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17 साल पहले शहीद हो चुके भाई की प्रतिमा को राखी बांधने हर साल 800 किमी दूर से आती है बहन

भाई-बहन का रिश्ता बहुत ही प्यार भरा होता है। इस रिश्ते में नोकझोंक होती रहती है। यह एक ऐसा रिश्ता है, जिसमें चाहे कितनी भी लड़ाई क्यों ना हो जाए, लेकिन दोनों कुछ देर बाद फिर ऐसे बात करने लगते हैं, जैसे कुछ हुआ ही ना हो। सच में भाई बहन का प्रेम संसार के अनोखे प्रेम में से एक है। एक भाई अपनी बहन के लिए पूरी दुनिया से लड़ने को तैयार हो जाता है। भाई अपनी बहन की आंखों में आंसू नहीं आने देता है। वह अपनी बहन की हर इच्छा को पूरी करने की हर संभव कोशिश करता है।

हमेशा भाई अपनी बहन के साथ खड़ा रहता है। वहीं बहन भी अपने भाई को बहुत प्यार करती है और उसका साथ देती है। भले ही भाई कितनी भी बदमाशी करे, उसे तंग करता हो या फिर लड़ाई झगड़ा करता हो लेकिन बहन अपने भैया के लिए राखी के दिन उपवास रखना नहीं भूलती है। बहन अपने भाई की लंबी उम्र की जहां दुआ मांगती है, वहीं सदा अपने लिए भाई से हर मुसीबत में रक्षा का वचन भी मानती है।

रक्षाबंधन को भाई-बहन के पवित्र प्यार का प्रतीक माना जाता है। इसी बीच आज हम आपको एक ऐसी बहन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इसी प्यार को निभाने के लिए अपने शहीद भाई को राखी बांधने के लिए 800 किलोमीटर की यात्रा कर हर वर्ष रक्षाबंधन पर आती है और अपने भाई की प्रतिमा को बहन हर साल राखी बांधती है।

17 साल पहले शहीद हो चुके भाई की प्रतिमा को हर साल राखी बांधती है बहन

आपको बता दें कि राजस्थान के फतेहपुर में एक बहन अपने शहीद भाई को राखी बांधने के लिए 800 किलोमीटर की यात्रा हर वर्ष करके आती है। शहीद भाई धर्मवीर सिंह की प्रतिमा को राखी बांधने के लिए उसकी बहन उषा इतना लंबा सफर तय करती है। बता दें कि शहीद धर्मवीर सिंह शेखावत की मूर्ति राजस्थान के फतेहपुर में है। उनकी बहन उषा जो पिछले 17 सालों से भाई के पुतले को राखी बांधकर रक्षाबंधन का त्यौहार मना रही हैं।

उषा ने कहा कि भाई से प्यार का बंधन तो हमेशा दिल में रहेगा। यही वजह है कि भाई के शहीद होने के 17 सालों के बाद भी वह उसकी प्रतिमा को राखी बांधना नहीं भूलती हैं। रक्षाबंधन पर उषा ने अपने भाई को याद करते हुए कहा कि हकीकत में तो नहीं लेकिन यादों में वह जिंदा हैं।

बात दें धर्मवीर सिंह शेखावत कश्मीर के लाल चौक में तैनात थे, जहां साल 2005 में हुए आतंकी हमले में वह शहीद हो गए थे। दीनवा लाडखानी गांव में शहीद धर्मवीर सिंह शेखावत की बहन उषा कंवर 17 साल से शहीद भाई की प्रतिमा को राखी बांधने के लिए अहमदाबाद से यहां पर आती हैं।

उषा ने कहा कि भाई देश सेवा के लिए शहीद हो गया। उसकी बहुत याद आती है वह सच में तो जिंदा नहीं है लेकिन हमारे दिल में तो जिंदा है। वह लोगों के लिए भले ही मर चुका है लेकिन हमें नई राहें दिखाने के लिए जिंदा है। जब उषा ने शहीद धर्मवीर की प्रतिमा को राखी बांधी तो वह बेहद भावुक हो गईं और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े।

बताते चलें कि रक्षाबंधन पर ऐसी बहुत सी बहनें हैं, जो अपने शहीद भाइयों की प्रतिमाओं पर राखी बांधती हैं, क्योंकि उन बहनों के लिए आज भी उनका भाई जीवित है। ऐसे में हजारों बहन अपने फौजी भाइयों को सीमा पर राखी भेजते हैं ताकि वह देश की सुरक्षा कर सकें।

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