इस देश में चलाई जाती है बच्चा पैदा करने की फेक्ट्री, 45 लाख में घर ले जाओ मनचाहा बच्चा
खुलेआम महिलाएं बेच देती है अपना बच्चा, जिसकी जेब जितनी भारी बच्चा उतना अच्छा
मां बनना हर औरत का सपना होता है. एक ऐसा पल जो उसे जिंदगी भर की खुशियां दें जाता है. एक ऐसा लम्हा जब वो एक नन्हीं सी जान से भावनात्मक तौर पर जुड़ जाती है. सोचिये ऐसे में अगर कोई पैदा होते ही बच्चे को लेकर चला जाए, तो मां के दिल की क्या हालत होती होगी? शायद हमसे ऐसा सोचा भी न जाए. मगर दुनिया में एक देश (Ukraine) ऐसा है, जहां सरोगेसी (Surrogacy is Legal) लीगल ही नहीं है बल्कि ये एक धंधे की तरह चलाई जाती है. बच्चों को पैदा करने वाली मांओं की भावनाओं को खत्म कर उन्हें मशीन बना दिया गया है.
यूक्रेन (Ukraine) रूस के पास बसा हुआ देश है. ये देश अपनी खूबसूरती के लिए काफी मशहूर है. लेकिन इस देश की एक सच्चाई ऐसी भी है जिसे सुनना हर किसी के लिए मुश्किल है. यहां बच्चों को पैदा कराने की फैक्ट्रियां (Hellish Baby Factory) चलाई जाती हैं. यहां कोई भी व्यक्ति महज 40 से 42 लाख में एक बच्चे को खरीद सकता है. ये पूरी प्रक्रिया इतनी पेशेवर तरीके से होती है कि, न तो किसी को बच्चा पैदा करने वाली औरत की ज्यादा जानकारी होती है न ही उसके 9 महीने चलने वाले संघर्ष की.
इस सरोगेसी का सहारा लेते है ब्रिटिश कपल
एशिया में भारत, नेपाल, बांग्लादेश समेत कई देशों में सरोगेसी पर सख्ती है. मगर यूक्रेन में इसका लीगल (Surrogacy is Legal in Ukraine) व्यापार है. ये उन लोगों के लिए आसान रास्ता है जिनके बच्चे पैदा नहीं हो पा रहे. खास तौर पर ब्रिटिश कपल (British Couple) यूक्रेन में चलने वाली बच्चा फैक्ट्रियों से बच्चे खरीद लाते हैं. एक बड़े अखबार की खबर के मुताबिक बियांका (Bianca) और विनी स्मिथ (Vinny Smith) नाम के एक कपल ने खुद सरोगेसी और इस बच्चा फैक्ट्री की सच्चाई उजागर की है. इस कपल ने भी इस सर्विस का उपयोग अपने दो जुड़ुवा बेटों के लिए किया था.
यहां महिलाएं नहीं होती, बच्चा फैक्ट्री होती है
इस कपल ने एक अखबार को अपने दिए गए इंटरव्यू में बताया कि, वैसे तो ब्रिटेन में भी सरोगेसी की इजाज़त है लेकिन यूक्रेन अकेला ऐसा देश है, जहां सरोगेसी धंधे की तरह होती है. यूक्रेन में कई कंपनियां संगठित होकर इस धंधे को चलाती है. इतना ही नहीं इसके लिए यहाँ प्रमोशनल वीडियो और ईवेंट भी चलाये जाते है.
जिसमें बच्चों के साथ खुश कपल्स को देखकर लोग काफी आकर्षित हो जाते है. कपल ने बताया कि, भले ही वीडियो सरोगेट्स की हालत अच्छी बताई जाती हो, लेकिन उन्हें जानवरों की तरह ट्रीट किया जाता है.
इस कपल ने ये भी बताया कि, उन्हें भी उनकी सरोगेट को लेकर गलत जानकारी दी गई थी. उनसे ऐसा कहा गया था कि, उसे अच्छे और साफ़ माहौल में रखा गया है. वो इस काम को अच्छे से जानते है. मगर जब वह बच्चे की डिलीवरी के लिए पहुंचे तो सच्चाई कुछ और ही निकली. उन्होंने देखा कि महिलाओं को बेहद ही खराब परिस्थितियों में रखा जाता है. गर्मियों में उनके लिए न तो एसी होता है न ही उन्हें उनके घरवालों से बात करने की इजाजत होती है. वहीं उन्हें इस काम के लिए 10 साल में 10 लाख रूपये दिए जाते है.