धार्मिक

मां सरस्वती की उपासना में इन नियमों का करें पालन, विद्यार्थियों को शिक्षा में मिलेगा लाभ

ज्ञान की देवी मां सरस्वती जी को माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर सरस्वती जी की पूजा आराधना की जाए तो इससे ज्ञान की प्राप्ति होती है। ज्ञान से ही जीवन का अंधकार दूर हो जाता है। सनातन धर्म में सरस्वती पूजा का विशेष महत्व माना गया है। ज्ञान, वाणी, बुद्धि, विवेक, विद्या और सभी कलाओं से पूर्ण मां सरस्वती जी की पूजा बसंत पंचमी के दिन की जाती है। बसंत पंचमी पर स्कूलों और कॉलेजों में मां सरस्वती की पूजा होती है। बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपने घरों में भी मां सरस्वती जी की पूजा उपासना करते हैं।

बसंत पंचमी पर विद्यार्थी मां सरस्वती जी की पूजा कर उनकी कृपा प्राप्त करते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन छोटे बच्चों की शिक्षा का आरंभ करने के लिए पुस्तक की पूजा की जाती है तो इससे पूरे विद्यार्थी जीवन में मां सरस्वती जी का आशीर्वाद बना रहता है और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता हासिल होती है। अगर बसंत पंचमी पर विद्यार्थी वर्ग के लोग वास्तु के कुछ नियमों का ध्यान रखते हुए मां सरस्वती की उपासना करते हैं तो उनको शिक्षा में लाभ मिलता है।

दिशा का ध्यान रखना है जरूरी

  • अक्सर देखा गया है कि घर में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है। सभी सुख-सुविधाएं घर में उपलब्ध होती हैं। आपका बच्चा भी पढ़ाई में खूब मेहनत करता है परंतु उसको अपनी मेहनत के अनुसार फल की प्राप्ति नहीं हो पाती है। ऐसे में वास्तु दोष एक मुख्य कारण हो सकता है। माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपका बच्चा कहां पर पढ़ाई कर रहा है और पढ़ाई करते वक्त उसका चेहरा किस दिशा में है।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा ध्यान और शांति के लिए बहुत ही शुभ मानी जाती है। इस दिशा में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। अगर पढ़ाई का कमरा इन दिशाओं में है तो पढ़ते समय चेहरा पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए।
  • आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि पढ़ाई की मेज उत्तर दिशा होनी चाहिए। यह दिशा बहुत ही शुभ मानी जाती है। अगर इस दिशा में मेज रखी हुई है तो बच्चे कैरियर की तरफ अधिक फोकस करते हैं।
  • पढ़ाई के कमरे में पुस्तक रखने के लिए छोटी और हल्की रैक या अलमारी को आप पूर्व या उत्तर दिशा में रखें।
  • पढ़ाई की टेबल पर रखे हुए लैंप को दक्षिण पूर्व-दिशा में रखना चाहिए।
  • पढ़ाई की टेबल पर जो कवर आप प्रयोग कर रहे हैं वह सफेद रंग की होनी चाहिए, इससे मन में सात्विक विचार में वृद्धि होती है।

बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की ऐसे करें पूजा

  • विद्यार्थियों को बसंत पंचमी के दिन सफेद या पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
  • विद्यार्थी पढ़ाई की मेज पर उत्तर-पूर्व दिशा में बुद्धि के देवता भगवान श्री गणेश जी और शिक्षा की देवी मां सरस्वती जी की तस्वीर लगाएं।
  • माता सरस्वती जी की विधि-विधान पूर्वक पूजा करने के दौरान आप उनको पीले रंग के फूल, पीले रंग की मिठाई या खीर जरूर अर्पित कीजिए।
  • माता को केसर या पीले चंदन का टीका लगाकर पीले रंग के वस्त्र भेंट के रूप में अर्पित करें।
  • बसंत पंचमी पर मां सरस्वती जी की पूजा के दौरान आप पूजा स्थल पर वाद्य यंत्र और किताबें रखें इससे मां सरस्वती जी की कृपा प्राप्त होती है और आपके ज्ञान, बुद्धि, विवेक में वृद्धि होगी। संगीत के क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों को विज्ञान, कला और संगीत में महारत हासिल करने का आशीर्वाद माता देती हैं।

मां सरस्वती की पूजा में इस मंत्र का करें जाप

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥

शुक्लाम् ब्रह्मविचार सार परमाम् आद्यां जगद्व्यापिनीम्।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकाम् विदधतीम् पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे ताम् परमेश्वरीम् भगवतीम् बुद्धिप्रदाम् शारदाम्॥2॥

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