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कोरोना काल में इस शख्स ने मानवता के लिए किया बड़ा काम, जरूरतमंदों को 102 बार कर चूका ब्लड डोनेट

कोरोना वायरस की वजह से देशभर के लोगों का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है। कोरोना काल में लोगो के जिंदगी बहुत प्रभावित हुई है। लोगों का काम-धंधा बंद हो गया। कई लोग बेरोजगार घूम रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान लोग कोरोना वायरस के डर से घर के अंदर ही बंद थे। लॉकडाउन में कोई भी व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकल रहा था। इसके बावजूद भी कुछ लोग ऐसे भी थे जो इस दौरान लोगों की सहायता के लिए घर से बाहर आए।

कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के दौरान बहुत से लोगों ने जरूरतमंदों की सहायता की। भूखों को खाना खिलाया। लोगों ने अपने सामर्थ्य अनुसार गरीब और जरूरतमंदों की हर संभव मदद की। इन्हीं नेक दिल इंसानों में से एक सौरभ मौर्या हैं। जी हां, आज हम आपको सौरभ मौर्या के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान जरूरतमंद लोगों को 13 बार प्लेटलेट्स डोनेट किया। सौरभ मौर्या ने मानवता के लिए यह एक बहुत बड़ा काम किया है। इतना ही नहीं बल्कि यह इंडियन वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है।

सौरभ मौर्या ने 102 बार ब्लड डोनेट कर बनाया एक रिकॉर्ड

सौरभ मौर्या जरूरतमंदों के लिए जो काम कर रहे हैं उसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी ही कम है। आपको बता दें कि मीडिया से बातचीत के दौरान सौरभ मौर्या ने यह कहा था कि वह पिछले 14 वर्षों से जरूरतमंदों के लिए ब्लड डोनेट करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि 42 बार ब्लड डोनेट किया है और 60 बार प्लेटलेट्स डोनेट किया। इस तरह कुल 102 बार ब्लड डोनेशन उन्होंने किया है। 14 दिसंबर को उन्होंने 100 बार ब्लड डोनेट करने की एक सीढ़ी पार की थी, जो एशिया सबकॉन्टिनेंट में यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

सौरभ मौर्या ने 102 बार ब्लड डोनेट करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। जब उनसे इस पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अगर मैं सिर्फ ब्लड डोनेट करता तो 10 साल में सिर्फ 40 बार ही ब्लड डोनेट कर सकता था परंतु मैंने 42 बार ब्लड डोनेट किया है और 60 बार प्लेटलेट्स डोनेट किया है। आपको बता दें कि नेशनल ब्लड ट्रांसमिशन काउंसलिंग की गाइडलाइंस के अनुसार, 72 घंटे के पश्चात इंसान दोबारा से प्लेटलेट्स डोनेट कर सकता है। 1 महीने में दो बार और वर्ष में 24 बार डोनेट किया जा सकता है। सौरभ मौर्य ने कहा कि 14 वर्षों में उन्होंने 42 बार प्लेटलेट्स डोनेट किया है। ब्लड और प्लेटलेट्स को मिलाकर 102 बार ब्लड डोनेट उन्होंने किया।

सौरभ मौर्या ने तय किया ब्लड डोनेशन को लेकर करेंगे काम

आपको बता दें कि सौरभ मौर्या ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की और उनको बचपन से ही सोशल वर्क में बेहद रूचि रही है। एक बार जब सौरभ मौर्या बीएचयू में एक दोस्त के परिजन को ब्लड डोनेट करने के लिए गए हुए थे तो वहां पर उन्हें एक थैलेसीमिया मरीज के पिता से मिले थे। सौरभ मौर्या ने देखा कि वह लोगों से ब्लड डोनेट करने की भीख मांग रहे थे। यह सब देख कर उनके मन को बहुत दुख पहुंचा। तब उन्होंने उनसे बात की और ब्लड का इंतजाम कराने की बात कही।

सौरभ मौर्या ने कई बार उनके लिए ब्लड का इंतजाम किया था लेकिन बीच में उनसे संपर्क नहीं हो सका। बाद में उनको इस बात की जानकारी मिली कि रक्त की कमी की वजह से उनकी जान चली गई है, जिसका असर सौरभ के ऊपर काफी पड़ा। तब उन्होंने यह फैसला ले लिया था कि वह ब्लड डोनेशन को लेकर कार्य करेंगे। आपको बता दें कि सौरभ बनारस ही नहीं बल्कि झारखंड, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, बेंगलुरु में भी कार्य करते हैं और ब्लड डोनेशन के लिए लगातार कैंप भी लगाते हैं।

सौरभ मौर्या का ऐसा कहना है कि उनकी 200 रजिस्टर्ड मेंबर की एक टीम है। अगर कोई जरूरतमंद व्यक्ति ब्लड के लिए उनसे संपर्क करता है तो उसकी टीम पहले उस शख्स के बारे में पूरी वेरिफिकेशन करती है। अगर उस शख्स का कोई अपना नहीं होता है तो वह उस शख्स को ब्लड डोनेट करते हैं। जिन लोगों का कोई जान पहचान वाला नहीं है, जिनका कोई परिचित ब्लड नहीं दे पाता है तो सौरभ उन लोगों की सहायता के लिए आगे आते हैं।

सौरभ का ऐसा कहना है कि वह पिछले दो साल से गरीब लड़कियों का विवाह करा रहे हैं इतना ही नहीं बल्कि साइकिल भी उन्होंने बांटी है। सौरभ के इस अभियान का नाम “मेरी बेटी मेरी शक्ति” है, जिसके माध्यम से यह महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य करते हैं।

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