बॉलीवुड

सोनू सूद के नाम पर इस दंपति ने रखा अपने बेटे का नाम, हर रोज अभिनेता की करते हैं पूजा

कोरोना काल में जब लॉकडाउन का ऐलान हुआ था तब देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रवासी मजदूर फंस गए थे। इन प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद सामने आए और उन्होंने मजदूरों को उनके घर सही सलामत पहुंचाया। भले ही सोनू सूद फिल्मों में विलेन का किरदार निभाते हैं लेकिन यह असल जिंदगी में हीरो बनकर सबके सामने आए हैं। इनके नेक कामों और दरियादिली से देश के सभी लोग प्रभावित हैं। सोनू सूद के कामों की चर्चा देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी होती है। इसी बीच सोनू सूद के कामों से प्रभावित होकर तेलंगाना के एक दंपति ने अपने बेटे का नाम अभिनेता के नाम पर रखा है।

आपको बता दें कि खम्मन जिले के निवासी पंडगा नवीन कुमार की पत्नी त्रिवेणी ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान एक बेटे को जन्म दिया। यह दंपत्ति सोनू सूद के कामों से इतने प्रभावित हैं कि उन्होंने अपने बेटे का नाम अभिनेता के नाम पर रखा है। जिले के बोनाकल मंडल के मुस्तिकुंता गांव में दंपति ने बच्चे को पहली बार ठोस भोजन खिलाने की रस्म अन्नप्रासन के लिए एक समारोह आयोजित किया। इस समारोह के निमंत्रण पत्र में उन्होंने बच्चे का नाम सोनू सूद लिखा था।

नवीन और त्रिवेणी नाम के इस दंपति के घर में बेटे के जन्म की खुशी मनाई जा रही है। घर पर बच्चे का अन्नप्रासन कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसका निमंत्रण कार्ड बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद को भी भेजा गया है, निमंत्रण कार्ड सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर नवीन ने अभिनेता को समारोह में आने का आमंत्रण दिया, साथ ही अपने बेटे के लिए उनका आशीर्वाद भी मांगा। नवीन का ऐसा बताना है कि सोनू सूद ने उन्हें अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं।

नवीन का ऐसा बताना है कि सोनू सूद ने जिस प्रकार से मुश्किल घड़ी में प्रवासी मजदूरों की मदद कर उनको सही सलामत घर पहुंचाया और जिस प्रकार से सोनू सूद लगातार जरूरतमंद लोगों की सहायता कर रहे हैं, उनके इस काम से वह बहुत प्रभावित हुए हैं। आपको बता दें कि नवीन ने अपने घर के अंदर पूजा स्थल पर देवी-देवताओं के साथ अभिनेता सोनू सूद की भी तस्वीर लगाई हुई है और रोजाना वह अभिनेता की पूजा भी करते हैं।

बता दें कि सोनू सूद कोरोना काल में गरीब लोगों के बीच मसीहा बनकर उभरे हैं। सभी लोग सोनू सूद को मसीहा मानते हैं लेकिन सोनू सूद ने अपनी एक किताब “आई एम नो मसीहा” के जरिए लोगों को यह बताने का प्रयत्न किया है कि वह कोई मसीहा नहीं है। वह आम इंसान हैं। उन्होंने जो भी किया वह सिर्फ इंसानियत के नाते किया है।

बताते चलें कि अभिनेता ने अपने नेक काम और दरियादिली से लोगों के दिलों में एक ऐसी जगह बना ली है कि लोग जगह-जगह उनको पूजने लगे हैं इतना ही नहीं बल्कि सोनू सूद का मंदिर भी बनवाया है। मालूम हो कि इससे पहले तेलंगाना के ही डुब्बा टांडा गांव के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर अभिनेता सोनू सूद के नाम पर एक मंदिर बनवाया था। जहां पर सोनू सूद की प्रतिमा लगवाई थी। सभी गांव वालों का ऐसा कहना था कि उन्होंने अपने प्यार और सम्मान को एक्टर के प्रति व्यक्त किया है।

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