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खरमास महीने की हो गई शुरुआत, जानिए महत्व, पौराणिक कथा और इस दौरान क्या करें और क्या ना करें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य देवता बृहस्पति देव की राशि धनु और मीन में गोचर करते हैं तब तब खरमास का महीना लगता है। आपको बता दें कि 14 मार्च को सूर्य मीन राशि में गोचर कर चुके हैं। इसकी वजह से खरमास का महीना शुरु हो गया है। हिंदू धर्म में खरमास माह का बहुत महत्व माना जाता है। इस समय के दौरान किसी भी प्रकार का शुभ कार्य करना वर्जित होता है। वैसे खरमास के महीने में पूजा-पाठ, दान पुण्य आदि धार्मिक कार्य किए जा सकते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर खरमास के महीने में पूजा-पाठ और दान-पुण्य जैसे कार्य किए जाए तो इसकी वजह से जीवन की तमाम परेशानियां दूर हो जाती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से खरमास की पौराणिक कथा क्या है और खरमास के दौरान किन कामों को करना चाहिए और किन कामों को नहीं करना चाहिए, इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

खरमास के दौरान क्या करें

  • खरमास के दौरान रोजाना सूर्य देवता की पूजा करनी चाहिए और आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना बहुत ही शुभ माना गया है।
  • खरमास महीने में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करके विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। इस महीने में दान पुण्य जैसे कार्य करना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि दान पुण्य करने से मनुष्य को विशेष फल की प्राप्ति होती है।
  • अगर खरमास के महीने में गरीब और जरूरतमंद लोगों की सहायता की जाए तो इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। इतना ही नहीं बल्कि व्यक्ति के घर में धन की देवी माता लक्ष्मी जी का वास होता है।
  • खरमास के महीने में इष्ट देवों की पूजा और पाठ करना चाहिए और उनके नाम से दान पुण्य के कार्य करने चाहिए। इससे शुभ फल मिलते हैं और जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
  • अगर खरमास के महीने में अपने सामर्थ्य अनुसार दान पुण्य किया जाए तो इससे कुंडली में स्थित अशुभ ग्रहों के प्रभाव से छुटकारा प्राप्त होता है और शुभ फल मिलते हैं।

जानिए खरमास में क्या ना करें

  • खरमास माह में मुंडन, गृह प्रवेश, विवाह आदि संस्कार कार्य नहीं किए जाते हैं। इस महीने में बहू बेटियों की विदाई नहीं करनी चाहिए।
  • खरमास माह में जमीन, प्लॉट, रियल एस्टेट से जुड़ी हुई चीजें मकान नहीं खरीदना चाहिए।
  • खरमास के महीने में सूर्य और गुरु ग्रह से संबंधित चीजों को नहीं खरीदना चाहिए।
  • खरमास के महीने में नए वस्त्र और आभूषण खरीद सकते हैं परंतु पहन नहीं सकते।
  • खरमास के महीने में किसी भी प्रकार का वाद-विवाद और बहसबाजी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस महीने में गेहूं, चावल, मूंग, दाल, आम, सुपारी, सेंधा नमक, जौ, तिल आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

खरमास की पौराणिक कथा

खरमास की पौराणिक कथा के अनुसार एक बार सूर्य देवता अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर पूरे ब्रह्मांड की परिक्रमा कर रहे थे और उनको कहीं भी रुकने की इजाजत नहीं थी क्योंकि अगर वह रुक जाते तो पूरा जनजीवन ठहर जाता। लगातार चलने और विश्राम ना करने की वजह से घोड़े भूख प्यास से बहुत थक गए थे। घोड़ों की यह दशा देखकर सूर्य देवता का मन काफी चिंतित हो गया। तब सूर्य भगवान एक तालाब के किनारे उन घोड़ों को ले गए। तब उनको ऐसा आभास हुआ कि अगर रथ रुका तो अनर्थ हो जाएगा। वहीं तालाब के किनारे दो गधे सूर्य देवता को दिखाई दिए। सूर्य देवता ने घोड़ों को पानी पीने और विश्राम करने के लिए छोड़ दिया और गधों को अपने रथ से जोड़ लिया। जिसकी वजह से रथ की गति बहुत धीमी हो जाती है। जैसे तैसे 1 महीने का चक्र पूरा होता है। तब घोड़े विश्राम कर चुके होते हैं। इस तरह यह क्रम चलता रहता है और हर सौर वर्ष में एक सौरमास खरमास कहा जाता है।

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