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इन 2 राशियों पर वक्री शनि की रहेगी टेढ़ी नजर, बुरे प्रभावों से बचने के लिए करें ये उपाय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देवता को न्याय का देवता बताया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह मनुष्य के कर्मों के आधार पर ही फल प्रदान करते हैं, जिसकी वजह से शनि देव कर्म फलदाता भी कहलाते हैं। इस संसार में सभी लोगों के अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा-जोखा शनिदेव के पास होता है और उसी के अनुसार शुभ और अशुभ फल देते हैं।

ज्योतिष के जानकारों के अनुसार यदि शनि की चाल बदलती है तो इसकी वजह से सभी 12 राशियों पर कुछ ना कुछ प्रभाव अवश्य पड़ता है। आपको बता दें कि शनि ग्रह 23 मई 2021 को मकर राशि में वक्री होंगे और यह 11 अक्टूबर 2021 से पुनः मार्गी अवस्था में गोचर करने वाले हैं।

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति के ऊपर शनि ग्रह की बुरी दृष्टि है तो इसके कारण जीवन में एक के बाद एक कई परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं। लाख कोशिश करने के बावजूद भी परेशानियां व्यक्ति का पीछा नहीं छोड़ती हैं। शनि की चाल बहुत ही धीमी होती है, इसलिए अगर किसी व्यक्ति के जीवन पर शनि का नकारात्मक प्रभाव है तो यह काफी लंबे समय तक रहता है और जब तक शनि का बुरा प्रभाव रहेगा, तब तक व्यक्ति के जीवन में किसी ना किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न होती रहेगी।

इन 2 राशियों पर वक्री शनि का रहेगा सबसे ज्यादा असर

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दो राशि वालों पर वक्री शनि का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा। आपको बता दें कि मकर राशि और कुंभ राशि के मालिक शनि ग्रह हैं और वर्तमान समय में यह मकर राशि में ही विराजमान हैं। ऐसी स्थिति में वक्री शनि का असर इन्हीं 2 राशियों पर सबसे अधिक रहेगा।

वक्री शनि का असर

ज्योतिष के जानकारों के अनुसार मेष राशि में शनि देव नीच के होते हैं परंतु तुला राशि में शनि देव उच्च माने गए हैं। शनि का वक्री होना तुला राशि वाले लोगों के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है परंतु जिन लोगों की मेष राशि है उनको कुछ परेशानियों से गुजर ना पड़ेगा। अगर शनि सप्तम भाव में होते हैं तो ऐसी स्थिति में अशुभ माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की जन्म कुंडली में वक्री शनि की शुभ स्थिति रहती है, उनको इस अवधि के दौरान शुभ फल मिलता है परंतु अगर इनकी स्थिति अशुभ हो तो इसके कारण कार्यों में कई प्रकार की बाधाएं उत्पन्न होने लगती हैं। शनि की अशुभ स्थिति की वजह से शारीरिक और मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ता है।

शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय

  • अगर आप शनि के बुरे प्रभाव से बचना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में शमी के पेड़ की जड़ को काले कपड़े में पिरोकर शनिवार के दिन शाम के समय दाहिने हाथ में बांधे तथा मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:” का तीन माला जाप कीजिए।

  • शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए आप अपने घर में शमी का वृक्ष लगाएं और नियमित रूप से उसकी पूजा कीजिए। इस उपाय को करने से घर का वास्तु दोष दूर होता है और शनि देव की भी कृपा प्राप्त होती है।

  • अगर आप शनिदेव के बुरे प्रभावों से छुटकारा पाकर शुभ फल पाना चाहते हैं तो इसका एक सिद्ध उपाय भगवान शिवजी की उपासना है। अगर आप नियम पूर्वक शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करते हैं तो इससे शनि का प्रभाव पूरा प्रभाव खत्म होता है। इतना ही नहीं बल्कि जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर हो जाती हैं।

  • शनिदेव का आशीर्वाद पाने के लिए आप शनिवार के दिन शनि महाराज की पूजा करें और पूजा के दौरान नीले रंग का अपराजित फूल अर्पित कीजिए और काले रंग की बाती और तिल के तेल का दीपक जलाएं। इसके साथ ही आप महाराज दशरथ का लिखा शनि स्त्रोत भी जरूर पढ़िए। आप शनिवार के दिन सूर्य ढलने के पश्चात पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनि देव का ध्यान कीजिए इसके पश्चात आप एक सरसों के तेल का दीपक पीपल के पेड़ के पास जलाएं। इससे शनि देवता कृपा प्राप्त होती है।

  • अगर आप शनि के अशुभ प्रभाव से बचना चाहते हैं तो महाबली हनुमान जी की साधना कीजिए। इससे शनि से जुड़ी हुई परेशानियां दूर होंगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर कुंडली में शनि के दोष दूर करना चाहते हैं तो रोजाना सुंदरकांड का पाठ कीजिए और हनुमान जी के मंदिर में जाकर अपनी क्षमता अनुसार कुछ मीठा प्रसाद अर्पित करें।

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