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परिवार की तरक्की में अहम भूमिका निभाता है टॉयलेट, बस करना होगा ये छोटा सा काम

हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र को काफी माना जाता है। यह वास्तु ही आपकी तरक्की या बर्बादी तय करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार हमें घर में कुछ खास चीजों को सही दिशा में रखना चाहिए। यदि हम ऐसा नहीं करते तो वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है। यह दोष परिवार की तरक्की में बाधा उत्पन्न करता है। आज हम आपको टॉयलेट से जुड़े वास्तु शास्त्र के कुछ टिप्स देने वाले हैं।

परिवार की तरक्की में अहम भूमिका निभाता है टॉयलेट

वास्तु शास्त्र की माने तो टॉयलेट आपकी तरक्की की का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। टॉयलेट घर की नकारात्मक और सकारात्मक शक्तियों का केंद्र होता है। इसे वास्तु के हिसाब से सही दिशा में बनाया जाए तो इससे सकारात्मक ऊर्जा निकलती है। वही इसे गलत दिशा में बनाने से नकारात्मक उर्जा बढ़ जाती है।

टॉयलेट का वास्तु के हिसाब से गलत होना परिवार के सभी सदस्यों के दुख का कारण बनता है। उनकी लाइफ में हमेशा कोई ना कोई समस्या बनी रहती है। ऐसे में आपको टॉयलेट से जुड़े कुछ खास वास्तु नियमों को ध्यान में रखना चाहिए। इनका अच्छे से पालन करने पर आपके घर कभी कोई वास्तु दोष उत्पन्न नहीं होगा। साथ ही घर के सभी सदस्यों की तरक्की पर तरक्की होगी।

टॉयलेट से जुड़े वास्तु नियम

1. घर में जब भी टॉयलेट का निर्माण करवाएं तो इसे वास्तु के अनुसार दक्षिण या नैऋत्य कोण के मध्य भाग में बनवाएं। इस दिशा में भी टॉयलेट को इस तरह बनवाएं की बैठने वाले शख्स का मुंह उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर हो। ऐसा करने से आपकी टॉयलेट में हमेशा एक पॉजिटिव एनर्जी बनी रहेगी। इसका सीधा फायदा आपके घर के सभी सदस्यों को होगा।

2. यदि आप अपने घर के बाहर टॉयलेट बनवाने पर विचार कर रहे हैं तो इसकी सही दिशा पश्चिम या उत्तर या वायव्य कौन होती है। एक बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें कि घर के मध्य भाग या ईशान कोण में भूलकर भी शौचालय नहीं बनवाना चाहिए। वही आग्नेय कोण में टॉयलेट बनाने से बचना चाहिए। इन दिशाओं में टॉयलेट बनवाने पर वास्तु का उल्टा असर पड़ता है।

3. वास्तु शास्त्र की मानें तो टॉयलेट में प्लास्टिक का मंगा रखने की वजह स्टील का लोटा रखना ज्यादा शुभ होता है। आप जब यह लौटा टॉयलेट में रखे तो इसे उत्तर और पूर्व कौन में ही रखना चाहिए। इसी तरह टॉयलेट में बाल्टी का उपयोग कर रहे हैं तो वह भी प्लास्टिक की बजाए स्टील की हो तो ज्यादा अच्छा माना जाता है। मग्गा और बाल्टी की समय-समय पर साफ सफाई करते रहना चाहिए। यदि इसमें गंदगी हुई तो टॉयलेट की नकारात्मक ऊर्जा बहुत ज्यादा बढ़ सकती है।

4. वास्तु शास्त्र के अनुसार टॉयलेट की टंकी की दिशा भी बड़ी मायने रखती है। इसे आपको दक्षिण, पश्चिम या नैऋत्य कोण में बनाना चाहिए। इससे घर की नेगेटिव ऊर्जा दूर ही रहती है। इस टंकी की सफाई भी आपको समय समय पर करते रहना चाहिए। यह वास्तु और स्वच्छता दोनों ही दृष्टि से अच्छा होता है।

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