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मिसाल बने ये डॉक्टर साहब! लड़कियां स्कूल-कॉलेज जा सकें इसलिए PF के पैसों से शुरू की बस सेवा

इस दुनिया में सभी प्रकार के लोग रहते हैं। ज्यादातर लोग पैसा कमाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जो पैसे के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं परंतु कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पैसे को ही सब कुछ नहीं मानते। इन लोगों का मानना है कि भले ही पैसे से चीज-समान खरीदा जा सकता है परंतु खुशी और सुकून नहीं खरीद सकते। देश-दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो किसी ना किसी तरह से मिसाल पेश कर रहे हैं। इसी बीच आज हम आपको एक डॉक्टर के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिन्होंने इंसानियत की मिसाल पेश की है।

दरअसल, राजस्थान के एक डॉक्टर ने एक ऐसी मिसाल पेश की है जिसकी तारीफ हर कोई कर रहा है। सोशल मीडिया पर इन डॉक्टर साहब के नेक कार्य की हर कोई तारीफ कर रहा है। आपको बता दें कि यह डॉक्टर साहब राजस्थान के गांव चुरी, कोटपुतली के रहने वाले हैं। इनका नाम डॉक्टर आर. पी. यादव है, जिनकी सोशल मीडिया पर खूब सराहना हो रही है।

डॉ. आर. पी. यादव की उम्र 61 साल की है और यह राजस्थान के नीम का थान स्थित एक अस्पताल में बच्चों के डॉक्टर हैं। एक बार डॉक्टर साहब अपनी पत्नी के साथ कार में अपने घर जा रहे थे तो उन्होंने रास्ते में देखा कि कुछ लड़कियां पैदल अपने कॉलेज जा रही हैं, तब डॉक्टर साहब ने पैदल जा रही लड़कियों को लिफ्ट दे दी थी। रास्ते में उन लड़कियों ने डॉक्टर साहब को बताया था कि कोई भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट ना होने की वजह से उनको रोजाना ही पैदल गांव से कॉलेज आना-जाना करना पड़ता है। इसी बीच रास्ते में उनके साथ कुछ मनचले छेड़खानी भी करते हैं।

जब डॉक्टर साहब ने लड़कियों की बात सुनी तो उनके मन को काफी दुख पहुंचा और उसके बाद जब वह अपने घर पहुंचे तो उन लड़कियों की बात को सोचकर काफी सोच-विचार किया। कई दिनों तक वह इसी बात पर सोचते रहे थे। आखिर में उन्होंने यह फैसला ले लिया कि वह इन लड़कियों के लिए खुद कुछ करेंगे। तब उन्होंने अपने जीवन भर की जमा पूंजी यानी पीएफ फंड से 19 लाख रूपए निकाले और गणतंत्र दिवस के मौके पर गांव की बेटियों को 52 सीटर बस उपहार के रूप में दे दी।

आपको बता दें कि यह खबर साल 2016 की है जो साल 2017 में सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुई थी परंतु एक बार फिर से एक आईपीएस ऑफिसर की वजह से डॉक्टर साहब सुर्ख़ियों में छाए हुए हैं। आईएएस ऑफिसर अवनीश शरण ने 11 मार्च को एक ट्वीट कर यह लिखा था कि “कोटपुतली राजस्थान के 61 वर्षीय डॉ. आर.पी. यादव ने महसूस किया कि उनके गांव और आसपास की लड़कियों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अभाव में कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल-कॉलेज जाना पड़ता था। यह देखकर उन्होंने अपने प्रोविडेंट फंड से 19 लाख रूपए निकाले और लड़कियों को उनकी खुद की एक बस खरीद दी।

आपको बता दें कि डॉ. यादव ने इस बस का नाम नि:शुल्क बेटी वाहिनी बस सेवा रखा है। डॉक्टर साहब का मानना है कि गांव की सभी बेटियां उनकी अपनी बेटियां हैं और उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए इतना करना उनका फर्ज था। सोशल मीडिया पर डॉक्टर साहब के इस नेक काम की लोग खूब सराहना कर रहे हैं।

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