कैलाश खेर की जिंदगी रही है बेहद ही दिलचस्प, घर से भागकर की थी 11 साल छोटी लड़की से शादी
कैलाश खेर (Kailash Kher) एक जाने माने सिंगर है. वह सूफी गानों के बेताज बादशाह माने जाते है. सूफी गानों के ये सरताज आज अपना 48 वां जन्मदिन मना रहे है. कैलाश खेर का जन्म 7 जुलाई, 1973 को मेरठ में हुआ था. कैलाश खेर ने वर्ष 2009 में 14 फरवरी को मुंबई बेस्ड स्टूडेंट शीतल भान से शादी की थी. शादी के दो साल बाद ही कैलाश दिसंबर, 2011 में बेटे कबीर के पिता बने थे. कैलाश खेर की पत्नी शीतल दिखने में काफी खूबसूरत है. इतना ही नहीं वह कद में भी काफी लम्बी है. कैलाश खेर जहां 5 फीट 2 इंच के हैं, वहीं उनकी पत्नी की हाइट करीब साढ़े 5 फीट की है.
सिंगर कैलाश खेर ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि, मैं पहले एक अलग ही दुनिया का प्राणी था. वही शीतल की भी एक अलग ही दुनिया थी. मैं गरीब शर्मीला और थोड़ा संकोची स्वभाव का था. वहीं वह मुंबई शहर में पली-बढ़ी कॉन्फिडेंट और मॉर्डन लड़की हुआ करती थी. मगर इतना सब अलग होने के बाद भी हमारी सोच एक जैसी हुआ करती थी. कैलाश ने बताया कि उनकी मुलाकात एक इवेंट के दौरान हुई थी. शीतल उनके फ्रेंड की एक कॉमन फ्रेंड थी. शीतल से पहली मुलाकात में ही उन्हें लगा कि वह एक नेकदिल और को-ऑपरेटिव लड़की है. शीतल ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है.
इस सिंगर ने आगे बताया कि, उन्होंने शीतल के साथ अरेंज मैरिज की है. यह शादी करना भी मेरे लिए आसान नहीं था. मेरे माता-पिता की मौत हो चुकी थी. इसी वजह से मेरी शादी का सभी जिम्मा मेरे दोस्तों ने उठाया. मेरे दोस्तों ने ही हमारा एक-दूसरे से परिचय करवाया था. इसके बाद उन्होंने ही हमारी शादी करवाई. हम लोगों ने 2009 में शादी की थी. वह मुझसे 11 वर्ष छोटी है. मुझे ऐसा लगता है कि म्यूजिक में उसकी दिलचस्पी थी. इसी वजह से उसने मुझसे शादी की.
कैलाश के पिता मेहरचंद खेर मेरठ के रहने वाले कश्मीरी पंडित थे और लोकगीतों की तरफ उनका काफी झुकाव हुआ करता था. इसी वजह से कैलाश खेर में भी 4 साल की उम्र से गाना शुरू कर दिया था. बचपन से ही सूफियाना आवाज़ के धनी कैलाश ने इसके बाद काफी संघर्ष किया. 1999 में कैलाश खेर ने दोस्त के साथ हैंडीक्राफ्ट बिजनेस शुरू किया, मगर इसमें उन्हें काफी नुकसान हुआ. इस व्यापार के फेल होने के बाद उन्होंने खुदकुशी करने का मन बना लिया था.
सिंगर कैलाश खेर ने संगीत की ट्रेनिंग के लिए गुरू की तलाश में 14 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था. घर छोड़ने के बाद वह ऋषिकेश में आकर बस गए और गंगा तट पर साधु संतों के साथ मिलकर भजन मंडली में हिस्सा लेने लगे थे. यहाँ वह अन्य बच्चों को म्यूजिक ट्यूशन देने लगे और अपना खर्चा निकालने लगे. इसके बाद वह वर्ष 2001 में दिल्ली से मुंबई चले आए और यहां आकर काम तलाशने लगे. कई दिनों बाद उन्हें नक्षत्र डायमंड्स के ऐड में जिंगल्स गाने का मौका मिला. इसके बाद धीरे-धीरे उन्हें एड मिलते गए. उन्होंने कोका-कोला, सिटी बैंक, पेप्सी, होंडा मोटरसाइकिल और आईपीएल के जिंगल्स भी गाए.
2003 में आई फिल्म ‘अंदाज’ के गाने ‘रब्बा इश्क ना होवे’ से पहली बार उन्हें फिल्म में गाने का मौका मिला. मगर उन्हें असली पहचान फिल्म ‘वैसा भी होता है 2’ के गाने ‘अल्लाह के बंदे’ से मिली थी. इसके बाद वह देश में छा गए. एलबम ‘तेरी दीवानी’ ने तो धूम मचाकर रख दी थी. कैलाश अब तक 700 से ज्यादा गाने गा चुके हैं.