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दीपावली के त्यौहार से पहले आई बड़ी राहत की खबर, सरसों और रिफाइंड तेल की कीमतें हुईं कम

आजकल के समय में महंगाई बहुत बढ़ चुकी है। महंगाई का मतलब वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी होना होता है। दिन पर दिन वस्तुओं के दाम सीधे आसमान छू रहे हैं। देशभर के लिए महंगाई एक सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। अगर महंगाई बढ़ती है तो ये मध्यम वर्गीय और गरीबी के नीचे स्तर लोगों को प्रभावित करती है। दिन पर दिन वस्तुओं के दामों में इजाफा इतना अधिक हो रहा है कि लोग बहुत परेशान हो गए हैं। भले ही सरकार महंगाई कम करने के वादे करती है, परंतु उसका उल्टा ही नजर आता है।

जैसा कि हम सभी जानते हैं त्योहारों का सीजन चल रहा है और दिवाली बहुत ही नजदीक आ रही है। जब भी त्योहारों का सीजन आता है तो महंगाई बढ़ने लगती है। हर वस्तुओ की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिलती है। वैसे काफी लंबे समय से सरसों के तेल और रिफाइंड के दाम काफी अधिक थे परंतु अब राहत की खबर निकल कर सामने आ रही है। जी हां, अब लंबे वक्त के बाद सरसों के तेल और रिफाइंड के दामों में कमी देखने को मिली है।

आपको बता दें कि सरसों का तेल ₹190 प्रति लीटर का भाव पार कर चुका था परंतु अब यह ₹175 प्रति लीटर बिक रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि थोक किराना मर्चेंट दामों में कमी आने की वजह से आयात शुल्क में की गई कटौती की वजह से कीमत कम हुई है। वहीं अगर हम रिफाइंड की बात करें तो पहले ₹155 प्रति लीटर में बिक रहा था लेकिन अब ₹150 प्रति लीटर पर बिक रहा है।

वैसे काफी लंबे समय से सरसों के तेल के दामों को लेकर लोग काफी परेशान थे लेकिन अब इसमें कमी देखने को मिल रही है। वहीं रिफाइंड के दामों में भी काफी कमी आई है। सरसों का तेल अब ₹175 प्रति लीटर पर पहुंच गया है और रिफाइंड ₹150 प्रति लीटर पर पहुंच चुका है। सरकार के द्वारा ₹15 किलो आयात ड्यूटी को कम किया गया है। इस हिसाब से देखा जाए तो ₹15 कम होने चाहिए थे, परंतु बड़ी तेल कंपनियों ने रिफाइंड के दामों में सिर्फ 5 से 6 रूपए ही कम किए हैं।

त्योहारों के सीजन में कीमतें कम होने की वजह से इससे रसोई को काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा अरहर दाल समेत विभिन्न दालों के दामों में भी कमी आई है। थोक कारोबारी राकेश गर्ग का ऐसा बताना है कि दालों में 4 से 5 रूपए किलो का मंदा दर्ज किया गया है। ऐसे में त्योहारों के सीजन में दाल, रिफाइंड और अन्य खाद्य तेल के दाम घटने की वजह से लोगों के लिए यह राहत की खबर निकल कर सामने आई है।

अगर हम फुटकर मंडी का हाल जानें तो खाद्य तेल फारच्यून रिफाइंड 155 रुपये प्रति लीटर पहले बिक रहा था लेकिन अब 145 से 150 रूपए प्रति लीटर बिक रहा है। वहीं अरहर दाल एक माह पहले ₹100 प्रति किलोग्राम बिक रहा था लेकिन अब ₹95 प्रति किलोग्राम बिक रहा है, चने की दाल पहले ₹75 प्रति ग्राम था लेकिन अब ₹72 प्रति किलोग्राम है, मूंग दाल धुली ₹97 प्रति किलोग्राम बिक रहा था लेकिन अब 95 रुपए प्रति किलोग्राम है और छोला अव्वल पहले ₹106 प्रति किलोग्राम बिक रहा था लेकिन अब ₹105 प्रति किलोग्राम बिक रहा है।

अब आप जान लीजिए कि आखिर तेल महंगा क्यों हो गया था? दरअसल, सरसों के तेल की महंगाई के पीछे वजह यह थी कि सरसों की फसल को किसानों ने मंडी में नहीं बेचा था क्योंकि वहां पर एमएसपी पर कीमत मिल रही थी, जबकि बाजार भाव उससे 2-3 गुना दे रहा था, जिसकी वजह से किसानों ने सीधे बाजार में ही सरसों की फसल बेच दी। इसी वजह से सरकारी कंपनी को फसल नहीं मिल पाई। जब बाजार में व्यापारियों ने फसल खरीदी तो तेल भी महंगा ही बाजार में पहुंचा दिया। भले ही इससे किसानों को फायदा मिला है परंतु बढ़ती महंगाई की वजह से जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

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