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रिक्शा चालक की बेटी बनी मिस इंडिया 2020, कई रातें बिना खाए सोईं, कड़ी मेहनत से सपना किया पूरा

इस दुनिया में हर किसी इंसान का कोई ना कोई सपना हो जरूर होता है, जिसको साकार करने के लिए वह हर संभव कोशिश करता है। वैसे तो ज्यादातर सभी लोग अपनी मंजिल पाने के लिए खूब मेहनत करते हैं परंतु ज्यादातर लोग मंजिल के मार्ग में जो कठिनाइयां उत्पन्न होती हैं उसके आगे घुटने टेक देते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो हर कठिनाई को पार करते हुए कड़ी मेहनत से अपना सपना पूरा कर लेते हैं। यह बात साबित कर दिखाया है फेमिना मिस इंडिया की फर्स्ट रनर अप उत्तर प्रदेश की मान्या सिंह ने। जी हां, भले ही मान्या सिंह इस प्रतियोगिता में फर्स्ट रनर अप रही हैं परंतु उनका यह सफर इतना आसान नहीं था।

मान्या सिंह को अपना यह सपना पूरा करने के लिए बहुत से उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ा। उन्होंने अपने जीवन में बहुत सी परेशानियां देखी। परंतु उन्होंने हर परेशानी का डटकर सामना किया और यह लगातार मेहनत और कोशिश करती रहीं, जिसका फल इनको मिल गया। मान्या सिंह का यह सफर करोड़ों युवाओं को प्रेरणा देने वाला है। मान्या सिंह ने खुद दुनिया को यह बताया है कि कैसे एक रिक्शा चालक की बेटी मिस इंडिया के स्टेज तक पहुंचने में सफल हो पाई है।

 

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आपको बता दें कि मान्या सिंह एक साधारण गरीब परिवार से ताल्लुक रखतीं हैं। इनके पिताजी रिक्शा चालक है। मान्या सिंह ने अपना यह मुकाम हासिल करने के लिए जीवन में बेहद संघर्ष किया है। अगर इनकी कहानी आप सुनेंगे तो आप भी आश्चर्यचकित हो जाएंगे। मान्या सिंह कभी भी कड़ी मेहनत करने से पीछे नहीं हटी हैं। एक समय ऐसा भी था जब मान्य सिंह को बिना खाए कई रातें बितानी पड़ी थी लेकिन इनकी इच्छा शक्ति बहुत अधिक मजबूती थी। मान्या सिंह ने अपने संघर्ष की कहानी अपने इंस्टाग्राम पेज पर शेयर किया है।

मान्या सिंह ने अपने संघर्ष के दिनों की कहानी बयां करते हुए बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी, जिसकी वजह से उनको स्कूल जाने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ था। वह कई दोपहर मिलो पैदल चलीं। मान्य सिंह ने बताया कि उन्हें युवाअवस्था में पहुंचने से पहले ही घर की जिम्मेदारियां उठाने के लिए काम करना पड़ा। उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता ने उनकी डिग्री के लिए अपने गहने तक गिरवी रख दिए थे।

मान्या ने बताया कि उनकी स्थिति ऐसी हो गई थी कि उन्होंने अपने खुद से सिले कपड़े भी पहने थे। भले ही उनके मार्ग में बहुत सी परेशानियां और बाधाएं उत्पन्न हुईं परंतु यह सभी उनको हौसला देते गए। मान्या सिंह को अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए पैसों की बहुत ज्यादा आवश्यकता थी, जिसकी वजह से वह शाम को बर्तन साफ करती थीं और रात की शिफ्ट में कॉल सेंटर में काम किया करती थीं। उन्होंने बताया कि कई बार तो पैसे ना होने के कारण उनको घंटों पैदल भी चलना पड़ता था।

मान्या सिंह अपनी कठिन मेहनत से अपना मुकाम हासिल करने में कामयाब हो पाई हैं। वह अपने माता-पिता और भाई को अपनी सफलता का श्रेय देती हैं। उन्होंने कहा कि इनकी वजह से ही आज मैं यहां तक पहुंच पाई हूँ।

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