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इन 3 राशियों के लोगों पर चल रही है शनि की साढ़ेसाती, गलती से भी ना करें ये काम, जानें उपाय

ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को सबसे प्रभावी ग्रह के रूप में माना जाता है। शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि शनि देवता न्याय के देवता होते हैं। यह सभी ग्रहों में सबसे शक्तिशाली ग्रह माने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति ठीक है तो इसकी वजह से जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं परंतु शनि ग्रह की स्थिति ठीक ना होने के कारण मनुष्य के जीवन में बहुत सी परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं।

ऐसा माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति के ऊपर शनि देव की बुरी दृष्टि पड़ जाए तो उसका जीवन बहुत कष्टकारी व्यतीत होता है। शनि देव हर किसी को कर्मों के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं, इस वजह से इन्हें कर्म फल दाता भी कहा गया है। अगर किसी व्यक्ति के ऊपर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव है तो इसकी वजह से जीवन में बुरा प्रभाव देखने को मिलता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो मनुष्य अपने जीवन में अच्छे काम करता है. कभी भी किसी को परेशान नहीं करता है. उसको शनि देव शुभ फल देते हैं परंतु बुरे काम करने वाले लोगों को शनिदेव के गुस्से का सामना करना पड़ता है। वैसे अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर है तो उस व्यक्ति के जीवन में बहुत सी परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं।

इन राशियों पर चल रही है शनि की साढ़ेसाती

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल शनि देवता मकर राशि में विराजमान हैं और 23 मार्च को मकर राशि में वक्री होकर 11 अक्टूबर को फिर से मार्गी अवस्था में गोचर करने वाले हैं। ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकारों के अनुसार शनि की साढ़ेसाती का धनु, मकर और कुंभ राशि वालों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। वहीं मिथुन और तुला राशि वाले लोगों के ऊपर शनि की ढैया का प्रभाव रहेगा।

शनि देव को शांत करने के लिए करें ये उपाय

  • अगर आप शनिदेव के बुरे प्रभावों से बचना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने कर्मों को सुधारने की आवश्यकता है क्योंकि अच्छे कर्म करने वाले लोगों के ऊपर हमेशा शनिदेव की कृपा दृष्टि बनी रहती है। अगर किसी के ऊपर शनि की साढ़ेसाती या ढैया का प्रभाव है परंतु वह अपने जीवन में अच्छे काम करता है तो प्रभाव कम होता है।
  • शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आप दान जरूर करें। इसके साथ ही दया का भाव दिखाना बहुत ही जरूरी है।
  • अगर आप शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए मंत्रों का जाप कर सकते हैं। भक्त शनिवार के दिन स्नान करने के पश्चात साफ-सुथरे वस्त्र पहनकर मंत्र “ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये। सय्योंरभीस्रवन्तुनः।।” सामान्य शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः।” शनि बीज मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।” शनि का पौराणिक मंत्र “ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।” का जाप करें।

शनिश्चरी अमावस्या को करें पूजा, मिलेगा शुभ फल

शास्त्रों में शनिश्चरी अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। अगर इस दिन पूजा की जाए तो इससे मनुष्य को शुभ फल की प्राप्ति होती है। आप शनिश्चरी अमावस्या के दिन सूर्यास्त के पश्चात शनि देवता की पूजा कीजिए और जप करें। आप पश्चिम दिशा की तरफ मुंह करके काले कंबल पर बैठ जाएं और शनि देवता की पूजा कीजिए। इससे शनिदेव की कृपा प्राप्त होगी और शनि के बुरे प्रभावों से छुटकारा मिलेगा।

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