बसंत पंचमी पर करें ये उपाय, कमजोर दिमाग के बच्चे होंगे होशियार, ज्ञान व बुद्धि की होगी प्राप्ति
हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का त्यौहार एक विशेष महत्व रखता है। इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती जी की विधि विधान पूर्वक पूजा की जाती है। बसंत पंचमी पर मां सरस्वती जी की पूजा स्कूल और कॉलेजों में करते हैं। बसंत पंचमी को लेकर ऐसी कथा बताई जाती है कि सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु जी की आज्ञा से ब्रह्मा जी ने मनुष्य योनि की रचना की थी परंतु जब उन्होंने सृष्टि की रचना की तो वह संतुष्ट नहीं थे।
तब ब्रह्मा जी ने विष्णु जी से आज्ञा लेकर अपने कमंडल से जल को पृथ्वी पर छिड़का था, जिससे एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर स्त्री प्रकट हुई थी। जिसके एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में वर मुद्रा था और अन्य दोनों हाथ में पुस्तक एवं माला थी। यह देवी कोई और नहीं बल्कि मां सरस्वती जी थीं।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्यौहार देश भर में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस साल 16 फरवरी को बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाएगा और लोग इस दिन स्वर और ज्ञान की देवी मां सरस्वती जी की पूरी विधि-विधान पूर्वक पूजा करते हैं।
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से मां सरस्वती जी से जुड़े हुए कुछ उपायों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिनकी मदद से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होगी। इन उपायों को करने से कमजोर दिमाग वाले बच्चे भी होशियार हो जाएंगे।
ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति के लिए मां सरस्वती से जुड़े हुए करें यह उपाय
1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती जी की पूजा अर्चना की जाए तो इससे बौद्धिक विकास होता है। बसंत पंचमी के शुभ दिन अगर नवजात शिशु, जिनकी यह पहली बसंत पंचमी है, अगर उनकी जीभ पर चांदी की सलाई की सहायता से शहद से मंत्र “ऊँ ऐं” लिखा जाए तो इससे बच्चे की वाणी मधुर हो जाती है। इतना ही नहीं बल्कि उस नवजात शिशु का बौद्धिक विकास भी बेहतर तरीके से होता है। इस उपाय को करने से बच्चा शिक्षा के क्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त करता है।
2. अगर आपका कोई बच्चा 3 साल तक की उम्र का है तो बसंत पंचमी के शुभ दिन उस बच्चे के हाथ में एक कॉपी पर लाल रंग की स्याही से मंत्र “ऊँ ऐं” लिखवा दीजिए। इसके पश्चात आप मां सरस्वती जी की पूजा कीजिए। ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने से वह बच्चा दिमागी रूप से होशियार बनता है।
3. अगर कोई बच्चा हकलाता है, तुतलाता है या झिझक महसूस करता है तो ऐसी स्थिति में बसंत पंचमी के दिन उस बच्चे की जीभ पर चांदी की सलाई की सहायता से केसर से मंत्र “ऊँ ह्रीं श्रीं सरस्वत्यै नमः” लिख दीजिए। अगर आप इस उपाय को करते हैं तो इससे बच्चे की वाणी दोष दूर हो जाएगी। वाणी की देवी मां सरस्वती जी के आशीर्वाद से बच्चा ओजस्वी वक्ता भी बनेगा।
उपरोक्त आपको बसंत पंचमी के कुछ सरल उपाय बताए गए हैं जिनकी सहायता से कमजोर दिमाग वाले बच्चे भी होशियार हो जाएंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन उपायों को करने से मां सरस्वती जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बसंत पंचमी के दिन विधि-विधान पूर्वक पूजा अर्चना करके आप यह उपाय जरूर आजमाएं। इससे कमजोर दिमाग के बच्चे भी कुशाग्र बुद्धि वाले होंगे।