धार्मिक

महाशिवरात्रि पर मिलेगी भगवान शिव की अपार कृपा, बस इस तरीके से शिवलिंग पर चढ़ा दें बेलपत्र

हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली शिवरात्रि का बहुत महत्व माना गया है। इसको महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि इस बार 11 मार्च 2021 दिन गुरुवार को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। यह दिन भगवान शिव जी की पूजा अर्चना का सबसे विशेष दिन माना जाता है। इस दिन भक्त महादेव की विशेष पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर महाशिवरात्रि के दिन देवों के देव महादेव की विधि-विधान पूर्वक पूजा की जाए तो इससे भगवान भोले शंकर की विशेष कृपा भक्तों के ऊपर बनी रहती है।

भगवान शिव जी को सबसे शीघ्र प्रसन्न होने वाला देवता माना गया है। यदि कोई भक्त अपने सच्चे मन से इनको एक लोटा जल भी अर्पित कर देता है तो यह उसी में प्रसन्न हो जाते हैं। भक्त भगवान शिव जी की पूजा के दौरान कई चीजें अर्पित करते हैं। उन्हीं चीजों में से एक बिल्वपत्र है। भोलेनाथ को बिल्वपत्र बहुत प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि बिल्वपत्र अर्पित करने से भगवान शंकर जी अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं परंतु बिल्वपत्र अर्पित करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है।

अगर आप भगवान शिवजी को बिल्वपत्र अर्पित करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखते हैं तो इससे शिवजी की अपार कृपा प्राप्त होगी। तो चलिए जानते हैं शिवलिंग पर बिल्वपत्र अर्पित करते समय कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

इस तरह बिल्वपत्र चढ़ाने से हर मनोकामना होगी पूरी

अगर आपकी कोई अधूरी ख्वाहिश है तो ऐसी स्थिति में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर बिल्वपत्र के ऊपर चंदन या अष्टगंध से “ॐ” या फिर शिवजी का पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नमः शिवाय:” लिख कर इसे शिवलिंग पर अर्पित कीजिए। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से मनुष्य की कठिन से कठिन मनोकामना भी पूर्ण हो जाती है।

शिवलिंग पर बिल्वपत्र अर्पित करते समय इन बातों का ध्यान रखें

  • महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आप शिवलिंग की पूजा जरूर कीजिए और पूजा के दौरान बिल्वपत्र जरूर अर्पित करें।
  • अगर आप शिवलिंग की पूजा के दौरान बिल्वपत्र अर्पित कर रहे हैं तो उससे पहले आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि एक दिन पहले ही आप बिल्वपत्र को लाकर गंगाजल में डालकर रख दें।
  • आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि बिल्वपत्र कहीं से भी कटा फटा नहीं होना चाहिए और ना ही यह दूषित हो।
  • ध्यान रखें कि बिल्वपत्र हमेशा पूर्ण होना चाहिए। अगर बिल्वपत्र तीन पत्ती से कम यानी खंडित बेलपत्र है तो यह मान्य नहीं होता है।

इस तरह बिल्वपत्र पकड़कर करें अर्पित

  • अगर आप शिवलिंग पर बिल्वपत्र अर्पित कर रहे हैं तो उस समय के दौरान आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप बिल्वपत्र को अनामिका उंगली और अंगूठे से पकड़ कर ही अर्पित करें। इसके अतिरिक्त भगवान को किसी भी प्रकार की चीज हमेशा सीधे हाथ से ही चढ़ाना चाहिए।
  • कालिका पुराण के मुताबिक, जो आपने शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाया हुआ है उसको उतारने के लिए सीधे हाथ के अंगूठे और तर्जनी उंगली का इस्तेमाल करें।

उपरोक्त आपको महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर पूजा के दौरान शिवलिंग पर बिल्वपत्र किस प्रकार से अर्पित करना चाहिए, इसके बारे में जानकारी दी गई है। अगर आप विधि-विधान पूर्वक महाशिवरात्रि पर भगवान शिवजी की पूजा करते हैं और नियम के अनुसार बिल्वपत्र शिवलिंग पर अर्पित करते हैं तो इससे भगवान शिव जी आपकी हर मनोकामना पूर्ण करेंगे।

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