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महिला यात्री को चलती ट्रेन में हुई प्रसव पीड़ा, RPF कर्मियों ने समय पर माँ-बच्चे की बचाई जान

कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश के लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान सभी लोगों को यही सलाह दी गई थी कि वह अपने घरों में ही रहें। लॉकडाउन के दौरान बस, वाहन आदि सभी बंद कर दिया गए थे। यहां तक की रेलवे ने अपनी ट्रेनें भी बंद कर दी थी परंतु बाद में रेलवे ने अपनी ट्रेनें चलाई। कोरोना नियमों के अंतर्गत सभी यात्री ट्रेन में सफर कर रहे हैं। रेलवे अपने यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रख रहा है। इसी बीच एक ताजा मामला सामने आया है। दरअसल, आरपीएफ वर्कर्स के समय पर रिस्पॉन्ड करने की वजह से एक गर्भवती महिला को तुरंत इलाज मिला और उसकी जान बच पाई।

आपको बता दें कि गुरुवार को यशवंतपुर से लखनऊ के लिए एक विशेष ट्रेन में एक गर्भवती महिला यात्रा कर रही थी। सफर के दौरान महिला को प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद खम्मम रेलवे पुलिस बल (RPF) के कर्मियों का समय पर हस्तक्षेप कर तुरंत चिकित्सा सुनिश्चित करने में मददगार साबित हुई थी।

खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि 33 साल की अनीता देवी माडा नेपाल के काठमांडू की निवासी हैं। यह गर्भावस्था में ट्रेन का सफर कर रहीं थीं। उसी दौरान उन्हें अचानक से ही लेबर पेन शुरू हो गया था। विजयवाड़ा स्टेशन पार करने के बाद उनकी पीड़ा लगातार बढ़ती ही जा रही थी। अनीता की पीड़ा को देख सह यात्रियों ने तुरंत संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना दी, जिसके बाद खम्मन आरपीएफ सर्कल इंस्पेक्टर के मधुसूदन को इस बारे में सतर्क कराया गया।

जैसे ही खम्मन आरपीएफ सर्किल इंस्पेक्टर मधुसूदन को उस गर्भवती महिला की सूचना मिली तो वह तुरंत ही सतर्क हो गए। उन्होंने आरपीएफ स्टाफ की एक टीम को नाइट ड्यूटी पर खम्मन रेलवे स्टेशन पर भेजा और उन्होंने एंबुलेंस भी तैयार रखी हुई थी। सभी आरपीएफ स्टाफ ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे थे। हालांकि ट्रेन को खम्मन में नहीं रोका गया था परंतु अधिकारियों ने स्टेशन पर लगभग 3:00 बजे एक अनिर्धारित रोक लगा दी थी।

जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर आई वैसे ही तुरंत आरपीएफ की टीम के हेड कांस्टेबल पीतांबर और महिला कॉन्स्टेबल शिवानी कार्यवाही में जुट गए। अपने सह यात्रियों की सहायता से उन्होंने महिला को एंबुलेंस और वहां से जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। अस्पताल में पहुंचने के बाद महिला का इलाज हुआ। 10 मिनट बाद बच्चे का जन्म हो गया। जच्चा-बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित और स्वस्थ हैं।

आरपीएफ सर्किल इंस्पेक्टर के मधुसूदन ने यह कहा कि “हम बेहद खुश हैं कि पुलिस समय पर स्टेशन पर पहुंच गई और महिला को प्रसव पीड़ा से बचाया।” मीडिया से बातचीत करते हुए अनीता देवी ने यह बताया कि “जिस प्रकार से आरपीएफ पुलिस ने उनकी सेवा की है उसके लिए धन्यवाद।” आपको बता दें कि अनीता देवी को अस्पताल के एक विशेष कमरे में ट्रांसफर कर दिया गया है और महिला और उसके बच्चे को उनके मूल स्थान पर भेजने की व्यवस्था आरपीएफ पुलिस के द्वारा की जा रही है। आरपीएफ कर्मियों की सतर्कता की वजह से एक गर्भवती महिला की जान बच पाई। समय पर RPF कर्मियों ने तुरंत जो कदम उठाया वह सराहनीय है।

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