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जानिए कब मनाई जाएगी हनुमान जयंती, शुभ मुहूर्त में ऐसे करें पूजा, मिलेगा लाभ

महाबली हनुमान जी श्री रामजी के परम भक्त हैं। ऐसा माना जाता है कि कलयुग में भी बजरंगबली अपने भक्तों की भक्ति से बहुत शीघ्र प्रसन्न होते हैं। अगर कोई भक्त अपने सच्चे मन से इनकी पूजा-आराधना करता है तो जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। हनुमान जी को संकट मोचन देवता भी कहा जाता है। इनकी कृपा से व्यक्ति के जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं और जीवन खुशियों से भरपूर होता है।

आजकल के समय में भी ऐसे बहुत से लोग हैं जो हनुमान जी की भक्ति में लीन रहते हैं और इनका आशीर्वाद पाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इनकी पूजा-आराधना करने वाले भक्तों के जीवन में आने वाली बाधाओं और संकट को भगवान हनुमान जी दूर करते हैं। महाबली हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान बाहुक, रामायण, रामचरित मानस का अखंड पाठ, सुंदरकांड का पाठ आदि किया जाता है।

इस दिन मनाई जाएगी हनुमान जयंती

आपको बता दें कि हनुमान जयंती का दिन बजरंगबली की पूजा-आराधना के लिए सबसे विशेष दिन माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हनुमान जयंती प्रति वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस बार हनुमान जयंती 27 अप्रैल 2021 को मनाई जाएगी। ऐसे कई स्थान हैं जहां पर हनुमान जयंती चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के अलावा कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को भी मनाई जाती है।

हनुमान जी की पूजा आराधना से मिलते हैं यह लाभ

  • महाबली हनुमान जी भगवान शिव जी के ग्यारहवें अवतार हैं। शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया गया है कि हनुमान जी आज भी पृथ्वी पर वास करते हैं। इनको चिरंजीवी का आशीर्वाद मिला है। अगर इनकी रोजाना पूजा-आराधना की जाए तो जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख शांति आती है।
  • अगर किसी मनुष्य की कुंडली में शनि का बुरा प्रभाव है तो ऐसी स्थिति में उसको हनुमान जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि जो मनुष्य हनुमान जी की पूजा करता है उसको शनि देवता परेशान नहीं करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि शनिदेव से जुड़ी हुई सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है।
  • अगर महाबली हनुमान जी की विधि-विधान पूर्वक पूजा की जाए तो इससे जीवन की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है। भूत प्रेत बाधा से छुटकारा प्राप्त होता है।

जानिए पूजा विधि

  • महाबली हनुमान जी ब्रह्मचारी थे, इस वजह से इनकी पूजा के दौरान साधक को ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत ही आवश्यक है।
  • हनुमान जयंती के दिन साधक ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के पश्चात साफ-सुथरे लाल रंग के वस्त्र धारण करें और एक चौकी पर राम दरबार स्थापित करें।
  • हनुमान जी की पूजा से पहले भगवान श्री राम जी, माता सीता और लक्ष्मण जी की पूजा कीजिए। उसके पश्चात हनुमान जी को लाल रंग के फूल, सिंदूर, गुड़, चने का प्रसाद, बेसन के लड्डू, गुलाब, धूप, अगरबत्ती, शुद्ध घी या चमेली के तेल का दीपक जलाकर उनकी विधि विधान पूर्वक पूजा कीजिए। इसके पश्चात हनुमान चालीसा का पाठ कीजिए।
  • हनुमान जी की पूजा में चोला चढ़ाएं। सुगंधित तेल और सिंदूर अर्पित करें।
  • भगवान राम सहित माता सीता और लक्ष्मण जी की आरती भी करें। उसके बाद हनुमान जी की आरती कीजिए।
  • आखिर में हनुमान जी को गुड़ चने और लड्डुओं का भोग लगाने के बाद प्रसाद ग्रहण करें और लोगों को बांटे।
  • हनुमान जयंती पर पूजा के दौरान मंत्र “ऊँ हनुमते नम:। या अष्टादश मंत्र ‘ॐ भगवते आन्जनेयाय महाबलाय स्वाहा।” का जाप कीजिए। इससे दैहिक, दैविक और भौतिक तापों से मुक्ति प्राप्त होती है।
  • हनुमान जी की पूजा के दौरान रामचरित मानस का अखंड पाठ, सुंदरकांड का पाठ, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान बाहुक आदि का पाठ कीजिए।

हनुमान जयंती पूजा शुभ मुहूर्त

इस बार पूर्णिमा तिथि प्रारंभ 26 अप्रैल 2021 की दोपहर 12:44 बजे से है और पूर्णिमा तिथि का समापन 27 अप्रैल 2021 की रात्रि 09:01 बजे पर है।

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