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बेटे की मौत के बाद सास ने निभाया मां से बढ़कर फर्ज, बहू को पढ़ाया, बनाया लेक्चरर, किया कन्यादान

जब शादी के बाद लड़की अपने ससुराल जाती है तो उसका पति और परिवार उसका अपना परिवार होता है। बहू भी घर की बेटी की तरह ही होती है परंतु अक्सर कई मामलों में देखा गया है कि सास-ससुर अपनी बहू के प्रति बहुत खराब व्यवहार करते हैं। खबरों में आए दिन यह सुनने को मिल जाता है कि सास बहू में लड़ाई झगड़ा हो गया और बहू को घर से बाहर निकाल दिया।

इसके अलावा अगर किसी वजह से पति की मृत्यु हो जाती है तो ऐसे में ससुराल में लड़कियों को बहुत परेशान किया जाता है। पति की मृत्यु के पश्चात सारा दोष बहू के ऊपर ही ससुराल वाले डालते हैं और उसे तरह-तरह से परेशान करने की कोशिश करते हैं परंतु आज हम आपको जिस खबर के बारे में बताने वाले हैं, उसके बारे में जानकर आप भी सास की तारीफ करेंगे।

दरअसल, राजस्थान के सीकर जिले से एक मामला सामने आया है, जहां पर सरकारी टीचर के छोटे बेटे की शादी के अभी 6 महीने ही हुए थे कि उसकी मृत्यु ब्रेन स्ट्रोक की वजह से हो गई। जवानी में ही बहु विधवा हो गई परंतु उसकी सास ने उसे अपने घर बेटी की तरह रखा। सरकारी शिक्षिका ने अपनी बहू की दूसरी शादी कर मिसाल पेश की।

आपको बता दें कि सास ने बहू को बेटी की तरह विदा ही नहीं किया बल्कि इससे पहले उसे पढ़ाया लिखाया और ग्रेड फर्स्ट की लेक्चरर बनाया। इतना ही नहीं बल्कि टीचर ने बेटे की शादी भी बिना दहेज के ही की थी और अब बहू को बेटी जैसा प्यार देकर उसका आंचल मां की ममता से भर दिया है।

बिना दहेज शादी करके भी मिसाल की पेश

आपको बता दें कि सरकारी अध्यापिका कमला देवी रामगढ़ शेखावाटी के ढांढण गांव की रहने वाली हैं। उनके छोटे बेटे का नाम शुभम है। शुभम और सुनीता किसी कार्यक्रम में एक दूसरे से मिले थे जिसके बाद शुभम ने इस बारे में अपने घर में बताया, जिसके बाद उन्होंने शादी के लिए सुनीता के घरवालों से बातचीत की।

सुनीता की पारिवारिक आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। शादी के समय सुनीता के परिवार वाले कुछ भी देने में सक्षम नहीं थे। ऐसे में कमला देवी ने सुनीता को बिना दहेज के ही अपने घर की बहू बनाया।

शुभम और सुनीता 25 मई 2016 को विवाह के बंधन में बंध गए। विवाह के पश्चात शुभम एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए किर्गिस्तान चला गया था, जहां पर नवंबर 2016 में उसकी ब्रेन स्ट्रोक की वजह से मृत्यु सो गई।

शिक्षिका बोली- तीन घरों को खुशियों से भरेगी सुनीता

जब बेटे की मृत्यु हो गई तो उसके बाद जवानी में ही सुनीता विधवा हो गई परंतु सास ने अपनी बहू को अपनी बेटी की तरह रखा और उसे बेटी की तरह ही प्यार दिया। इतना ही नहीं बल्कि सास ने अपनी बहू को पढ़ाया-लिखाया और लेक्चरर बनाया। अब 5 साल के बाद अपनी बहू की बेटी की तरह धूमधाम से दूसरी शादी करवाई।

टीचर कमला देवी का ऐसा बताना है कि सुनीता ने पहले तो अपने माता-पिता के यहां जन्म लेकर उनके घर को खुशियों से भर दिया। विवाह के पश्चात उनके घर में एक बेटे की तरह रही। बीते शनिवार को सुनीता की शादी मुकेश नाम के लड़के से हुई है। अब वह मुकेश के घर को भी खुशियों से भर देगी। कमला देवी ने अपनी बहू की शादी बेटी की तरह करवाई और उसका कन्यादान किया।

बहु को बेटी की तरह बनाया लेक्चरर

कमला देवी का बड़ा बेटा भी है, जिसका नाम रजत बांगड़वा है, जिसका ऐसा बताना है कि जब उनके छोटे भाई शुभम की मृत्यु हो गई तो उसके पश्चात उनकी मां ने सुनीता को मुझसे ज्यादा प्रेम किया। वहीं सुनीता ने भी मां की हर बात मानी। शुभम की मृत्यु के पश्चात भी मां ने सुनीता को एमए, बीएड करवाकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई।

रजत का ऐसा बताना है कि पिछले ही वर्ष सुनीता का चयन लेक्चरर पद पर हुआ है। फिलहाल में वह चुरू जिले के सरदार शहर इलाके के नैणासर सुमेरिया में टीचर है। सुनीता ने अपने माता-पिता और हमारे घर का भी पूरा ध्यान रखा। अपने छोटे भाई को भी सुनीता ने पढ़ाया है।

बेटी की तरह सास ने बहू का किया कन्यादान

सुनीता का ऐसा बताना है कि जब उनके पति की मृत्यु हो गई तो उसके पश्चात एक बेटी की तरह सास से उनको प्रेम मिला। नया जीवन शुरू करने के लिए सास ने मुकेश से उनकी शादी करवा दी है। इतना ही नहीं बल्कि सास ने बेटी की तरह उसका कन्यादान भी किया है। सुनीता बहुत खुश है।

आपको बता दें कि सुनीता के पति मुकेश फिलहाल भोपाल में कैग ऑडिटर के पद पर काम कर रहे हैं। मुकेश के परिवार में माता-पिता के साथ उनका भाई भी है, जो सीकर के चंदपूरा गांव में रहता है। मुकेश का पहला विवाह पिपराली गांव निवासी एएसआई सुमन बगड़िया से हुई थी परंतु सड़क दुर्घटना में उनकी जान चली गई।

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