अजब ग़जब

इस गांव में नहीं बनाया जाता 2 मंजिला मकान, 700 साल से खौफ में हैं लोग, जानें इसके पीछे का रहस्य

हमारे देश में कई तरह नई अनोखी परंपराएं चली आ रही हैं। खासतौर से भारत गांवों में कई अलग-अलग प्रकार की प्रथाओं की मान्यता है। भारत की लगभग दो तिहाई जनसंख्या गांवों में रहती है। शायद इसलिए ही कहा जाता है कि भारत की आत्मा गांव में बसती है। यहां हर गांव की कहानी अलग है। हम आपको आज एक ऐसे ही गांव की कहानी के बारे में बता रहे हैं जहां आज भी लोग अपने घर की दूसरी मंजिल बनाने से डरते हैं।

700 साल पहले मिला था श्राप

ये गांव है राजस्थान के चूरू जिले के सरदारशहर तहसील का उडसर गांव। यहां पिछले करीब 700 साल से किसी ने बहुमंजिला तो दूर दो मंजिला मकान भी नहीं बनवाया है। यहां के लोगों का कहना है कि 700 साल पहले इस गांव में एक ऐसी घटना हुई थी जिस कारण इस गांव को कभी दूसरी मंजिल की इमारत न बनाने का श्राप मिला था। उनका कहना है कि जो घर की दूसरी मंजिल बनाएगा उसके परिवार पर विपदा आ जाएगी।

ये है कहानी

कहा जाता है कि 700 साल पहले इस गांव भोमिया नाम का एक व्यक्ति रहता था। भोमिया गोभक्त था और उसके पास के ही गांव आसपालसर में उनकी ससुराल थी। एक बार भोमिया के गांव में लुटेरे आ गये और वो गायों को चुरा कर ले जाने लगे। इस पर भोमिया लुटेरों से भिड़ गया। इस दौरान भोमिया बुरी तरह से जख्मी हो गया। उसके बाद भोमिया दौड़ते-दौड़ते अपने ससुराल पहुंच गया और वहां दूसरी मंजिल पर जाकर छिप गया।

लूटेरों ने धड़ से अलग कर दिया भोमिया का सिर

जब लुटेरे वहां पहुंचे और ससुराल वालों से मारपीट करने लगे और भोमिया के बारे में जानकारी मांगी। इस पर ससुराल वालों ने भोमिया के दूसरे मंजिल पर छिपे होने की बात लुटेरों को बता दी। जिसके बाद लुटेरों ने उनका सिर धड़ से अलग कर दिया, लेकिन भोमिया अपना सिर हाथ में लिए हुए उनसे लड़ते रहा और और लड़ते-लड़ते अपने गांव की सीमा के पास पहुंच गया।

भोमिया की पत्नी ने दिया था श्राप 

इस दौरान भोमिया का लड़का भी युद्ध में लड़ते हुए शहीद हो गया। बाद में भोमिया का धड़ उडसर गांव में आकर गिर गया। जहां भोमिया का मन्दिर बनाया गया। इसी दौरान भोमिया की पत्नी ने गांव में श्राप दिया कि आज से घर पर कोई दूसरी मंजिल नही बनाएगा। जो भी दूसरी मंजिल बनाएगा उस पर विपदा आ जाएगी। फिर उसकी पत्नी खुद सती हो गईं।

जो भी दो मंजिल बनाता उस पर विपदा आ जाती

गांव के लोगों ने बताया कि उस दिन के बाद जिस किसी ने दो मंजिल मकान बनाया उस घर की औरत मर गई और एक का तो पूरा परिवार ही खत्म हो गया। इसी डर से लोग यहां कभी भी दो मंजिला घर नहीं बनाते हैं। इस गांव में शिक्षित लोग भी हैं लेकिन वो भी इस परंपरा को मानते हैं। लोगों का कहना है कि वे लोग इसे अंधविश्वास नहीं मानते हैं। ये वर्षों से चली आ रही परंपरा है, जिसे वो लोग तोड़ना नहीं चाहते। हालांकि इस घटना का कोई ऐतिहासिक सबूत नहीं है।

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