार करवाते हैं। हिंदू परंपरा के अनुसार मुंडन संस्कार को पूरी विधि-विधान पूर्वक मंत्रों का उच्चारण करते हुए संपन्न किया जाता है।

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